Stem Of Lycopodium BSc Botany Notes
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प्रश्न 8 – लाइकोपोडियम के तने की आन्तरिक संरचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर –
लाइकोपोडियम का तना
(Stem of Lycopodium) Notes
तने की अनुप्रस्थ काट का अध्ययन करने पर निम्न संरचनाएँ दिखाई देती हैं।
- बाह्यत्वचा (Epidermis)—यह पैरेन्काइमा कोशिकाओं की बनी एकस्तरीय परत है जो सबसे बाहर की तरफ होती है तथा क्यूटिकिल (cuticle) से ढकी रहती है। इसमें रन्ध्र भी पाए जाते हैं।
- कॉर्टेक्स (Cortex)—यह कई स्तरों की बनी होती है इसकी संरचना विभिन्न जातियों में अलग-अलग होती है। आमतौर पर यह तीन भागों की बनी होती है। ____
(i) बाहरी कॉर्टेक्स (outer cortex), (ii) मध्य कॉर्टेक्स (middle cortex) : (iii) आन्तरिक कॉर्टेक्स (inner cortex)। बाहरी तथा आन्तरिक कॉर्टेक्स स्क्ले रनकाइमेट कोशिकाओं से निर्मित होता है तथा इसमें अन्तराकोशिकीय अवकाश (intercellular spaces नहीं मिलते हैं। मध्य कॉर्टेक्स (middle cortex) पैरेन्काइमेटस कोशिकाओं से निर्मित होता । लाइकोपोडियम की कुछ जातियों में कॉर्टेक्स भिन्नित नहीं होता है (जैसे- ला० सिलेगो)।
- एण्डोडर्मिस तथा पेरीसाइकिल (Endodermis and Pericycle) एण्डोडर्मिस कुछ जातियों में भली प्रकार विकसित होती है तथा इसकी कोशिकाओं पर .. कैस्पेरियन स्ट्रिप (casparian strip) मिलती है। इसके नीचे एक परत या एक से अधिक परतों वाली पेरीसाइकिल मिलती है।
- स्टील (Stele)- लाइकोपोडियम की विभिन्न जातियों तथा पादप के विभिन्न भागों में स्टील अलग-अलग हो सकती हैं।
तरुण तने में (young stem) जाइलम गोल होता है तथा फ्लोएम से घिरा होता है। इस प्रकार की स्टील को हैप्लोस्टील (haplostele) कहते हैं। कुछ जातियों में जाइलम तथा फ्लोएम एकान्तर पट्टी के रूप में मिलते हैं। यह स्टील प्लेक्टोस्टील (plectostele) कहलाती है (ला० वोल्यूबाइल) कुछ जातियों में जाइलम ताराकार होता है तथा प्रोटोजाइलम एक्सार्क (exarch) होता है। यह स्टील एक्टिनोस्टील (actinostele) कहलाती है; जैसे—ला० सिलेगो। ला० सर्नुअम में जाइलम तथा फ्लोएम के छोटे-छोटे समूह आपस में मिश्रित होते हैं। इसे मिक्सड प्रोटोस्टील (mixed protostele) कहते हैं। प्रोटोजाइलम में एन्यूलर तथा रेटीकुलेट स्थूलन (annular and – reticulate thickening) मिलते हैं तथा मेटाजाइलम में स्क्ले रीफार्म या बॉर्डड पिट मिलते हैं। फ्लोएम में सीव कोशिकाएँ (sieve cells) तथा पैरेन्काइमा की कोशिकाएँ होती हैं। स्टील में पिथ का अभाव होता है। अत: यह प्रोटोस्टील कहलाती है।
कैम्बियम (cambium) अनुपस्थित होती है। अतः द्वितीयक वृद्धि नहीं पायी जाती हैं। पर्ण ट्रेस (leaf trace) प्रत्येक पत्ती में एक मध्य शिरा के रूप में मिलते हैं तथा इसी प्रकार शाखा ट्रेस (Branch trace) मिलते हैं। लीफ गैप नहीं मिलते हैं।