BSc 1st Year Botany Fusarium Question Answer Notes

BSc 1st Year Botany Fusarium Question Answer Notes

 

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प्रश्न 9 – फ्यूजेरियम का वर्णन कीजिए।

उत्तर

फ्यूजरियम [FUSARIUM] Notes

विभाग – माइकोटा

उपविभाग – यूमाइकोटीना

वर्ग – ड्यूटेरोमाइसिटीज ।

गण – मोनीलिएल्स

कुल – ट्यूबरकुलेरिएसी

वंश – फ्यूजेरियम ।

प्राप्ति स्थान (Occurrence)—यह एक अपूर्ण कवक (imperfect fungus) है। संसार के सभी भागों में फ्यूजेरियम मिलता है। इसकी जातियाँ मृतोपजीवी तथा विकल्पी परजीवा (saprophyte and facultative parasite) के रूप में मिलती हैं। इससे गलन (rof) या म्लानि (wilt) बीमारियाँ होती हैं।

इसकी कुछ महत्त्वपूर्ण जातियाँ F. udum, F.lycoporsi F. oxyporum, F. Lini आदि हैं।

कायिक रचना (Somatic Structure) Notes

इस कवक का कवकजाल शाखित (branched), पटयुक्त (septate), अन्तराकोशिक वह अन्तःकोशिक (Intercellular and intracellular) हो सकता है। प्रारम्भिक अवस्था में यह प्राय: रंगहीन होता है, परन्तु परिपक्व अवस्था में यह गहरे रंग का होता है। कवकजाल बहुत तेजी से संवहन ऊतकों में वृद्धि करता है इस कारण वाहिकाएँ बन्द हो जाती हैं। पानी, खनिज व लवणों का आवागमन रुक जाता है। बीमार पौधा मुर्झाकर सूख जाता है। कुछ कवकविज्ञों के मतानुसार कवक कुछ विषैला पदार्थ (toxin) उत्पन्न करता है। इस कारण बीमार पौधे के ऊतक नष्ट हो जाते हैं।

जनन (Reproduction)

इस कवक में लैंगिक जनन का अभाव होता है। अलैंगिक जनन में तीन प्रकार के बीजाणु बनते हैं।

विभिन्न प्रकार के बीजाणु

(various types of Spores) Notes

(i) माइक्रोकोनीडिया (Microconidia)-ये छोटे, गोल या अण्डाकार हो सकते हैं। ये एककोशिकीय पटयुक्त या पट्टरहित हो सकते हैं। ये कोनीडियोफोर पर एकाकी (singly) या शृंखला (chain) में बनते हैं। इनकी लम्बाई 5-15u तथा चौड़ाई 2 -4u हो सकती है।

(ii) मैक्रोकोनीडिया (Macroconidia)-ये लम्बे, पटयुक्त, कुछ मुड़े हुए, अतिशिरों पर नुकीले, 15-20u लम्बाई तथा 3 – 5u चौड़ाई के होते हैं। ये छोटे-छोटे कोनीडियोफोर पर उत्पन्न होते हैं। परिपक्व अवस्था में टूटकर गिर जाते हैं।

(iii) क्लैमाइडोस्पोर (Chlamydospore)-परपोषी ऊतक के अन्दर बनते हैं। कवकसूत्र की कोशिका गोल होकर अपने चारों तरफ एक मोटी भित्ति बना लेती है। ये टर्मीनल, इण्टरकैलेरी या शृंखला रूप में उत्पन्न हो सकते हैं। ये बहुत समय तथा जीवनक्षम रह सकते हैं।

मृतोपजीवी जातियों के कोनीडिया उपयुक्त अधोस्तर पर गिरकर अंकुरित होते हैं तथा नया कवकजाल बनाते हैं। परजीवी जातियों के कोनीडिया उचित वातावरण मिलने पर अंकुरित हात हैं तथा नए पौधों को संक्रमित करते हैं।

BSc Fusarium Question Answer Notes
BSc Fusarium Question Answer Notes

जीवनचक्रफ्यूजेरियम का जीवन-चक्र बहुत सरल होता है। यह पोषी के भीतर माइसीलियम अथवा कवकजाल बनाते हैं जिसमें अलैंगिक बीजाणु जैसे कोनीडियोस्पार

(माइक्रोकोनीडिया तथा मैक्रोकोनीडिया) व क्लैमाइटोस्पोर बनते हैं, जिनके अंकुर से अंकुरण से फिर कवकजाल बनता है।

BSc Fusarium Question Answer Notes
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