What are elastic collisions Notes
What are elastic collisions Notes:- Inertial reference frame, Newion’s laws of motion, dynamics of particle in rectilinear and circular motion, conservative and non-conservative forces, conservation of energy, linear momentum and angular momentum, collision in one and two-dimensional cross-section.
प्रश्न 8. प्रत्यास्थी संघट्ट क्या है? उदाहरणसहित समझाइए। दो पिण्डों के बीच प्रत्यास्थी एकविमीय संघट्ट की व्याख्या कीजिए तथा सिद्ध कीजिए कि एकविमीय संघट्ट में यदि दोनों पिण्डों के द्रव्यमान बराबर हों तो प्रत्यास्थी संघट्ट के बाद उनके वेग आपस में बदल जाते हैं।
What are elastic collisions? Explain with examples. Discuss one dimensional elastic collision of two bodies and prove that in a one dimensional collision of two bodies of equal masses the bodies simply exchange velocities as a result of collision.
उत्तर : प्रत्यास्थी संघट्ट– जब दो टकराने वाले पिण्डों के बीच लगने वाले पारस्परिक बल संरक्षित रहते हैं, तो संघट में गतिज ऊर्जा संरक्षित रहती है, अर्थात् दो पिण्डों के संघट में, संघट्ट के बाद गतिज ऊर्जा उतनी ही रहती है जितनी संघट्ट से पहले थी। इसे ‘प्रत्यास्थी संघट्ट’ कहते हैं।
दो पिण्डों के बीच एकविमीय प्रत्यास्थी संघट्ट-माना दो पिण्डों के द्रव्यमान m1 व m2 हैं। सम्मुख प्रत्यास्थी संघट्ट से पहले पिण्डों के वेग (एकविमीय) v1i व v2i है तथा
यदि दोनों पिण्डों के द्रव्यमान बराबर हों तो
m1 = m2 तब समीकरण (4) व (5) से,
v1f = V2i तथा v2f = V1i
अत: यदि दोनों पिण्डों के द्रव्यमान बराबर हों तो सम्मुख प्रत्यास्थी संघट्ट के बाद उनके वेग आपस में बदल जाते हैं।
प्रश्न 9. किसी अक्ष के परितः घूमते एक पिण्ड के ‘जड़त्व–आघूर्ण‘ तथा ‘घूर्णन त्रिज्या‘ की परिभाषाएँ दीजिए। इसकी भौतिक सार्थकता समझाइए। ..
Define moment of inertia and radius of gyration of a moving body about an axis. Explain its physical significance.
अथवा जड़त्व–आघूर्ण की परिभाषा बताइए तथा इसकी भौतिक सार्थकता दीजिए। एक पतली गोल डिस्क का जड़त्व–आघूर्ण (a) उसके तल के लम्बवत् तथा इसके केन्द्र से गुजरने वाली अक्ष के परितः (b) इसके व्यास के परितः ज्ञात कीजिए।
Define moment of inertia and give its physical significance. Find out the expression for the moment of inertia of a thin circular disc (a) about an axis through its centre and perpendicular to its plane (b) about its diameter.
उत्तर : जड़त्व–आघूर्ण— एक अक्ष के परितः स्वतन्त्रतापूर्वक गति करते हुए किसी पिण्ड में अपनी वर्तमान विरामावस्था अथवा घूर्णी अवस्था में ही रहने की प्रवृत्ति होती है। पिण्ड अपनी अवस्था परिवर्तन का विरोध करता है। पिण्ड का यह गुण घूर्णन-अक्ष के परितः जड़त्व-आघूर्ण कहलाता है।
यदि किसी कण का द्रव्यमान m तथा घूर्णन-अक्ष से उसकी दूरी r है, तब कण का घूर्णन-अक्ष के परितः जड़त्व-आघूर्ण I, द्रव्यमान m तथा दूरी r के वर्ग के गुणनफल के बराबर होता है, अर्थात् .
