BSc Zoology Structure Of Animal Cell Question Answer

BSc Zoology Structure Of Animal Cell Question Answer

 

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विस्तृ उत्तरीय प्रश्न?

प्रश्न 1 – यूकैरियोटिक कोशिका की संरचना का वर्णन कीजिए। यह किस प्रकार से प्रोकैरियोटिक कोशिका से भिन्न है

Describe the structure of Eukaryotic cell. How it is different from Prokaryotic cell ?

अथवा कोशा की संरचना कार्य का वर्णन कीजिए। 

Describe structure and functions of the cell.

अथवा जन्तु कोशिका की परासंरचना का वर्णन कीजिए और इसका स्वच्छ और अंकित चित्र भी बनाइए। 

Describe the ultra-structure of animal cell with well labelled diagram.

अथवा जन्तु एवं पादप कोशा में दो अन्तर स्पष्ट करते हुए कोशा की संरचना कार्यों का उल्लेख कीजिए। 

Describe the structure and functions of cell with two differences in animal and plant cell. 

उत्तर 

प्राणी कोशिका की संरचना 

(Structure of Animal cell) Notes

यूकैरियोटिक कोशिका को तीन भागों में बाँटा जा सकता है –

  1. जीवद्रव्य कला या कोशिका कला (cell membrane)
  2. केन्द्रक (nucleus)
  3. कोशिकाद्रव्य (cytoplasm)|
  4. जीवद्रव्य कला या कोशिका कला (Cell membrane)-प्रत्येक कोशिका का जीवद्रव्य एक अत्यधिक पतली तथा अदृश्य झिल्ली अर्थात् जीवद्रव्य कला से घिरा रहता है। यह लिपिड अणुओं की बनी दोहरी भित्ति है, जो दो प्रोटीन परतों के बीच रहती है। जीवद्रव्य कला अर्द्धपारगम्य (semipermeable) होती है। जीवद्रव्य कला कोशिका को निश्चित आकार प्रदान करती है तथा उसकी रक्षा करती है।
  5. केन्द्रक (Nucleus)—यह कोशिका की सभी जैविक क्रियाओं का नियमन एवं नियन्त्रण करता है। यह गोल या अण्डाकार होता है, किन्तु यह लम्बा, रिबन के आकार का या बहुखण्डीय भी हो सकता है। यह अधिकतर कोशिका में एक ही होता है। केन्द्रक के चारों ओर एक अर्द्धपारगम्य केन्द्रक कला (nuclear membrane) होती है जिसके भीतर केन्द्रक रस (nuclear sap) भरा होता है, इसे nucleoplasm कहते हैं।

    Structure Of Animal Cell
    Structure Of Animal Cell

केन्द्रक कला कोशिका कला की भाँति दोहरा आवरण है, जो लिपिड तथा प्रोटीन की बनी होती है। इसमें अनेक सूक्ष्म छिद्र होते हैं जिन्हें nuclear pores कहते हैं। केन्द्रकद्रव्य पारदर्शी एवं ‘समांग (homogeneous) होता है जिसकी सघनता (consistency) सदैव बदलती रहती है। इसमें केन्द्रक जाल (nuclear reticulum) तथा केन्द्रिक (nucleolus) पाए जाते हैं।

केन्द्रक जाल पतले क्रोमैटिन धागों का महीन जाल है जिन पर क्रोमैटिन कण लगे रहते हैं, जिससे ये माला के समान दिखाई देते हैं। केन्द्रक विभाजन के समय ये क्रोमैटिन धागों या छड़ों के रूप में अलग हो जाते हैं जिन्हें गुणसूत्र (chromosomes) कहते हैं। क्रोमैटिन न्यूक्लियोप्रोटीन्स का बना होता है जिसमें हिस्टोन (histone) प्रोटीन, जटिल प्रोटीन, DNA (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल) तथा RNA (राइबोन्यूक्लिक अम्ल) होते हैं।

DNA तथा RNA का प्रत्येक अणु पेन्टोज शर्करा, फॉस्फोरिक अम्ल तथा चार क्षारों (bases) का बना होता है। DNA कोशिका की समस्त क्रियाओं का नियन्त्रण करता है, आनुवंशिक गुणों का नियमन करता है तथा RNA बनाता है।

केन्द्रक कोशिका की उपापचय क्रियाओं का नियन्त्रण करता है तथा आनुवंशिकी एककों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंचाता है।

