BSc Zoology Power House Of Cell Question Answer

BSc Zoology Power House Of Cell Question Answer

 

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प्रश्न 3 – कोशिका कापावर हाउसक्या है? माइटोकॉन्ड्रिया में ऊर्जा कैसेउत्पन्न होती है

What is the ‘Power House’ of the Cell ? Explain how energy is produced in the Mitochondria ? 

उत्तर

कोशिका का पावर हाउस 

(Power House of Cell) Notes

माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका का पावर हाउस (शक्तिगृह) कहलाता है क्योंकि इनके द्वारा भोज्य पदार्थों का जारण (oxidation) या आन्तरिक श्वसन होता है और ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह ऊर्जा विभिन्न शारीरिक क्रियाओं की पूर्ति के लिए उपयोग में लायी जाती है। ऊर्जा के उत्पादन के समय होने वाली विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं को श्वसन चक्र (respiratory cycle) या उपापचय पथ (metabolic pathway) कहते हैं। इस क्रिया में अनेक भोज्य पदार्थ (जैसे-ग्लूकोस, एमीनो अम्ल व फैटी अम्ल), ऑक्सीजन, Co,2 तथा जल की सहायता से टूटकर पाइरुविक अम्ल बनाते हैं और ऊर्जा उत्पन्न होती है जो ATP में बन्धित हो जाती है।

माइटोकॉन्ड्रिया में ऊर्जा का उत्पादन

(Production of Energy in Mitochondria) Notes

ग्लूकोस के एक अणु के ऑक्सीकरण (glycolysis) से 3-Pyruvic acid के दो अणु तथा ATP के अणु उत्पन्न होते हैं। बाद में पाइरुविक अम्ल का प्रत्येक अणु एन्जाइम्स की सहायता से 2-Acetyl Co-enzyme-A में परिवर्तित हो जाता है और इसी के साथ एक हाइड्रोजन परमाणु निकलता है जो कि इलेक्ट्रॉन अभिगमन तन्त्र में प्रवेश कर जाता है। 2-Acetyl Co-enzyme-A क्रेब्स चक्र में प्रवेश करता है जो कि माइटोकॉन्ड्रिया में होता है। क्रेब्स चक्र में 2-Acetyl Co-A का प्रत्येक अणु खण्डित होकर CO2 तथा H20 और पाँच हाइड्रोजन (5 H) परमाणु उत्पन्न करता है।

CH3COCOOH   3co2 + 2h2o+5h+

Pyruvic acid     Krebs Cycle

इस प्रकार केब्स चक्र में 10 हाइड्रोजन परमाणु (10H’) तथा ग्लाइकोलिसिस में दो हाइड्रोजन (2H) परमाणु उत्पन्न होते हैं। इलेक्ट्रॉन अभिगमन तन्त्र में एक हाइडोजन परमाणु द्वारा इतनी ऊर्जा उत्पन्न होती है जो कि 3ADP अणुओं को 3ATP अणुओं में बदल देती है, इसीलिए 10 हाइड्रोजन के परमाणु 36 ATP अणु उत्पन्न करते हैं।

C6 h12 o6  6co2 + 6h2o+ 38 ATP

यह ऊर्जायुक्त कम्पाउण्ड (A – P ~ P ~ P) कोशिका के माइटोकॉन्ड्रिया में संगृहीत रहता है। ATP के अन्तिम ‘P’ के मुक्त होने से 7000 कैलोरी ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह क्रिया कोशिकीय श्वसन में होती है।

A-P~ P ~ P →A -P+ P + L + 7000 calories

यह मुक्त ऊर्जा कोशिका की अनेक उपापचय क्रियाओं में काम आती है। ग्लूकोस के प्रत्येक अणु के विघटन में चार पद होते हैं

  1. ग्लाइकोलिसिस, 2. ऑक्सीकारी विकार्बोक्सीकरण, 3. क्रेब्स चक्र, 4. श्वसनपथ या ऑक्सीकारी फॉस्फोरिलीकरण (इलेक्ट्रॉन परिवहन पथ)।

क्रेब्स चक्र तथा ऑक्सीकारी फॉस्फोरिलीकरण सम्मिलित रूप से कोशिकीय श्वसन (cellular respiration) कहलाते हैं। ये दोनों क्रियाएँ माइटोकॉन्ड्रिया में होती हैं।

  1. ग्लाइकोलिसिस या एम्बडेन मेयरहॉफ पथ

(Glycolysis or Embden Meyerhof Pathway) 

ग्लाइकोलिसिस की क्रिया में ग्लूकोस का प्रत्येक अणु पाइरुविक अम्ल के दो अणुओं में टूट जाता है और ऊर्जा मुक्त होती है जो ATP के दो अणुओं में बन्धित हो जाती है। यह क्रिया अनेक पदों में पूर्ण होती है और प्रत्येक पद के लिए विशिष्ट एन्जाइम होता है। इसे एम्बडेन मेयरहॉफ पथ कहते हैं। इस क्रिया में ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती।

(i) ग्लूकोस के एक अणु से Pyruvic acid के दो अणु बनते हैं।

(ii) इस प्रक्रिया में 2ATP अणु फॉस्फोरिलीकरण के काम आते हैं, किन्तु इस प्रक्रिया में 4 ATP का उत्पादन होता है। अत: कुल 2ATP अणु प्राप्त होते हैं।

BSc Power House Of Cell
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(iii) इस प्रक्रिया में 2h परमाणु उत्पन्न होते हैं जो NAD द्वारा ग्रहण कर लिए जाते हैं और NADH + H में बदल जाते हैं। 21 इलेक्ट्रॉन अभिगमन-तन्त्र को स्थानान्तरित हो जाते हैं।

  1. ऑक्सीकारी विकार्बोक्सीकरण (Oxidative Decarboxylation) 

ऑक्सी श्वसन में Pyruvic acid के अणु माइटोकॉन्ड्रिया में प्रवेश करते हैं, जहाँ इनमें से प्रत्येक 2-कार्बन वाले ऐसीटिक अम्ल में बदल जाता है तथा एक कार्बन CO2 के रूप में मुक्त हो जाता है। Pyruvic acid से CO2 के निष्कासन को विकार्बोक्सीकरण (decarboxylation) कहते हैं। ऐसीटिक अम्ल Co-enzyme-A के साथ Acetyl Co-A बनाता है। इस क्रिया में 2H मुक्त होते हैं जो NAD द्वारा ग्रहण कर लिए जाते हैं

और NADH’ बनता है। 2H, इलेक्ट्रॉन परिवहन तन्त्र में स्थानान्तरित होकर 3ATP अणु बनाते हैं। इस प्रकार ग्लूकोस के एक अणु से Pyruvic acid के दो अणु बनते हैं जिनसे GATP अणु बनते हैं।

  1. क्रेब्स चक्र या ऑक्सीश्वसन (Krebs Cycle) 

Acetyl Co-A क्रेब्स चक्र में प्रवेश करता है और इसमें अनेक श्रृंखलाबद्ध परिवर्तन होते हैं तथा अन्त में यह C02 तथा H20 में ऑक्सीकृत हो जाता है तथा ऊर्जा मुक्त होती है।

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