Zoology Structure And Function Of Nucleus Question Answer

Zoology Structure And Function Of Nucleus Question Answer

 

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प्रश्न 2 – केन्द्रक की संरचना एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।

Describe the structure and function of nucleus. 

उत्तरसर्वप्रथम रॉबर्ट ब्राउन (Robert Brown) ने 1833 में कोशिका के अन्दर एक प्रमुख संरचना की खोज की तथा इसको केन्द्रक नाम दिया। जर्मन जीव विज्ञानी जे० हैमर्लिंग (J. Hammerling) ने 1934 में यह प्रमाणित किया कि केन्द्रक ही कोशिका के लक्षणों का निर्धारण करता है जिससे अन्त में किसी प्राणी के लक्षण निर्धारित होते हैं।

सामान्यत: प्रत्येक कोशिका में केवल एक ही केन्द्रक पाया जाता है। परन्तु कुछ विशेष परिस्थितियों में एक ही कोशिका में एक से अधिक केन्द्रक भी उपस्थित हो सकते हैं।

केन्द्रक का आकार भी भिन्न-भिन्न होता है। यह गोलाकार या अण्डाकार से लेकर चपटे अथवा अनियमित भी हो सकते हैं। केन्द्रक का आकार कोशिका पर भी निर्भर करता है।

केन्द्रकीय आवरण (Nuclear membrane or envelope)-~अन्तरावस्था (interphase) तथा पूर्वावस्था (prophase) केन्द्रकों की केन्द्रकीय सीमा पर केन्द्रक आवरण पाया जाता है। यह आवरण एक दोहरी कला से बना होता है जिसमें दो एकांक कलाएँ (unit membrane) होती हैं। दोनों एकांक कलाओं के मध्य का स्थान परिकेन्द्रकीय अवकाश कहलाता है। केन्द्रकीय आवरण में छिद्र भी पाए जाते हैं जिनके द्वारा केन्द्रक और कोशिकाद्रव्य के बीच सीधा सम्पर्क बना रहता है जो प्रोटीन तथा RNA के आयात में सहायक होते हैं।

केन्द्रिक (Nucleolus)-उच्चतर जीवों में प्रत्येक कोशिका के केन्द्रक में एक गोलाकार एवं कोलॉइडी संरचना पायी जाती है जिसे केन्द्रिक कहते हैं। यह मुख्यत: RNA एवं अम्लीय व क्षारीय रंजकों (dyes) की बनी होती है। केन्द्रिक राइबोसोम जैव संश्लेषण का प्रमुख केन्द्र है। (विस्तृत जानकारी के लिए लघु उत्तरीय प्रश्न 5 देखें)

गुणसूत्र (Chromosomes)- स्ट्रासबर्गर (E. Strasburger) ने 1875 में कोशिका विभाजन के समय प्रकट होने वाले धागे के समान गुणसूत्रों की खोज की थी। सभी प्रकार के उच्चतर जीवों (Eukaryotes) के सुसंगठित केन्द्रक में निश्चित आकार के गुणसूत्रों की संख्या निश्चित होती है। एक द्विगुणित (diploid) केन्द्रक में प्रत्येक प्रकार के दो गुणसूत्र होते हैं। एक ही प्रकार के दो गुणसूत्रों को समजात (homologous) गुणसूत्र कहा जाता है। गुणसूत्र का आकार प्रायः पश्चावस्था में उस समय देखा सकता है जब प्राथमिक संकीर्णन (Primary constriction) इसके आकार को निर्धारित करता है। गुणसूत्र बिन्दु की विभिन्न स्थितियों के आधार पर गुणसूत्र अग्रबिन्दु (acrocentric) या अन्तकेन्द्री (telocentric), उपमध्यकेन्द्री (submetacentric) तथा मध्यकेन्द्री (metacentric) प्रकारों के हो सकते हैं।

गुणसूत्रों के मुख्य रासायनिक अवयव DNA, RNA, हिस्टोन प्रोटीन तथा अहिस्टोन प्रोटीन होते हैं। इनके अतिरिक्त गुणसूत्रों में Ca+2 कैल्शियम भी उपस्थित होता है। DNA सबसे महत्त्वपूर्ण अवयव है क्योंकि यह आनुवंशिकता नियन्त्रित करने का महत्त्वपूर्ण कार्य करता है।

कार्य (Functions) केन्द्रक दो महत्त्वपूर्ण कार्यों को करता है

  1. यह कोशिका के अन्दर होने वाली समस्त उपापचयी क्रियाओं को नियन्त्रित करता है।

2. यह आनुवंशिक लक्षणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरित करने का महत्त्वपूर्ण कार्य करता है।

 


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