I = mr2
चित्र-10 में एक पिण्ड दर्शाया गया है जो कि पिण्ड के एक बिन्दु O से गुजरने वाली तथा पिण्ड के तल के लम्बवत् अक्ष के चारों ओर घूर्णन कर रहा है। यदि पिण्ड के कणों के द्रव्यमान m1, m2, m3,…. हों तथा उनकी घूर्णन-अक्ष से दूरियाँ क्रमश: r1, r2, r3,…. हों तो पिण्ड का घूर्णन अक्ष के परितः जड़त्व-आघूर्ण निम्नलिखित प्रकार होगा
यहाँ dm, पिण्ड के एक अनन्त-सूक्ष्म अवयव का द्रव्यमान है जो कि घूर्णन-अक्ष से दूरी पर है। अत: किसी पिण्ड का किसी घूर्णन–अक्ष के परितः जड़त्व–आघूर्ण उसके कणों के द्रव्यमानों तथा कणों की घूर्णन–अक्ष से क्रमानुसार दूरियों के वर्गों के गुणनफलों का योग हाता है। स्पष्ट है कि जड़त्व-आपूर्ण केवल पिण्ड के द्रव्यमान पर ही निर्भर नहीं करता – स बात पर भी निर्भर करता है कि पिण्ड का द्रव्यमान पिण्ड में घूर्णन–अक्ष के साल किस प्रकार वितरित है।
जड़त्व–आघूर्ण की भौतिक सार्थकता— न्यूटन के प्रथम गति मक अनुसार प्रत्येक वस्तु अपनी विरामावस्था अथवा एकसमान गति की अवस्था को बनाए रखती है, जब तक कि उस पर बाह्य बल लगाकर उसकी अवस्था में परिवर्तन न किया जाए। वस्तुओं का यही गुण जड़त्व (inertia) कहलाता है। किसी वस्तु का द्रव्यमान जितना
अधिक होता है, उसकी विरामावस्था अथवा रेखीय वेग में परिवर्तन 4 अथवा एक निश्चित रेखीय त्वरण उत्पन्न करने के लिए, उतने ही चित्र-10 आधक बल की आवश्यकता होती है। इस प्रकार किसी वस्तु का द्रव्यमान ही उसके जड़त्व का परिमाण है।
इसी प्रकार विरामावस्था में किसी वस्तु को किसी अक्ष के परितः घुमाने के लिए अथवा घूर्णन करती वस्तु के कोणीय वेग में परिवर्तन अथवा कोणीय त्वरण उत्पन्न करने के लिए, उस पर एक बलाघूर्ण लगाना पड़ता है। वस्तु के इस गुण को वस्तु का घूर्णन-अक्ष के परितः जड़त्व–आघूर्ण कहते हैं। वस्तु का घूर्णन-अक्ष के परितः जड़त्व-आघूर्ण जितना अधिक होगा, उस वस्तु को उस अक्ष के परितः घुमाने के लिए अथवा उसके घूर्णन को रोकने के लिए, उतने ही अधिक बलाघूर्ण की आवश्यकता होगी।
उपर्युक्त व्याख्या से स्पष्ट है कि वस्तु का जड़त्व-आघूर्ण उसकी घूर्णी गति से उसी प्रकार सम्बन्धित है जिस प्रकार वस्तु का द्रव्यमान उसकी स्थानान्तरीय गति से सम्बन्धित होता है।
घूर्णन–त्रिज्या—किसी पिण्ड की किसी घूर्णन-अक्ष के परितः घूर्णन-त्रिज्या अक्ष से वह दूरी है जिसके वर्ग को पिण्ड के कुल द्रव्यमान से गुणा कर देने पर, पिण्ड का उस घूर्णन-अक्ष के परितः जड़त्व-आघूर्ण प्राप्त हो जाता है। अतः यदि पिण्ड की किसी अक्ष के परितः घूर्णन-त्रिज्या k हो तो पिण्ड का उस अक्ष के परितः जड़त्व-आघर्ण
भौतिक सार्थकता—किसी अक्ष के परितः घूर्णन करते पिण्ड का जड़त्व-आघूर्ण ज्ञात करने के लिए, हम पिण्ड के सम्पूर्ण द्रव्यमान को घूर्णन-अक्ष से त्रिज्य दूरी K पर संकेन्द्रित मान सकते हैं (पिण्ड के द्रव्यमान-केन्द्र पर नहीं।)
