BSC Organic Chemistry Long Question Answer

 

प्रन 8. (अ) ज्यामितीय समावयवता को उदाहरणों द्वारा समझाइए।

(ब) समपक्ष व विपक्ष रूपों में विभेद कीजिए अर्थात् मैलेइक अम्ल (समपक्ष तथा फ्यूमेरिक अम्ल (विपक्ष) में विभेद समझाइए।

अथवा ज्यामितीय समावयवता क्या है? मैलेइक तथा फ्यूमेरिक अम्लों की समावय का वर्णन कीजिए। समावयवी यौगिकों के विन्यास को आप कैसे निर्धारित करेगः

उत्तर : (अ) ज्यामितीय समावयवता-यह समावयवता कार्बन-कार्बन वि. (double bond) युक्त यौगिकों के द्वारा प्रदर्शित की जाती है। चूंकि द्वि-बन्ध में एक सिग्मा (σ)-बन्ध तथा एक π-बन्ध होता है जो σ-बन्ध के ऊपर तथा नीचे स्थित होने के कारण अणु

को पूर्णतया स्थिर कर देता है, द्वि-बन्ध की उपस्थिति के कारण बन्ध अक्षों का स्वतन पूर्णाक ( free rotation) रुक जाता है, अत: द्वि-बन्ध युक्त कार्बन परमाणुओं से जुड़े समुह या परमाणु स्थिर हो जाते हैं। वे ऐल्कीन जिनका सामान्य सूत्र abC=Cab होता है निम्न दो रूपों में प्रदर्शित किए जा सकते हैं—

BSC Organic Chemistry Long Question Answer
BSC Organic Chemistry Long Question Answer

 

इस प्रकार की समावयवता जो द्वि-बन्ध युक्त कार्बन परमाणुओं से जुड़े हुए परमाणुओं या समूहों के उनके अन्तराकाश (space) में भिन्न विन्यासों (configuration) के कारण होती है, उसको ज्यामितीय समावयवता (geometrical isomerism) कहते हैं।

वह समावयव जिसमें समान परमाणु अथवा समूह द्वि-बन्ध के एक ही ओर लगे होते हैं, समपक्ष (cis) समावयव कहलाता है। वह जिसमें समान समूह अथवा परमाणु द्वि-बन्ध के विपरीत ओर लगे होते हैं उसको विपक्ष (trans) समावयव कहते हैं। इस प्रकार की समावयवता को समपक्ष-विपक्ष ज्यामितीय समावयवता (cis-trans geometrical isomerism) भी कहते हैं। चूँकि इस प्रकार की समावयवता युग्म-बन्ध से जुड़े कार्बन परमाणुओं के साथ सम्बन्धित परमाणुओं या समूहों के ज्यामितीय विन्यास के कारण होती है। अत: इसको ज्यामितीय समावयवता कहा जाता है। इस समावयवता को दर्शाने के लिए निम्नलिखित परिस्थितियाँ आवश्यक हैं—

 

  1. जब कार्बन-कार्बन द्वि-बन्ध से दो अलग-अलग परमाणु या समूह लगे होते हैं तो यौगिक ज्यामितीय समावयवता व्यक्त करते हैं; जैसे—Cab=Cab सूत्र वाले यौगिको में |

(i) 2-ब्यूटीन ज्यामितीय समावयवता प्रदर्शित करती है क्योंकि यह सममित ऐल्कीन है। इसके दो समावयव सिस-2-ब्यूटीन तथा ट्रान्स-2-ब्यूटीन हैं

BSC Organic Chemistry Long Question Answer
BSC Organic Chemistry Long Question Answer

 

(ii) 1, 2-डाइक्लोरो तथा डाइब्रोमो एथिलीन भी समपक्ष-विपक्ष ज्यामितीय समावयवता प्रदर्शित करते हैं।

(iii) मैलेइक अम्ल तथा फ्यूमेरिक अम्ल भी समपक्ष-विपक्ष समवयावता  प्रदर्शित करते हैं।

 

 

BSC Organic Chemistry Long Question Answer
BSC Organic Chemistry Long Question Answer

 

चूँकि मैलेइक अम्ल गर्म करने पर चक्रीय ऐनहाइड्राइड बनता है, अतः यह समावयव है। फ्यूमेरिक अम्ल गर्म करने पर फ्यूमेरिक ऐनहाइड्राइड नहीं बनता है. अतः विपक्ष समावयव है।

  1. जब कार्बन-कार्बन द्वि-बन्ध से लगे कोई तीन समूह या परमाणु समान होते हैं तो ज्यामितीय समावयवता प्रदर्शित नहीं होती है। जैसे aaC= Cab सामान्य सूत्र के ओलिफीनिक यौगिक समपक्ष-विपक्ष ज्यामितीय समावयता प्रदर्शित करने में सक्षम नहीं होते हैं।
BSC Organic Chemistry Long Question Answer
BSC Organic Chemistry Long Question Answer

 

एक विशेष तथ्य यह है कि समान समूह या परमाणु द्वि बन्धित एक ही कार्बन परमाणु पर न होकर अलग-अलग कार्बन परमाणुओं पर होने चाहिए तभी ज्यामितीय समावयवता होगा |

  1. उपर्युक्त के अतिरिक्त अन्य C=C बन्ध रखने वाले यौगिक Cab=Cad , ज्यामितीय समावयवता व्यक्त करते हैं, जैसे- CH3-CH=CH-COOH (क्रोटानक अम्ल)।
BSC Organic Chemistry Long Question Answer
BSC Organic Chemistry Long Question Answer

 

(ब) समपक्ष तथा विपक्ष रूपों में विभेद या मैलेइक अम्ल (समपक्ष) तथा फ्यूमा 

अम्ल (विपक्ष) में विभेद 

(1) समपक्ष रूप का गलनांक विपक्ष रूप से बहुत कम होता है।

(2) विपक्ष रूप का द्विध्रुव-आघूर्ण लगभग शून्य होता है जबकि समपक्ष रूप होता है।

(3) समपक्ष रूप (जैसे—मैलेइक अम्ल) गर्म करने पर चक्रीय ऐनहाइड्राइड जबकि विपक्ष रूप चक्रीय यौगिक नहीं बनाता है।

BSC Organic Chemistry Long Question Answer
BSC Organic Chemistry Long Question Answer

 

(4) मेलेइक अम्ल क्षारीय KMnO4 से ऑक्सीकृत होने पर मेसो टार्टरिक अम्ल देता है जबकि फ्युमेरिक अल्म रेसिमिक टार्टरिक अम्ल देता है। दोनों ही प्रकाश असक्रिय होते हैं परन्त मोरूप आण्विक सममित (molecular symmetry) के कारण असक्रिय होता है जबकि मिमिक मिश्रण में बाह्य सन्तुलन के कारण ऐसा होता है।।

BSC Organic Chemistry Long Question Answer
BSC Organic Chemistry Long Question Answer

 

(5) समपक्ष रूप का स्थायित्व विपक्ष रूप से निम्न होता है जबकि क्वथनांक, विलेयता, घनत्व, द्विध्रुव-आघूर्ण, अपवर्तनांक, हाइड्रोजनीकरण ऊष्मा, दहन ऊष्मा आदि गुण समपक्ष रूप के अधिक होते हैं अपेक्षाकृत विपक्ष रूप से।

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top