Sexual Reproduction In Macrandrous Species BSc Notes
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प्रश्न 13 – ऊडोगोनियम की मैक्रैन्ड्रस प्रजातियों में लैंगिक जनन का वर्णन कीजिए।
उत्तर –
मैक्रैन्ड्स प्रजातियों में लैंगिक जनन
(Sexual Reproduction in Macrandrous Species) Notes
मैक्रैन्ड्रस ऊडोगोनियम की उभयलिंगाश्रयी प्रजातियों जैसे ऊडोगोनियम फ्रेजाइल तथा : ऊडोगोनियम नोड्यूलोसम आदि में एन्थ्रीडिया (पुंधानी) व ऊगोनिया (अण्डधानी) एक ही । तन्तु पर बनते हैं, जबकि इसकी एकलिंगाश्रयी प्रजातियों जैसे ऊडोगोनियम एक्वेटिकम तथा ऊडोगोनियम क्रेसम आदि में एन्थीडियम व ऊगोनिया अलग-अलग तन्तुओं में बनते हैं।
एन्थ्रीडियम (Antheridium) Notes
ये अन्तस्थ (terminal) अथवा इण्टरकैलेरी (intercalary) होते हैं। ये पुंधानी मातृ कोशिका (antheridial mother cell) में विभाजन के फलस्वरूप बनती है। विभाजन कायिक कोशिका के समान ही होता है। नई बनने वाली पुत्री कोशिका छोटी व पुंधानी कोशिका (antheridial cell) कहलाती है तथा नीचे वाली कोशिका लम्बी व सिस्टर कोशिका (sister | cell) कहलाती है। सिस्टर कोशिका में बार-बार विभाजन से 2-40 तक पुंधानी कोशिकाएं बनती हैं। प्रत्येक पुंधानी कोशिका छोटी, चपटी, एककेन्द्रकीय होती है। पुंधानी कोशिका का केन्द्रक सूत्री विभाजन द्वारा विभाजित होता है तथा दो केन्द्रक बनते हैं। प्रत्येक केन्द्रक के चारों ओर थोडा-थोड़ा कोशिकाद्रव्य एकत्र होता है तथा इस प्रकार दो पुंमणु (antherozoid) बनते हैं। ऊडोगोनियम कार्डिएकम म एक पुंधानी कोशिका में चार पुंमणु बनते हैं।
पुमणु की सरचना चल बीजाणु क समान ही होती है। ये केवल उसमें आपाप में छोटे होते हैं तथा इनमें कशाभिकाओँ की सख्या भी कम होती है। पुंमणु भी चलबीजाणु के समान हो एक पुटिका अथवा थैली में आकर पानी में स्वतन्त्र होते हैं। कुछ प्रजातियों में पुंमणु का कशाभिकाएँ चलबीजाणु से लम्बी होती हैं। पुंमणु एककेन्द्रकीय, एककोशिकीय तथा बहुकशाभिक होते हैं।
ऊगोनियम (Oogonium) ___ Notes
ऊगोनियम अथवा अण्डधानी ऊगोनियम मातृ कोशिका (oogonial mother cell) में अनुप्रस्थ विभाजन द्वारा बनते हैं। ये अन्तस्थ (terminal) अथवा इण्टरकैलेरी (intercalary) होते हैं। विभाजन के पश्चात् बनने वाली ऊपरी पुत्री कोशिका को अण्डधानी अथवा ऊगोनियम कहते हैं, परन्तु निचली कोशिका को सपोर्टिंग अथवा सफलटरी (supporting or suffultory) कोशिका कहते हैं। उस परिस्थिति में अण्डधानियाँ शृंखलाबद्ध दिखाई देती हैं।
अण्डधानी अथवा ऊगोनियम एक गोल अथवा अण्डाकार एककेन्द्रिक कोशिका है। इसका केन्द्रक बड़ा होता है। प्रत्येक ऊगोनियम पर एक या अधिक कैप कोशिकाएँ मिलती हैं। ऊगोनियम का जीवद्रव्य रूपान्तरित होकर अण्ड अथवा ओवम बनाता है। नव अण्ड हरा होता हैं इसमें केंन्द्रक केन्द्र में स्थित है तथा एक हरितलवक मिलता है। अण्ड अचल संरचना है। परिपक्व अण्ड में केन्द्रक परिधि की ओर आ जाता है। एक छोटा-सा छिद्र भित्ति भाग में दिखाई देता है। इसके पीछे एक रंगहीन रिसेप्टिव स्पॉट (receptive spot) . मिलता है। निषेचन से पूर्व अण्ड का कोशिकाद्रव्य सिकुड़कर भित्ति से दूर हो जाती है। रंगहीन रिसेप्टिव स्पॉट से पुमणु निषेचन के समय प्रविष्ट होते हैं।