BSc Physics Very Important Question Answer
BSc Physics Very Important Question Answer:-Real Gas: vander Waal’s gas, equation of state, nature of vander Waal’s forces, comparison with experimental P-V curves. The critical constants, gas and vapour, Joule expansion of ideal gas and of a vander Waal’s gas, Joule coefficient, estimates of J-T cooling.
प्रश्न 21. गैस के ताप तथा आन्तरिक ऊर्जा में अन्तर कीजिए।
उत्तर : गैस का ताप गैस के अणुओं की केवल ‘स्थानान्तरीय’ गतिज ऊर्जा से सम्बन्धित होता है, उनकी स्थितिज ऊर्जा से नहीं। परन्तु गैस की आन्तरिक ऊर्जा में अणुओं की सभी प्रकार की ऊर्जाएँ सम्मिलित होती हैं।
प्रश्न 22. किसी गैस की Cp का मान Cv से अधिक होता है, व्याख्या कीजिए। सभी प्रतीक अपने सामान्य अर्थों में है।
उत्तर : जब किसी गैस को गर्म करते हैं तो साधारणतया उसका ताप और आयतन दोनों बढ़ते हैं। दी गई ऊष्मा का कुछ भाग ताप अथवा आन्तरिक ऊर्जा बढ़ाने के काम आता है तथा कुछ भाग गैस के प्रसार में बाह्य दाब के विरुद्ध कार्य करने में व्यय होता है, परन्तु यदि गैस को गर्म करते समय आयतन स्थिर रखा जाए तो गैस को दी गई ऊष्मा केवल ताप बढ़ाने के काम आती है। अतः यदि 1 मोल गैस का ताप, स्थिर दाब पर 1° बढ़ाया जाए तथा फिर 1 मोल गैस का ताप, स्थिर आयतन पर 1° बढ़ाया जाए तो पहली दशा में दी गई ऊष्मा की मात्रा दूसरी दशा में दी गई ऊष्मा से अधिक होगी।
दूसरे शब्दों में, स्थिर दाब पर गैस की आण्विक विशिष्ट ऊष्मा Cp स्थिर आयतन पर आण्विक विशिष्ट ऊष्मा Cv से अधिक होती है।
Cp > Cv
प्रश्न 23. किस ताप पर एक परमाणु की गतिज ऊर्जा 1.0 ev होगी? दिया है : k = 1. 38×10-28 जूल/K तथा 1.0ev = 1.60x 10-19 जूल।
हल : परमाणु में केवल 3 (स्थानान्तरीय) स्वातन्त्र्य कोटियाँ होती हैं, अत: ऊर्जा समविभाजन नियम के अनुसार, परमाणु की परम ताप T पर औसत गतिज ऊर्जा 3/2 kT होगी।
प्रश्नानुसार,

प्रश्न 24. एक गैस के लिए वान डर वाल्स नियतांक a = 0.1328 न्यूटन–मीटर4 / मोल2 तथा b= 32×10-6 मीटर3 / मोल2 हैं। किस अधिकतम ताप तक जूल–टॉमसन प्रसार से शीतलन उत्पन्न होगा? (R = 8.31 जूल/मोल-K)
हल : जूल-टॉमसन प्रसार द्वारा गैस के व्युत्क्रमण ताप T तक शीतलन उत्पन्न होता है, जहाँ

प्रश्न 25. किसी गैस के बॉयल ताप, क्रान्तिक ताप तथा व्युत्क्रमणीय ताप के बीच सम्बन्ध स्थापित कीजिए।

