Selaginella & Life Cycle BSc Botany Notes
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प्रश्न 13 – सिलैजिनेला (Selaginella) के जीवन–चक्र (Life-cycle) का वर्णन कीजिए।
उत्तर –
सिलैजिनेला (Selaginella) वर्गीकरण स्थिति (Systematic Position) :
Pteridophyta
Lepidophyta
Selaginellaceae
Selaginella
प्राप्ति (Occurrencti)- इसकी विश्व में पायी जाने वाली करीब 600 जातियों में से 58 जातियों भारत में पायी जाती हैं। Selaginella भारत के पूर्वी तथा पश्चिमी हिमालय में, दक्षिणी भारत में तथा कुछ पहाड़ी व नमी वाले स्थानों में मिलता है। Seluginella की कुछ जातियाँ xerophytic स्थानों में मिलती है, लेकिन कुछ जातियाँ दूसरे पौधों पर पायी जाती हैं, जैसे- Selaginella oregana,
बाह्य आकृति (External Morphology)—-इसकी अधिकांश जातियाँ जमीन पर रंगकर चलने वाली होती हैं, जबकि Seluginella truchyphylla आदि जातियाँ थोड़ा-सा उठकर चलती हैं तथा ऐसी जातियाँ जैसे Seluginelluerythropus erect होकर चलती हैं। कुछ जातियाँ दूसरे के ऊपर अपने rhizophore की सहायता से चढ़ी रहती है। पूरा पौधा जड़, तना तथा पत्तियों का बना होता है।
तने तथा पत्तियों द्वारा दर्शाए जाने वाले लक्षणों के आधार पर Selaginella को दो भागों में बाँटा जा सकता है.Homotophyllum तथा Homoeophyllum वाली उपजातियों में तना जमीन के सहारे रेंगकर चलता है और पत्तियाँ विभिन्न आकार वाली होती है.— कुछ छोटी पत्तियाँ तथा कुछ बड़ी पत्तियाँ।
Homoeophyllum वाली उपजातियों में पत्तियाँ अलग-अलग आकार की होती हैं। प्रत्येक जोड़े की छोटी पत्ती तने के dorsal side पर लगी रहती है, जबकि बड़ी पत्ती ventral side पर। पत्तियाँ तने पर इस प्रकार से लगी रहती हैं कि छोटी पत्ती दूसरी छोटी पत्ती से एकान्तर क्रम में (alternately) उपस्थित होती है।
पत्तियाँ अवृन्ती होती हैं तथा इनका शिखाग्र (apex) acute और किनारा serrate होता है। पत्ती में एक मध्य-शिरा भी मिलती है। पत्ती के निकलने के स्थान पर ठीक पत्ती और तने के बीच में एक छोटी अंगुली की तरह की रचना होती है जिसे ligule कहते हैं।
तने के विभाजित होने के स्थान पर एक बिना पत्ती वाली रचना नीचे को निकलती है। जिसे rhizophore कहते हैं।
प्रजननांग (Reproductive Structures) Notes
स्पोर धारण करने वाली रचनाओं को स्पोरेन्जिया (sporangia) कहते हैं। ये शाखाओं के अग्र भाग पर मिलते हैं। इस तरह से स्पोरेन्जिया के समूह को strobilus कहते हैं। प्रत्येक strobilus में एक मध्य axis होती है जिसे strobilar axis कहते हैं। इस axis पर पत्तियों के आधार पर strobili लगे रहते हैं। ऐसी पत्तियाँ जिनके आधार पर एक sporangium लगा रहता है, स्पोरोफिल (sporophyll) कहलाती हैं। स्पोरोफिल तथा स्पोरेन्जियम के बीच में ligule स्थित होता है।
Selaginella का पौधा विषम बीजाणुधारक (heterosporous) होता है तथा इसमें दो प्रकार के बीजाणु (spores), लघुबीजाणु (microspores) तथा गुरुबीजाणु (megaspores) होते हैं। ऐसे स्पोरेन्जिया, जिनमें गुरुबीजाणु (megaspores) मिलते हैं, गुरुबीजाणुधानी (megasporangium) कहलाते हैं तथा megasporangium धारण करने वाली पत्ती को
गुरुबीजाणुपर्ण (megasporophyll) कहते हैं। इसी प्रकार लघु बीजाणु (microspores) रखने वाले स्पोरेन्जियम को लघुबीजाणुधानी (microsporangium) तथा उनकी पत्ती को लघुबीजाणुपर्ण (microsporophyll) कहते हैं। Selaginella की अधिकांश जातियों में strobilus में दोनों प्रकार के स्पोरेन्जियम लगे रहते हैं, लेकिन Selaginella gracilis में या तो megasporangia होते हैं या microsporangia होते हैं।
दोनों प्रकार के स्पोरेन्जिया के बाहर की तरफ दो पर्तों वाली jacket की सतह होती है। दोनों स्पोरेन्जिया में छोटी-सी stalk भी रहती है। प्रत्येक मेगास्पोरेन्जियम (mega sporangium) में केवल 4 megaspores रहते हैं, जबकि प्रत्येक माइक्रोस्पोरेन्जियम (microsporangium) में सैकड़ों microspores पाए जाते हैं।
गुरुबीजाणु (megaspore) का आकार 0 • 05-0.5 mm तक होता है तथा इसमें तीन रेखाओं वाले उभार (ridge) मिलते हैं। प्रत्येक megaspore कई बार विभाजित होकर मादा युग्मकोद्भिद् (female gametophyte) बनाता है। इस मादा युग्मकोद्भिद् अथवा अण्ड के अग्र भाग में archegonia उत्पन्न होती है। प्रत्येक archegonium में एक मादा युग्मक (female gamete or egg) होता है।
लघुबीजाणु का आकार 0 • 015-0 : 05 mm तक होता है। यह कई बार विभाजित होकर नर युग्मकोद्भिद् (male gametophyte) बनाता है। इस नर युग्मकोद्भिद् में
एन्थ्रीडिया (antheridia) बनते हैं। प्रत्येक antheridium में बड़ी संख्या में नर युग्मक . (male gametes or spermatozoids) बनते हैं।
निषेचन (fertilization) पानी की उपस्थिति में होता है तथा इसके पूरा होने पर युग्मनज (zygote) बनता है। Zygote में बहुत-से विभाजन होने से एक बहुकोशिकीय भ्रण (embryo) बनता है। इस भ्रूण के विभाजन तथा विकसित होने से Selaginella का नया पौधा बन जाता है।
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