Derive an Expression Total Energy Particle
Derive an Expression Total Energy Particle:-Simple harmonic motion, differential equation of S.H.M. and its solution, uses of complex notation, damped and forced vibrations composition of simple harmonic motion.
The differential equation of wave motion, plane progressive waves in fluid media, a reflection of waves, phase change on reflection, superposition. stationary waves, pressure and energy distribution, phase, and group velocity.
प्रश्न 29. एक सरल आवर्त गति करते कण की कुल ऊर्जा का व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए। दर्शाइए कि गतिज ऊर्जा व स्थितिज ऊर्जा विस्थापन के साथ परवलयाकार रूप से बदलती है व कल ऊर्जा नियत रहती है।
Derive an expression for the total energy of a particle in S.H.M. Also show that the kinetic energy and potential energy change parabolically and the total energy remains constant. :
उत्तर : सरल आवर्त गति करते कण की ऊर्जा— किसी दोलायमान कण में स्थितिज तथा गतिज दोनों प्रकार की ऊर्जाएँ होती हैं। कण की स्थितिज ऊर्जा साम्य स्थिति से विस्थापन के कारण तथा गतिज ऊर्जा इसके वेग के कारण होती है। दोलन के दौरान, ये ऊर्जाएँ परस्पर परिवर्तित होती रहती हैं, परन्तु इनका योग संरक्षित रहता है (यदि कोई असंरक्षी बल उपस्थित नहीं है)।
स्थितिज ऊर्जा— माना कि द्रव्यमान m का एक कण सरल आवर्त गति कर रहा है तथा किसी समय t पर कण का साम्य स्थिति से विस्थापन x है। चूंकि सरल आवर्त गति में कण पर कार्यकारी बल F, विस्थापन x के अनुक्रमानुपाती तथा विपरीत-दिष्ट होता है। अतः
F=- kx,
जहाँ k एकांक विस्थापन के लिए बल है। हम जानते हैं कि बल को स्थितिज ऊर्जा U के पद में निम्न रूप से व्यक्त किया जा सकता है
इससे स्पष्ट है कि सम्पूर्ण ऊर्जा नियत है, तथा इसका मान 1/2ka2 है। यही स्थितिज अथवा गतिज ऊर्जा का अधिकतम मान भी है। इस प्रकार, जब स्थितिज ऊर्जा अधिकतम होती है तब गतिज ऊर्जा शून्य होती है तथा जब गतिज ऊर्जा अधिकतम होती है तब स्थितिज ऊर्जा शून्य हो जाती है।
इस प्रकार, कण की कुल ऊर्जा आयाम के वर्ग (a2) के अनुक्रमानुपाती तथा आवतकाल के वर्ग (T2) के व्युत्क्रमानुपाती अथवा आवृत्ति के वर्ग (n2) के अनुक्रमानुपाती होता है|
स्पष्ट है कि सरल आवर्त गति करते कण की गतिज ऊर्जा व स्थितिज ऊर्जा विस्थापन के साथ परवलयाकार रूप से बदलती है।
प्रश्न 30. अवमंदित आवर्त दोलित्र की अवकल समीकरण को लिखिए तथा हल कीजिए। इसकी अति-अवमंदित, क्रान्तिक अवमंदित तथा अल्प अवमंदित स्थितियों की विवेचना कीजिए।
Write and solve the differential equation of retarded harmonic ‘oscillator. Describe its high retardation, critical retardation and low retardation positions.
उत्तर : अवमंदित आवर्त दोलित्र की अवकल समीकरण निम्नलिखित है-.
(aperiodic) कहते हैं। इसे चित्र-35 में वक्र (a) से प्रदर्शित किया गया है। किसी भारा त गति करता हुआ लोलक इस प्रकार की गति का उदाहरण है।
यह अवमंदित आवर्ती दोलित्र की अवकल समीकरण का हल है। इससे हम दोलित्र का आयाम, दोलनकाल आदि ज्ञात कर सकते हैं।
आयाम (Amplitude)— दोलनों का आयाम ae-rt है जो नियत नहीं है, बल्कि अवमदन गुणक (damping factor) e-rt के कारण चरघातांकी रूप से exponentially) समय के साथ घटता जाता है। यह “अल्प अवमंदित” (under damped) गति है तथा चित्र-34 में वक्र (c) से प्रदर्शित है।
दोलनकाल (Time-Period)-अवमंदित दोलनों का दोलनकाल