Alimentary Canal Of Pila Bsc Zoology Question Answer

Alimentary Canal Of Pila Bsc Zoology Question Answer

 

Alimentary Canal Of Pila Bsc Zoology Question Answer :- In this post all the questions of the second part of zoology are fully answered. This post will provide immense help to all the students of BSc zoology. All Topic of zoology is discussed in detail in this post.

 


 

प्रश्न 4 – पाइला के पाचन तन्त्र का सचित्र वर्णन कीजिए। 

Explain with diagram the digestive system of Pila.

अथवा पाइला के रैडूला पर टिप्पणी लिखिए। 

Write short note on Radula of Pila. 

उत्तर –

पाइला की आहार नाल

(Alimentary Canal of Pila) Notes

पाइला की आहार नाल एक कुण्डलित नली है जो मुख से आरम्भ होकर गुदा तक फैली होती है। सम्पूर्ण आहार नाल को अग्रांत्र (foregut), मध्यांत्र (midgut) तथा पश्चांत्र (hindgut) तीन भागों में विभक्त किया जाता है।

अग्रांत्र (Foregut) Notes

अग्रांत्र में मुख गुहिका (buccal cavity) और ग्रसिका (oesophagus) आते हैं।

मुख गुहिका में मुख . खुलता है। यह क्यूटिकल द्वारा आस्तरित रहती है और पेशीय नासाकार संरचना मुख पुंज (buccal mass) द्वारा घिरी रहती है। इसकी भित्ती में गति । के लिए पेशियों के कई समुच्चय होते हैं जिनके द्वारा रैडुला (radula) में गति होती है।

Alimentary Canal Of Pila
Alimentary Canal Of Pila

मुख पुंज में पेशियों के कई समुच्चय होते हैं, जिसमें प्रोट्रेक्टर पेशी सुविकसित होती है। इसमें (1) एक ऊपरी सतह की मीडियन डॉर्सल, तीन जोड़ी अग्र पृष्ठ पाश्वर्वीय एवं दो जोड़ी पश्च पृष्ठ पाश्वर्वीय पेशिय़ाँ और (2) अधर सतह पर तीन अग्र पेशियाँ तथा एक जोड़ी लम्बी, सुदृढ़ पार्श्व-अधरीय पेशियाँ होती हैं। यह पेशियाँ मुख पुंज के बहि:सरण तथा अवनमन में सहायक होतीहैं।

प्रघाण एवं जबड़े (Vestibule and Jaws)-मुखगुहिका का अगला नली के आकार का भाग वैस्टीब्यूल और दसरा पश्च भाग होता है। वैस्टीब्यूल के पिछले भाग में दोनों पार्श्व तलों पर मोटे जबड़े (jaws) होते हैं जो एक क्यूटिकली झिल्ली द्वारा परस्पर जुड़े रहते हैं। वैस्टीब्यला भित्ती में अनदैर्घ्य पेशी रेशे होते हैं जो मुख अवरोधनी (mouth sphincter) का निर्माण करते हैं। यह मुख द्वार का नियमन करती है और जबड़ों को चलाती है।

दन्तधर (Odontophore) – मुख गुहिका के पश्च भाग का फर्श एक पेशीयुक्त मोटी संरचना में उभरा होता है जिसे जिह्वा पुंज या ओडोन्टोफोर कहते हैं। यह रचना उपास्थियों के दो समुच्चयों द्वारा समर्थित रहती है—(1) एक जोड़ी त्रिभुजाकार ऊर्ध्व उपास्थियाँ होती हैं, जो दंतधर के शिखर पर उपकला के नीचे स्थित रहती हैं।

Alimentary Canal Of Pila
Alimentary Canal Of Pila

(2) एक जोड़ी ‘S’ आकार की पार्श्वीय उपास्थियाँ दाएँ-बाएँ स्थित रहती हैं। दंतधर के अग्र भाग में एक मोटा प्रवर्ध होता है जिसे सबरैडुलर अंग कहते हैं। सबरैडुलर अंग के नीचे एक सँकरा अवकाश सबलिंगुअल गुहिका होती है।

रैडुला (Radula) –  मुख गुहिका में एक काइटनी वक्रीत रिबन के समान रैडुला या लिंगुअल रिबन होता है। इसके अगले सिरे पर एक जोड़ी पंख समान पल्ले होते हैं जो दंतधर के शिखर पर अनुदैर्घ्य रूप से फैले रहते हैं। इसका पिछला सिरा एक पट्टी के समान रैडुलर कोष में स्थित रहता है। रैडुलर कोष मुख

पुंज के पीछे और नीचे झुका रहता है रैडुला का निर्माण रैडुलर कोष के उपकला आस्तर के स्रावण से होता है। रैडुला की ऊपरी सतह पर असंख्य अनुप्रस्थ पंक्तियों में व्यवस्थित दाँत होते हैं। प्रत्येक पंक्ति में सात दाँत होते हैं जिनमें से एक केन्द्रीय या रैकीडियन और इसके दोनों ओर एक-एक पार्श्वीय और दो-दो मार्जीनल्स होते हैं। दंत सूत्र 2, 1, 1, 1, 2 का होता है। भोजन के कणों को रेतने के लिए रैडला को दन्तधर के ऊपर. आगे और पीछे की ओर चलाया जाता है। रैडुला की इन गतियों को श्रृंखला आरी गतियाँ (Chain sow movements) कहते हैं। ये गतियाँ प्रोट्रेक्टर तथा रीट्रेक्टर पेशियों द्वारा होती हैं। लगातार प्रयोग किए जाने से रैड्ला के अग्रभाग में टूट-फूट होती रहती है, परन्तु इसके पिछले सिरे पर लगातार रैड्ला पदार्थ की वृद्धि होती रहती है जिससे अग्र सिंरे की पूर्ति होती रहती है।

