What Zener Diode Explain Characteristic

What Zener Diode Explain Characteristic

What Zener Diode Explain Characteristic:-Transistor biasing circuits base bias, emitter bias, and voltage divider .bias, D.C. load line. Basic A.C. equivalent circuits, low-frequency model, small-signal amplifiers, common emitter amplifier, common collector amplifiers, and common base amplifiers, current and voltage gain, R.C. coupled amplifier, gain, frequency response, the equivalent circuit at low medium and high frequencies, feedback principles.

 

प्रश्न 13. जेनर डायोड (Zener Diode) की कार्य-विधि की व्याख्या कीजि 

Explain the working of Zener Diode.

 

अथवा

जेनर डायोड क्या है? जेनरडायोड का अभिलाक्षणिक वक्र बनाइए तथा समझाडा 

What is Zener Diode? Draw and explain the characteristic curve of a Zener Diode. 

 

उत्तर : यह एक क्रिस्टल डायोड है जो कि एक निश्चित वोल्टेज पर व्युत्क्रम अभिनति में कार्य करता है। एक साधारण p-n डायोड में उत्क्रम अभिनति के अन्तर्गत धारा एक लम्बी परास में लगभग नियत रहती है। जब उत्क्रम वोल्टता बढ़ती है, इलेक्ट्रॉन-कोटर युग्मों की संख्या में अचानक वृद्धि हो जाने के कारण धारा में भी एकाएक वृद्धि हो जाती है, परन्तु p व n दोनों ही क्षेत्र काफी अधिक मात्रा में अपमिश्रित (Heavily doped) हों तो उत्क्रम धारा ऐवेलांश भंजन (Avalanche breakdown) के लिए आवश्यक उत्क्रम वोल्टेज से कम वोल्टेज पर अचानक बढ़ जाती है। यह भंजन जेनर भंजन (Zener breakdown) कहलाता है।

 

एक अभिनतरहित (Unbiased), भारी अपमिश्रित (Heavily doped) p-n सन्धि चित्र-42 में दर्शायी गई है।

 

जेनर डायोड का अभिलाक्षणिक वक्र जेनर डायोड का वोल्ट-एम्पियर अभिलाक्षणिक वक्र खींचने के लिए आवश्यक परिपथ, एक सामान्य p-n संधि डायोड के परिपथ के समान ही होता है। जेनर डायोड का एक प्रारूपिक अभिलक्षण वक्र चित्र-43 में दर्शाया गया है।

What Zener Diode Explain Characteristic
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दाताओं व ग्राहियों की बढ़ी संख्या के कारण अवक्षय क्षेत्र (Depletion region) अपेक्षाकत संकीर्ण है। p-टाइप क्षेत्र में फर्मा-स्तर : संयोजी बैण्ड के निकट तथा n-टाइप क्षेत्र में चालन बैण्ड के अधिक निकट है, परन्तु साम्यावस्था में दोनों क्षेत्रों में फर्मी स्तर एक ही रेखा के अनुदिश हो जाते हैं।

जब उत्क्रम अभिनत लागू किया जाता है तो n-टाइप में ऊर्जा स्तर p-टाइप के ऊर्जा स्तरों के सापेक्ष नीचे हो जाते हैं। एक विशेष उत्क्रम वोल्टेज (जेनर वोल्टेज) पर -क्षेत्र में चालन बैण्ड की तली p-क्षेत्रों में संयोजी बैण्ड के शीर्ष से नीची हो जाती है। पुनः इलेक्ट्रॉन विभव प्राचीर को सुरंग के समान सीधे पार करके p-क्षेत्र वाली संयोजी बैण्ड से n-क्षेत्र वाले चालन बैण्ड में जाने लगते हैं। चूँकि अवक्षय क्षेत्र संकीर्ण है, अत: सुरंगन-प्रायिकता (Tunnelling probability) बहुत अधिक है, इस प्रकार हम बहुत प्रबल उत्क्रम धारा प्राप्त करते हैं। जेनर डायोड का उत्क्रम अभिलाक्षणिक वक्र चित्र-43 द्वारा प्रदर्शित है। इससे स्पष्ट है कि जेनर भंजन (Zener breakdown) में चालन बन्धों के सीधे-सपाट ढाल के कारण इलेक्ट्रॉन-कोटर युग्म उत्पन्न होते हैं।


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