Theory Schering Bridge Determination of Capacitance

Theory Schering Bridge Determination of Capacitance

Theory Schering Bridge Determination of Capacitance:- Semiconductors, intrinsic and extrinsic semiconductors, n-type and p-type semiconductors, unbiased diode, forward bias and reverse bias diodes, diode as a rectifier, diode characteristics, Zener diode, avalanche and Zener breakdown, power supplies, rectifier, bridge rectifier, capacitor input filter, voltage regulation, Zener regulator. Bipolar transistors three doped regions, forward and reverse bias, D.C. alpha, D.C. beta transistor curves.

प्रश्न 8. धारिता ज्ञात करने के लिए शेरिंग सेतु का वर्णन आवश्यक सिद्धान्त सहित -कीजिए। इसके गुणों को बताइए। 

Describe with the necessary theory the Schering bridge for the determination of capacitance. Give its properties. 

 

उत्तर : शेरिंग सेतु (Schering Bridge)-किसी मानक संधारित्र के सापेक्ष, यह अन्य संधारित्रों की धारिताएँ ज्ञात करने की एक यथार्थ विधि है। इसका परिपथ चित्र-29 में दिखाया गया है।

 

भुजा ABमें अज्ञात धारिता का संधारित्र लगा है जिसे शुद्ध धारिता C1 तथा इसके श्रेणीक्रम में लगे आभासी प्रतिरोध r1 के द्वारा प्रदर्शित किया गया है। भुजा AE में एक मानक संधारित्र C3 लगा है जिसका आभासी प्रतिरोध उपेक्षणीय है। शेष दो भुजाओं में प्रेरणहीन प्रतिरोध R2 एवं R4 लगे हैं। R4 के समान्तर-क्रम में अविरत रूप से परिवर्ती अंशांकित (calibrated) वायु संधारित्र C4 लगा है।

 

Theory Schering Bridge Determination of Capacitance
Theory Schering Bridge Determination of Capacitance

 

Theory Schering Bridge Determination of Capacitance

 

 

प्रतिबन्ध (1) व (2) C4 व R4 को बारी-बारी से समायोजित करके स्वतन्त्रतापूर्वक सन्तुष्ट किए जा सकते हैं। ऐसा तब तक करते हैं जब तक कि संसूचक में ध्वनि या विक्षेप आना बन्द नहीं हो जाता। फिर C1 व r1 की गणना क्रमशः समीकरण (2) व (1) से कर लेते हैं।

 

अज्ञात संधारित्र के शक्ति गुणांक wC1r1 की गणना भी की जा सकती है। यहाँ w, प्रत्यावर्ती धारा स्रोत की कोणीय आवृत्ति है।

 

गण (Merits)— (i) इसे उच्च विभव पर केबिलों तथा विद्युतरोधियों के व्या परीक्षण के काम में लाया जाता है।

(i)  इससे बहुत छोटी तथा सामान्य धारिताएँ यथार्थतापूर्वक नापी जा सकती है।

(iii) सन्तुलन के प्रतिबन्ध एक-दूसरे से बिल्कुल स्वतन्त्र हैं तथा सम्भरण आवृत्ति निर्भर नहीं करते।

(iv) इसकी सहायता से द्रवों के परावैद्युतांक नापे जा सकते हैं।

 


Zoology

Inorganic Chemistry

Lower Non-Chordata

Video Lecture

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top