Alimentary Canal Of Pila
Alimentary Canal Of Pila

ग्रसिका (Oesophagus) Notes

ग्रसिका एक सँकरी व लम्बी नली होती है जो मुँख पुंज के पृष्ठतल से निकलती है। यह पीछे की ओर मुड़कर अंतरंग पुंज में प्रवेश करने के बाद आमाशय में खुल जाती है।

आमाशय (Stomach) Notes

आमाशय अंतरंग पंज पर बायीं ओर पेरिकार्डियम के नीचे स्थित रहता है। इसकी गुहिका ‘u’ के आकार की होती हैं। इसमें दो भाग होते हैं—(1) एक पश्च चौड़ा भाग कार्डियक चैम्बर(cardiac chamber) जिसमें ग्रसिका खुलती है तथा (2) दूसरा सँकरा एवं अग्र भाग जिससे ऑत्र निकलती है पाइलोरिक चैम्बर (pyloric chamber) कहलाता है। आमाशय के अन्दर का आस्तर वलित होता है। कार्डियक चैम्बर के नीचे की भित्ति के बाहरी तल से एक छाटा गोल सीकम (caecum) निकलता है। कार्डियक तथा पाइलोरिक आमाशय के मिलने स्थान पर पाचक ग्रन्थि से आयी एक वाहिनी खुलती है।

आंत्र Intestine) Notes

पाइलोरिक आमाशय के बाद एक लम्बी एवं कण्डलित आंत्र होती है। यह पीछे की ओर चलकर रक्टम में खुलती है। रेक्टम में खुलने से पहले यह जनन ग्रन्थि तथा पाचक ग्रन्थि के बीच 2.5 या 3 कुण्डलियाँ बनाती है।

मलाशय (Rectum) Notes

यह मोटी भित्ति वाली नली है जो प्रावार गुहिका के क्लोम कक्ष में कंकत क्लोम (ctenidium) तथा जननिक वाहिनी के बीच होकर आगे बढ़ जाती है। गुदा वाहिनी कंधरा पालि (nuchal lobe) के किनारे से लगभग 6 मिमी दूर रहती है।

पाचक ग्रन्थियाँ (Digestive glands) Notes

  1. लार ग्रन्थियाँ (Salivary glands)-लार ग्रन्थियाँ दो होती हैं। यह मुख पुंज के पश्च भाग में दाएँ-बाएँ स्थित होती हैं। प्रत्येक ग्रन्थि से एक वाहिनी मुखपुंज की पेशियों में प्रवेश करके मुख गुहिका के पृष्ठ मुख ग्रन्थियों के क्षेत्र में खुल जाती है। इनसे निकलने वाली लार में म्यूसिन समान पदार्थ तथा कार्बोहाइड्रेज एन्जाइम होता है, जो स्टार्च का पाचन करता है।
  2. पाचक ग्रन्थि (Digestive gland)—यह त्रिभुजाकार प्लेट या शंकु समान कुण्डलित अंतरंग पुंज के एक बड़े भाग में पायी जाती है। इसे यकृत या यकृत-अग्न्याशय (hepatopancreas) कहते हैं। इस

ग्रन्थि में दो मुख्य पालियाँ होती हैं- एक छोटी पालि आमाशय के सम्पर्क में और दूसरी बड़ी पालि होती है। दोनों पालियों से अलग-अलग दो वाहिनियाँ निकलती हैं जो आमाशय में खुलने से पहले आपस में मिलकर एक वाहिनी बनाती हैं। पाचक ग्रन्थियों की रचना असंख्य कूपिकाओं (alveoli) से होती है जिनसे निकलने वाली शाखित नलियों के आपस में मिलने से दो वाहिनियाँ बनती हैं।

Alimentary Canal Of Pila
Alimentary Canal Of Pila

कूपिकाएँ तीन प्रकार की कोशिकाओं से बनी पाचक उपकला से आस्तरित रहती हैं

(1) स्त्रावी कोशिकाएँ सेलुलोस को पचाने वाले एन्जाइम का स्राव करती हैं।

(2) पुनः शोषण कोशिकाएँ (reabsorptive cells) प्रोटीनों का अन्त:कोशिकाय पाचन करती हैं।

(3) कैल्सियमी कोशिकाएँ (lime cells) कैल्सियम फॉस्फेट का संग्रह करती हैं। इन कूपिकाओं में अधपचा भोजन, प्रवेश करता है जहाँ उसके सेलुलोस तथा प्रोटीन का पाचन होता है।

भोजन-पाइला का भोजन वैलिसनेरिया तथा पिस्टिआ के समान रसीले पादप होते हैं।

 


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