यह व्युत्क्रमण ताप तथा बॉयल ताप के बीच सम्बन्ध है।
प्रश्न 26. ताप की अभिधारणा समझाइए और ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम लिखिए।
उत्तर : ताप— किसी वस्तु का ताप उसकी गर्माहट अथवा ठण्डेपन की माप होता है। यदि कोई वस्तु दूसरी वस्तु की अपेक्षा अधिक गर्म प्रतीत होती है तो वह दूसरी वस्तु की अपेक्षा ‘ऊँचे ताप पर’ कही जाती है। इसके विपरीत यदि वस्तु किसी दूसरी वस्तु की अपेक्षा ठण्डी प्रतीत होती है तो वह दूसरी वस्तु की अपेक्षा ‘नीचे ताप’ पर कही जाती है।
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम— ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम ऊर्जा-संरक्षण के नियम का ही एक रूप है। इसे निम्न प्रकार व्यक्त कर सकते हैं-
जब ऊर्जा के अन्य रूपों को ऊष्मा में अथवा ऊष्मा को ऊर्जा के अन्य रूपों में रूपान्तरित करते हैं तब इन ऊर्जाओं तथा रूपान्तरित ऊष्मा के बीच एक निश्चित अनुपात होता है।
यदि किसी प्रक्रम में निकाय को अनन्त सूक्ष्म ऊष्मा dQ दी जाती है तथा निकाय द्वारा अनन्त सूक्ष्म कार्य dw किया जाता है तो निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन भी अनन्त सूक्ष्म dU होगा। तब
dU = dQ- dw
अथवा dQ = dU + dw
यह ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का अवकल रूप है।
प्रश्न 27. जूल प्रसार तथा जूल–टॉमसन प्रसार में अन्तर बताइए।
उत्तर : जूल प्रसार (Joule’s Expansion) तथा जूल-टॉमसन प्रसार । (Joule-Thomson Expansion) में अन्तर-जूल प्रसार एक ‘मुक्त (free) प्रसार है . जिसमें गैस. अचानक ही निर्वात में प्रसारित होती है। अत: कोई बाह्य कार्य नहीं करती। गैस : केवल अन्तरा-अणुक आकर्षण के विरुद्ध ‘आन्तरिक’ कार्य करती है जिससे शीतलन उत्पन्न । होता है, परन्तु यह प्रभाव उपकरण की अधिक ऊष्मा-धारिता के कारण प्रायः प्रेक्षित नहीं होता।
जूल-टॉमसन प्रसार में गैस आन्तरिक कार्य तो करती ही है, परन्तु इसके साथ-साथ गैस द्वारा अथवा गैस पर ‘बाह्य’ कार्य भी होता है। दोनों कार्यों का नैट प्रभाव शीतलन अथवा तापन अथवा शून्य कुछ भी हो सकता है (यह गैस के प्रारम्भिक ताप पर निर्भर करता है। साधारण तापों पर, हाइड्रोजन व हीलियम में हल्का-सा तापन होता है, जबकि अन्य सभी गैसों में शीतलन होता है।
प्रश्न 28. क्या कास्केड की विधि से हाइड्रोजन गैस को द्रवित कर सकते हैं?
उत्तर : नहीं, हाइड्रोजन का क्रान्तिक ताप -240°C है तथा ऐसा कोई शीतलक नहीं है ‘ जो हाइड्रोजन को -240°C से नीचे ठण्डा कर दे।
प्रश्न 29. पुनर्योजी शीतलन विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर : पुनर्योजी शीतलन की विधि (Method of Regenerative Cooling) : यह विधि जूल-टॉमसन प्रसार पर आधारित है। यदि गैस का प्रारम्भिक ताप उसके व्युत्क्रमण ताप (temperature of inversion) से नीचा है तो जूल-टॉमसन प्रसार से गैस को शीतल किया जा सकता है। गैस का प्रारम्भिक ताप उसके व्युत्क्रमण ताप से जितना कम होता है, जूल-टॉमसन प्रसार से गैस उतनी ही अधिक शीतल होती है। दूसरे शब्दों में, यदि एक दी गई गैस पर जूल-टॉमसन प्रसार की क्रिया बार-बार दोहरायी जाए तो गैस बहत अधिक शीतल होकर साधारण दाब पर ही द्रवित हो जाती है। इसे ‘पुनर्योजी शीतलन’ का सिद्धान्त कहते हैं। इस विधि द्वारा सन् 1895 में जर्मनी में लिंडे (Linde) ने तथा इंग्लैण्ड में हैम्पसन (Hampson) ने वायु को द्रवित किया था।
डीवार ने तथा कैमरलिंग ओनेस ने अलग-अलग द्रव वायु को निम्न दाब पर उबालकर इसके द्वारा हाइड्रोजन को उसके व्युत्क्रमण ताप (-80°C) से नीचे तक शीतल किया। फिर इस हाइड्रोजन को पुनर्योजी शीतलन के द्वारा उसके सामान्य क्वथनांक -253°C तक शीतल किया जिसके फलस्वरूप हाइड्रोजन ने 1 वायुमण्डलीय दाब पर द्रवित करने में सफलता प्राप्त का।
प्रश्न 30. चुम्बकीय शीतलन का सिद्धान्त समझाइए।
उत्तर : जब किसी अनुचुम्बकीय पदार्थ को लगभग 1K ताप पर चुम्बकित किया जाता है तो पदार्थ के अणु चुम्बकन-क्षेत्र की दिशा में संरेखित हो जाते हैं तथा पदार्थ कुछ गम ही जाता है। अब यदि पदार्थ को उसके प्रारम्भिक ताप तक ठण्डा होने दिया जाए तथा फिर उसका रुद्धोष्म विचुम्बकन कर दिया जाए तो उसके अणु पुनः अस्त-व्यस्त हो जाते हैं तथा पदाथ 1 से नीचे तक ठण्डा हो जाता है।
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