Sexual Reproduction In Fungi BSc Botany Notes

Sexual Reproduction In Fungi BSc Botany Notes

 

Sexual Reproduction In Fungi BSc Botany Notes :- BSc 1st Year Botany  Bacteria And Fungi Diversity of Viruses Notes. This Post is very useful for all the Student Botany. This post will provide immense help to all the students of BSc Botany.

 


प्रश्न 9 – कवकों में लैंगिक जनन का सचित्र वर्णन कीजिए। 

उत्तर 

कवकों में लैंगिक जनन 

(Sexual Reproduction in Fungi) Notes

ड्यूटेरोमाइसिटीज को छोड़कर सभी कवकों में लैंगिक जनन मिलता है। इसकी प्रक्रियाएँ निम्नवत् हैं-

  1. प्लाज्मोगैमी (Plasmogamy)—इसमें दो युग्मकों के जीवद्रव्य का संलयन होता है तथा दो अगुणित (haploid) केन्द्रक एक कोशिका में एक-दूसरे के निकट आ जाते हैं।
  2. कैरियोगैमी (Karyogamy)-इसमें प्लाज्मोगैमी द्वारा निकट आए दो अगुणित (haploid) केन्द्रक आपस में संलयन करके एक द्विगुणित (diploid) केन्द्रक बनाते हैं।

फाइकोमाइसिटीज में प्लाज्मोगैमी व कैरियोगैमी शीघ्र होती है, परन्तु .. एस्कोमाइसिटीज तथा बेसिडियोमाइसिटीज में कैरियोगैमी प्लाज्मोगैमी के तुरन्त बाद नहीं होती है। इसमें विपरीत स्ट्रेन (strain) के केन्द्रकों के युग्म (pair) बनते हैं जिनको डाइकैरियोन (dikaryon) कहते हैं। इस अवस्था को डाइकैरियोफेज़ (dikaryophase) तथा इस क्रिया को डाइकैरियोटाइजेशन (dikaryotization) कहते हैं। इसमें दोनों केन्द्रकों का संलयन विशेष समय पर होता है।

  1. 3. द्विगुणित केन्द्रक बनने के पश्चात् अर्द्धसूत्री विभाजन (meiosis) होता है जिससे अगुणित केन्द्रक बनते हैं।

कवकों में मिलने वाली लैंगिक विधियाँ निम्नलिखित हैं

  1. चलयुग्मकी संयुग्मन (Planogametic copulation)-इसमें संलयन करने वाले युग्मक नग्न (naked) तथा गतिशील (motile) होते हैं। युग्मकों की प्रकृति के अनुसार इसके तीन प्रकार हो सकते हैं

(i) आइसोगैमी (Isogamy)—इसमें संलयन करने वाले युग्मक आकार में समान होते हैं, परन्तु क्रियात्मक रूप से भिन्न होते हैं; जैसे-सिनकाइट्रियम

(ii) एनआइसोगैमी (Anisogamy)—इसमें संलयन करने वाले युग्मक आकार व क्रियात्मक रूप से भिन्न होते हैं, प्राय: नर युग्मक अपेक्षाकृत छोटे व अधिक सक्रिय होते है। जैसे-एलोमाइसिस (Allomyces)।

Sexual Reproduction In Fungi
Sexual Reproduction In Fungi

(iii) ऊगैमी (Oogamy) या हेटरोगैमस (Heterogamous)—इसमें स्त्री युग्मक (female gamete) अचल (non motile) तथा नर युग्मक (male gamete) गतिशील (motile) होता है।

  1. युग्मकधानीय सम्पर्क (Gametangial contact)-इसमें नर तथा माता युग्मकधानियाँ (gametangia) एक-दूसरे के सम्पर्क में आती हैं। नर युग्मक एक निषेचन नलिका (fertilization tube) द्वारा मादा युग्मकधानी में प्रवेश करके लैंगिक क्रिया सम्पन्न करते हैं; जैसे-एल्ब्यूगो (Albugo)।
  2. युग्मकधानीय संयुग्मन (Gametangial copulation)-इसमें नर तथा मादा | युग्मकधानियों के बीच की भित्ति घुल (dissolve) जाती है तथा दोनों के जीवद्रव्य आपस में संलयित हो जाते हैं; जैसे- राइजोपस।
  3. अचल पुमणु युग्मन (Spermatization)-इसमें नर युग्मक अचल होते हैं तथा इनको पुमणु (spermatium) कहते हैं। ये जल, वायु तथा कीटाणु (insect) आदि द्वारा विशेष ग्राही कवक तन्तु (special receptive hyphae) तक पहुँचते हैं और अपना केन्द्रक ग्राही कवक सूत्र में मुक्त करते हैं जिससे केन्द्रक युग्म (dikaryon) बनता है; जैसे-पक्सीनिया।
  4. काययुग्मन या सोमैटोगैमी (Somatogamy)-कुछ कवकों (जैसे एस्कोमाइसिटीज व बेसीडियोमाइसिटीज वर्ग के कवक) में स्पष्ट लैंगिक जनन अंग नहीं मिलते हैं। इसमें दो कायिक कोशिकाओं या सामान्य कवक तन्तुओं का आपस में संयोजन होता है तथा दोनों कोशिकाओं के केन्द्रक निकट आकर केन्द्रकयुग्म (dikaryon) बनाते हैं।

Follow me at social plate Form

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top