  1. कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm)-जीवद्रव्य कला तथा केन्द्रक के बीच के स्थान में एक रंगहीन, अल्पपारदर्शी कोशिकाद्रव्य भरा रहता है। कोशिकाद्रव्य में अनेक उपसूक्ष्मदर्शी धागे के समान रचनाएँ पायी जाती हैं जैसे एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम (endoplasmic reticulum) उपसूक्ष्म नलिकाओं के रूप में होता है जिसमें से कुछ कोशिका झिल्ली पर खुलती हैं, कुछ केन्द्रक झिल्ली पर तथा कुछ नलिकाएँ दोनों से जुड़ी रहती हैं; सेन्ट्रोसोम (centrosome) केन्द्रक के समीप तथा कोशिका के मध्य में पाए जाते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया (mitochondria) अलग-अलग अथवा झुण्डों में पाए जाते हैं ये कोशिका में पावर हाउस का कार्य करते हैं। गॉल्जी काय (golgi bodies) केन्द्रक अथवा सेन्टोसोम के पास स्थित होते हैं तथा स्रावी कोशिकाओं में अधिक संख्या में होते हैं। राइबोसोम (ribosomes) अतिसूक्ष्म दाने के समान रचनाएँ हैं जो RNA तथा प्रोटीन की बनी होती हैं और ऐमीनो अम्लों से प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करती हैं। स्त्राव कणिकाएँ (secretory granules) एन्जाइम तथा स्रावित पदार्थ के कण होते हैं। लाइसोसोम (lysosomes) एन्जाइम से भरी. रिक्तिकाएँ होती हैं जो पाचन का कार्य करती हैं। प्लास्टिड (plastids) अधिकतर वनस्पति कोशिकाओं में तथा कुछ जन्तु कोशिकाओं में भी पाए जाते हैं तथा पौधों में हरे रंग के प्लास्टिड क्लोरोप्लास्ट, सूर्य के प्रकाश में जल तथा CO2 की सहायता से स्टार्च बनाते हैं। धानियाँ (vacuoles) रिक्त स्थान हैं जिनमें पानी अथवा पानी में घुले पदार्थ भरे होते हैं। ये वनस्पति कोशिकाओं में तथा प्रोटोजोआ जन्तुओं में पायी जाती हैं तथा निस्यन्द पदार्थ कोशिकीय अजैव पदार्थ (ergastic substances) कणिकाएँ हैं, जो गोलों तथा बूंदों के रूप में पाए जाते हैं।

यूकैरियोटिक तथा प्रोकैरियोटिक कोशिका में अन्तर

(Differences between Eukaryotic and Prokaryotic cells) Notes

अन्तर का आधार यूकैरियोटिक कोशिका प्रोकैरियोटिक कोशिका
1.    केन्द्रक आवरण होता है। नहीं होता है।

 

2.    डी०एन०ए० प्रोटीन के साथ संलग्न नग्न
3.    क्रोमोसोम अनेक एकल
4.    केन्द्रिक उपस्थित अनुपस्थित
5.    राइबोसोम 18S (60S+ 40S) 70S(50s + 30S)
6.    एण्डोमेम्ब्रेन उपस्थित अनुपस्थित

 

माइटोकॉन्ड्रिया

7.

उपस्थित

 

अनुपस्थित (श्वसनीय तथा फोटोसिन्थेटिक एन्जाइम्स प्लाज्मा कला में पाए जाते हैं।

 

8.    क्लोरोप्लास्ट पादप कोशिकाओं में उपस्थित। अनुपस्थित
9.    कोशिका कला केवल पादपों में सेलुलोस की सेलुलोस रहित

 

10.  विभाजन माइटोसिस अथवा मिओसिस। अमाइटोसिस
एक्सो तथा एण्डोसीटोसिस

11.

उपस्थित अनुपस्थित

 

 

जन्तु तथा पादप कोशा में अन्तर

(Differences between animal and plant cell)

क्रO

संo

जन्तु कोशा  पादप कोशा 

 

1. जन्तु कोशा में प्लाज्मा कला के बाहर की ओर कोशा भित्ति (cell wall) का अभाव होता है।

 

पादप कोशा में प्लाज्मा कला के बाहर

की ओर कोशा भित्ति उपस्थित होती है।

 

2. जन्तु कोशा में लवकों (plastids) का अभाव होता है।

 

पादप कोशा में लवक उपस्थित होते हैं।
3. जन्तु कोशा में केन्द्रक कोशा के मध्य में उपस्थित होता है।

 

पादप कोशा में बड़ी रिक्तिका की

उपस्थिति के कारण केन्द्रक परिधि की

ओर उपस्थित होता है।

 

 

कोशा के कार्य (Functions of the cell) – सभी जीव कोशिकाओं से बने हैं। कोशिका जीवन की मूलभूत इकाई है। इसमें उन सभी कार्यों को करने की क्षमता विद्यमान होती है जो बहुकोशिकीय जीव करते हैं। केवल एक कोशिका से बने जीव एककोशिकीय (unicellular) कहलाते हैं। इन जीवों में जीवन की सभी जैविक क्रियाएँ एक ही कोशिका में सम्पन्न होती हैं। अधिकांश जीव अनेक कोशिकाओं से निर्मित होते हैं तथा बहुकोशिकीय (multicellular) कहलाते हैं। इन जीवों में कोशिकाएँ विभिन्न कार्यों के लिए रूपान्तरित होती हैं। उदाहरणार्थपौधों में भोजन को संग्रह करने हेतु पैरन्काइमा (parenchyma), मजबूती प्रदान करने हेतु स्कैलैरन्काइमा (Schlerenchyma), जल तथा खनिज पदार्थों के स्थानान्तरण हेतु जाइलम तथा पत्तियों में निर्मित कार्बनिक पदार्थों के स्थानान्तरण हेतु फ्लोयम कोशिकाएँ उपस्थित होती हैं।

इसी प्रकार प्रत्येक जीव एकल कोशिका (single cell) से विकसित होता है जिसे युग्मनज (zygote) कहते हैं। चूँकि शरीर की सभी कोशिकाएँ युग्मनज से विकसित होती हैं। अत: आनुवंशिक दृष्टि से ये समान होती हैं तथा परिपक्व होने पर किसी ऊतक अथवा अंग का भाग बनकर एक विशिष्ट कार्य करती हैं।

कोशिका में उपस्थित माइटोकॉन्ड्रिया, राइबोसोम, गॉल्जीकाय, केन्द्रक, अन्तःप्रद्रव्यी जालिका आदि अंगक विशिष्ट कार्यों के लिए उत्तरदायी होते हैं जिनके फलस्वरूप प्रत्येक कोशिका एक स्वतन्त्र एकल जीव के रूप में कार्य करती है।

 


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