(a) गोल डिस्क (Circular Disc) का उसके तल के लम्बवत् तथा उसके केन्द्र से गुजरने वाली अक्ष के परितः जड़त्व–आघूर्ण-चित्र-11 में एक डिस्क प्रदर्शित है
जिसका केन्द्र 0 तथा त्रिज्या R है। माना डिस्क के एकांक क्षेत्रफल का द्रव्यमान अर्थात् डिस्क का पृष्ठ-घनत्व pie है।
इस डिस्क को हम बहुत-सी संकेन्द्री रिंगों से मिलकर बना मान सकते हैं। इनमें से एक रिंग की त्रिज्या r तथा अनन्त सूक्ष्म चौड़ाई dr है। स्पष्ट है
(b) व्यास के परितः जड़त्व–आघूर्ण— माना डिस्क के दो परस्पर लम्बवत् व्यास AOB व COD हैं (चित्र-12)। डिस्क प्रत्येक व्यास के सापेक्ष सममित है। अत: डिस्क का प्रत्येक व्यास के परितः जड़त्व-आघूर्ण एक ही होगा। माना यह Id है।
लम्ब अक्षों की प्रमेय के अनुसार डिस्क का इसके केन्द्र O से गुजरने वाली तथा तल के लम्बवत् अक्ष के परितः जड़त्व-आघूर्ण I, इसके तल में स्थित व्यासों AOB तथा COD के परितः जड़त्व चित्र-12 आघूर्णों के योग के बराबर होगा।
अत: I = Id + Id = 2Id
परन्तु I = 1/2 MR2
Id = ½ I= ¼ MR2
प्रश्न 10. एक ठोस गोले का जड़त्व-आघूर्ण उसके व्यास के परितः एवं उसके त पर खींची गई स्पर्श रेखा के परितः ज्ञात कीजिए।
Calculate moment of inertia of a solid sphere about its diameter and tangent.
उत्तर : ठोस गोले का व्यास के परितः जड़त्व–आघूर्ण माना R त्रिज्या का एक ठोस गोला है जिसका केन्द्र O है (चित्र-13)। गोले के पदार्थ का घनत्व p है। X’OX तथा YOY’ अक्ष एक-दूसरे के लम्बवत् हैं।
यह गोला अनेक डिस्कों से बना मान लेते हैं जिनके पृष्ठ YY’ के समान्तर हैं तथा केन्द्र अक्ष X’ X पर स्थित है। माना ऐसी ही एक डिस्क का केन्द्र O’ है तथा त्रिज्या y है। यह गोले के केन्द्र 0 से दूरी पर है तथा इसकी मोटाई dx है।
स्पर्श रेखा के परितः जड़त्व–आघूर्ण— गोले के तल पर खींची गई स्पर्श रेखा उसके व्यास के समान्तर तथा व्यास से R दूरी पर होती है, अतः समान्तर अक्षों की प्रमेय के अनुसार, गोले का उसकी स्पर्श रेखा के परित: जड़त्व-आघूर्ण
प्रश्न 11. एक कण तात्कालिक कोणीय वेग w तथा कोणीय त्वरण a के साथ त्रिज्या r के वृत्त में घूमता है। यदि इसका रेखीय त्वरण a है तथा त्रिज्या के अनुदिश और लम्बवत् एकांक वेक्टर ur तथा u0 है तो सिद्ध कीजिए
A particle moves in a circle of radius r with instantaneous angular speed w and angular acceleration a. If the linear acceleration is a and unit vectors along and perpendicular to the radius are ur and uo respectively, prove that
उत्तर : वृत्तीय गति में किसी कण के रेखीय तथा कोणीय चरों के बीच सदिश रूप में सम्बन्ध-माना कि कोई कण P मूलबिन्दु O से गुजरने वाली एक निश्चित अक्ष के परितः
यह रेखीय वेग तथा कोणीय वेग के बीच सदिश सम्बन्ध है। इसके संगत अदिश सम्बन्ध v=rw है क्योंकि u0 का अदिश परिमाण 1 है। .
