Rhynla BSc 1st Year Botany Notes
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प्रश्न 7 – राइनिया की उत्पत्ति, आवास तथा स्पोरोफाइट की रचना का वर्णऩ कीजिए।
उत्तर –
राहनिया (Rhynla)
वर्गीकरण स्थिति (Systematic Position) : Notes
विभाग (division) टेरिडोफाइटा (Pteridophyta)
उपविभाग (Subdivision) राइनोफाइटा (Rhyniophyta)
वर्ग (Class) राइनेटी (Rhyniate)
गण (Order) राइनेल्स (Rhyniales)
कुल (family) राइनेसी (Rhyniaceae)
वंश (GIS) राहनिया (Rhymia)
उत्पत्ति एवं आवास (Octure( NIRabilit) राहनिया रेरिडोफाइटा दिविजान राहनियोफाइटा का फांसिल मदर है। महानोका बिनिमाइलोफाइटा का नया नाम है। इस सदस्य की खोज स्कॉटलैण्ड के जिला वरडीनशायर के स्थान नि (Rhynie) से हुई थी। इसी कारण इसका नाम राइनिया (Rhymma) पड़ा। किड्स (Kidston) एवं लैंग (Lang) (1917) ने इसे सर्वप्रथम इस स्थान पर पायी जाने वाली Middle Devonion की चट्टानों से खोजा था। इसकी केवल दो जातियों को ही अब ही खोजा जा चुका है। ये है—-Rhynia major एवं Rhymia guynne vaughanil
किडस्टन और लैंग (1917) ने सझाया था कि ये पौधे अब से लगभग 370 million गत वर्ष पहले ज्वालामुखियों के आस-पास उगते थे। गर्म पानी के सोतों के आस-पास भी Rhymia के पौधे उगते थे। इसके पौधे पेट्रीफाइड फॉसिल के रूप में मिलते हैं।
स्पोरोफाइट की रचना (Structure of Sporophyte) . Notes
Rhynia की दोनों जातियाँ (Rhynia major a Rhynia gwynne-vaughani) शाकीय प्रकार के पौधे थे। Rhynia major के पौधे दूसरी जाति के पौधों से थोड़े बड़े थे। इन पौधों में एक राइजोम (rhizome) होता था जिसके नीचे की ओर rhizoids निकलती रहती थीं
एवं ऊपर की तरफ को वायवीय तने (aerial stem) निकले रहते थे। Rhynia major के वायवीय तने लगभग 50 cm तक ऊँचाई में पहुँच जाते थे एवं उनका व्यास लगभग 1. 5-6mm होता था। दूसरी ओर Rhynia gwynne-vaughani के पौधे लगभग 20 cm ऊँचे थे एवं उनका व्यास लगभग 1-3 mm तक था।
दोनों जातियों के राइजोम डाइकोटोमसली शाखित होते थे। इसके तने भी ऐसे ही शाखित होते थे। तना हरा, सीधा एवं शाखित होता था जिसका कार्य भोजन बनाना भी होता था। पौधे में जड़ें पूर्ण रूप से अनुपस्थित होती थीं, लेकिन इसके राइजोम (rhizome) से बहुत-सी सामान्य एक कोशिका वाली rhizoids निकलती थीं। ____
Rhynia major की वायवीय शाखाएँ चिकनी, पर्णहीन एवं नग्न होती थीं। ये या तो नुकीली होकर अग्र भागों के रूप में समाप्त हो जाती थीं अन्यथा इनके अग्र भागों पर sporangia लगे रहते थे। स्पोरेन्जिया लम्बे एवं अण्डाकार होते थे। प्रत्येक स्पोरेन्जियम लगभग 11 mm लम्बा एवं 4 mm व्यास का होता था।
Rhynia gwynne-vaughani की वायवीय शाखाओं पर अपस्थानिक शाखा (adventitious branches) निकली रहती थीं। इस जाति में इस प्रकार की शाखा rhizome के ऊपर से भी निकलती थीं। पहले ये अपस्थानिक शाखाएँ हेमीस्फेरीकल (hemispherical) होती थीं, लेकिन बाद में मुग्दर के आकार की बन जाती थीं। ___
दोनों जातियों के स्पोरेन्जिया के अन्दर स्पोर्स भरे रहते थे। सभी स्पोर्स एक ही आकार के (homosporous) होते थे। प्रत्येक sporangium में कुछ spores tetrahedral रूप में लगे दिखाई देते थे। राइनिया के स्पोर मोटी दीवार वाले, एककोशिकीय एवं एक केन्द्रक वाले होते थे।
राइनिया के गैमिटोफाइट के बारे में ज्यादा जानकारी अभी प्राप्त नहीं हो सकी है।