BSc 1st Year Botany Vascular Cryptogams Notes
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प्रश्न 6 – टेरिडोफाइटा के मुख्य लक्षण लिखिए।
उत्तर – टेरिडोफाइटा को वैस्कुलर क्रिप्टोगैम (Vascular cryptogams) भी कहते हैं क्योंकि इनमें संवहन ऊतक (vascular tissue) मिलता है तथा जनन अंग युग्मकोद्भिद् (gametophyte) में छिपे रहते हैं।
सामान्य विवरण
(General Account) Notes
इस वर्ग के पौधे प्राय: नम व छायादार स्थानों पर मिलते हैं। इनमें पुष्प व बीज नहीं मिलते हैं। इनके मुख्य लक्षणों का वर्णन निम्न प्रकार है __
- इस वर्ग के पौधे विभिन्न प्रकार के आवासों में मिल सकते हैं। आमतौर पर ये पौधे स्थलीय (terrestrial) होते हैं जो नमीयुक्त तथा छायादार वातावरण में मिलते हैं, परन्तु कुछपौधे जैसे एजोला (Azolla), साल्वीनिया (Salvinia) आदि जल-(aquatic) में मिलते हैं।
कछ पौधों की प्रजातियाँ जैसे लाइकोपोडियम फ्लेग्मेरिया (Lycopodiums एपीफाइट (epiphyte) के रूप में मिलती है तथा सिलैजिनेला की कळ मरुद्भिद् (xerophytic) की तरह मिलती है। ट्री फर्क्स (tree ferns) को छोटा अधिकांश पौधे शाकीय (herbaceous) होते हैं।
- आकार में पौधों में विविधता मिलती है। एजोला (Azolla) सूक्ष्म आकार का पौधा है, जबकि ट्री फर्न (tree fern) जैसे सायथिया (Cyathea) का आकार वृक्ष के समान होता है।
- इस वर्ग में मुग्दर मॉस (Club moss), होर्सटेल्स (Horsetails) तथा फर्स (Ferns) आते हैं।
- मुख्य पौधा बीजाणुउद्भिद् (sporophyte) होता है जिसमें जड़ (root), तना (stem) तथा पत्तियाँ मिलती हैं।
- जाइलम तथा फ्लोएम मिलकर संवहन ऊतक (vascular tissue) बनाते हैं। परन्तु जाइलम (xylem) में वाहिकाएँ (vessels) तथा फ्लोएम (phloem) में सहचर कोशिकाएँ (companion cells) अनुपस्थित होती हैं।
- मूसला जड़ (tap root) अल्पकालिक (short lived) होती हैं तथा इसके पश्चात् अपस्थानिक जड़ें (adventitious roots) निकलती हैं।
- पत्तियाँ कुछ पौधों में छोटी, सरल तथा अवृन्त होती हैं जैसे क्लब मॉस (club . moss) परन्तु कुछ पौधों में पत्तियाँ बड़ी तथा सवृन्त होती हैं।
- इन पौधों में पुष्प तथा बीज नहीं होते हैं।
- बीजाणु (spores) बीजाणुधानियों (sporangia) में बीजाणु मातृ कोशिकाओं में अर्द्धसूत्री विभाजन से बनते हैं। बीजाणु अगुणित (haploid, n) होते हैं। बीजाणुधानी जिन पत्तियों पर मिलती हैं, उनको स्पोरोफिल (sporophyll) कहते हैं। कुछ पौधों में स्पोरोफिल मिलकर एक कोन (cone) या शंकु (strobilus) बनाते हैं।
- कुछ पौधों में सभी बीजाणु (spores) एक ही प्रकार के होते हैं, उनको समबीजाणुक (homosporous) कहते हैं जैसे ड्रायोप्टेरिस (Dryopteris), लाइकोपोडियम (Lycopodium) आदि परन्तु कुछ पौधों में बीजाणु दो प्रकार के होते हैं
(a) लघुबीजाणु (Microspore)-ये आकार में छोटे होते हैं। ये लघुबीजाणुधानी में उत्पन्न होते हैं तथा लघुबीजाणुधानियाँ माइक्रोस्पोरोफिल पर मिलती हैं।
(b) गुरुबीजाणु (Megaspores)-ये आकार में बड़े तथा संख्या में कम होते हैं। इनका निर्माण गुरुबीजाणुधानियों में होता है तथा ये मेगास्पोरोफिल (megasporophyll) पर मिलती हैं। जिन पौधों में दो प्रकार के बीजाणु मिलते हैं उनको विषमबीजाणु पौधे (heterosporous plants) तथा इस अवस्था को विषमबीजाणुता (heterospory) | कहते हैं; जैसे-सिलैजिनेला (Selaginalla)।
- बीजाणुधानी का विकास दो प्रकार से होता है-यूस्पोरेंजिएट (eusporan. -giate), इसमें बीजाणुधानी एक से अधिक कोशिकाओं (initials) से विकसित होती है;
जैसे-सिलैजिनेला (Selaginella) अथवा लेप्टोस्पोरेंजिएट (leptosporangiate)। इसमें बीजाणुधानी केवल एक कोशिका (initial) से विकसित होती है; जैसे–ड्रायोप्टेरिस (Dryopteris)।
- 12. बीजाणु अलैंगिक जनन अंग है। इनसे अंकुरण के पश्चात् प्रोथैलस (prothallus) बनता है जिसको युग्मकोद्भिद् (gametophyte) कहते हैं। इस पर पुंधानी (antheridia) व स्त्रीधानी (archegonia) बनते हैं। समबीजाणुक पौधों में प्रोथैलस उभयलिंगाश्रयी (monoecious) होता है, जबकि विषमबीजाणु पौधों में एकलिंगाश्रयी(dioecious) होता है। पुंधानी में बनने वाले घुमणु (antherozoids) द्विकशाभिक बहुकशाभिक हो सकते है।
- निषेचन के लिए जल आवश्यक होता है। निषेचन से युग्मनज (ANT बनता है जो भ्रूण का निर्माण करता है। भ्रूण (embryo) से बीजाणुउद्भिद (sporophytal बनता है। –
- इनमें कायिक जनन, दयबर (l.tulher), बलबिल्स (bulbils) तथा खण्ड (fragmentation) द्वारा हो सकता है।
- 1 इनमें स्पष्ट पीढ़ी एकान्तरण मिलता है। जीवन चक्र मे स्पोरोफिटिक जनरेश अधिक समय तक रहती है।
- 16. इनमें अपयुग्मन (apogamy) तथा अपबीजाणुता (Apospory) भी मिलती है एपोगैमी (apogamy) युग्मकोदभिद से (बिना युग्मकों के बने) बीजाणुउदभि (sporophyte) के बनने को एपोगैमी कहते हैं। इस प्रकार के स्पोरोफाइट अगुणि (haploid, n) होते हैं।
एपोस्पोरी (1 pospory) इसमें बीजाणुउभिद् की (बिना बीजाणु बने) कोशिकाओं युग्मकोद्भिद् बनता है। इस प्रकार बने गैमीटोफाइट (gametophytee) द्विगुणि (diploid, 2n) होते हैं।
- इन पौधों में विविध प्रकार की स्टील (stele) मिलती है।