समीकरण (5) का अवकलन करने पर,
यह रेखीय त्वरण तथा कोणीय त्वरण का सदिश सम्बन्ध है।
प्रश्न 12.(क) केन्द्रीय बल क्या होते हैं? इनके गुण बताइए।
What are central forces? Give their properties.
(ख) दर्शाइए कि केन्द्रीय बल सदैव संरक्षी होते हैं।
Show that central forces are always conservative.
उत्तर : (क) केन्द्रीय बल— वह बल जो सदैव एक स्थिर बिन्दु की ओर को अथवा उससे दूर की ओर को दिष्ट होता है तथा जिसका परिमाण केवल उस बिन्दु से दूरी पर निर्भर करता है, केन्द्रीय बल’ कहलाता है। उदाहरण-गुरुत्वाकर्षण बल, स्थिर वैद्युत बल आदि।
केन्द्रीय बलों के गुण— (1) केन्द्रीय बलों की परास लम्बी होती है।
(2) यह दो पिण्डों के बीच केन्द्रों को जोड़ने वाली रेखा के अनुदिश कार्यरत होता है। .
(3) यह एक संरक्षी बल है
(4) ये बल स्थिर बिन्दु से दूर या उसकी तरफ कार्यरत होते हैं।
(5) ये बल सर्वव्यापी होते हैं अर्थात प्रत्येक स्थान पर समान रूप से होते है और हर जगह पाए जाते हैं।
(ख) केन्द्रीय बल संरक्षी होता है— माना कि एक कण बिन्द O से दर की ओर दिष्ट केन्द्रीय बल के अन्तर्गत A से B की ओर किसी भी पथ के अनुदिश चलता है। O को केन्द्र
प्रश्न 13. किसी चिकने आनत तल पर बिना फिसले लुढ़कती हुई वस्तु के त्वरण के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए। समान त्रिज्याओं का ठोस गोला, डिस्क, खोखला गोला व छल्ला किसी झुके तल पर समान ऊँचाई से लुढ़काए जाते हैं। ये पृथ्वी पर किस क्रम से पहुँचेंगे?
Derive an expression for the acceleration of a body rolling down on a smooth inclined plane without slipping. A sphere, disc, spherical shell, and a ring of the same radius are allowed to roll down on an inclined plane from the same height. In which order will they reach on the ground?
उत्तर : झुके तल पर लुढ़कती वस्तु में त्वरण— जब कोई वस्तु, किसी झुके तल पर बिना फिसले लुढ़कती है तो वह अपने गुरुत्व केन्द्र में से गुजरने वाली अक्ष के इर्द-गिद धमती है तथा साथ ही उसका गुरुत्व केन्द्र भी आगे बढ़ता है, अत: वस्तु में घूर्णी गति व सथानान्तरीय गति दोनों होती हैं। जैसे-जैसे वस्तु पृथ्वी की ओर आती है, उसकी स्थितिज ऊर्जा घटती जाती है, परन्तु वह घूर्णी एवं स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा प्राप्त करती जाती है। माना घर्षण आदि के कारण ऊर्जा का ह्रास नगण्य है।
तब वस्तु की स्थितिज ऊर्जा में कमी = वस्त को प्राप्त गतिज ऊर्जाओं का योग।
माना m द्रव्यमान तथा R त्रिज्या की गोल वस्तु क्षैतिज से कोण पर झुके नत तल पर विराम स्थिति से लढकना प्रारम्भ करती है तथा S दूरी तय करने पर उसका रेखीय वेग v तथा कोणीय वेग w हो जाता है (चित्र-16),
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