Root Of Cycas BSc Botany Notes
Root Of Cycas BSc Botany Notes :- BSc Botany Question Answer Notes Sample Model Practice Papers Previous Year Notes Available. In This Site Dreamtopper.in is very helpful for all the Student. All types of Notes have been Made available on our Site in PDF Free through which you will get immense help in your Studies. In this post you will full information related to BSc Botany.
प्रश्न 5 – साइकस में मिलने वाली विभिन्न प्रकार की जड़ों की आन्तरिक संरचना का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर –
साइकस की जड़
(Root of Cycas) Notes
पौधे में एक मोटी प्राथमिक (मूसला) जड़ होती है जिससे अनेक शाखित पार्श्व जडे जो निकलती हैं। इसकी कुछ शाखाएँ भूमि की सतह के पास आ जाती हैं जिनमें बार-बार द्विभाजियत (dichotomy) होने के कारण छोटे-छोटे गुच्छे (bunches) बन जाते हैं जो कोरल की भाँति प्रतीत होते हैं। इन जड़ों की कॉर्टेक्स (cortex) में ऐनाबीना (Anabaena) जैसे नीले-हरे शैवाल भी होते हैं। इन जड़ों को प्रवालाभ या कोरेलॉयड जड़ें (coralloid roots) कहते हैं। कोरेलॉयड जड़ अगुरुत्वानुवर्ती (apogeotropic) होती हैं। साइकस की प्राथमिक मूल के बारे में मतभेद हैं। एक मत के अनुसार प्राथमिक मूल कुछ समय बाद नष्ट हो जाती है तथा इसके स्थान पर अपस्थानिक मूल निकलती हैं। दूसरे मतानुसार प्राथमिक मूल अतिविकसित होती है। साइकस की कुछ जातियों में नॉनकोरेलॉयड वायवीय जड़ें मिलती हैं। ये जड़ें बुलबिल (bulbil) या लीफ स्कार (leaf scar) के आधार से निकलती हैं तथा धनात्मक गुरुत्वानुवर्ती (positively geotropic) होती हैं।
आन्तरिक संरचना
(Internal Structure) Notes
साइकस की जड़ की आन्तरिक संरचना का विवरण निम्न प्रकार है
-
सामान्य जड़ (Normal Root) Notes
जड़ की आन्तरिक रचना द्विबीजपत्री मूल से मिलती-जुलती होती है। सबसे बाहर की तरफ पतली भित्ति वाली कोशिकाओं से निर्मित एक कोशिका मोटी (one cell thick) मूला त्वचा होती है। इससे एककोशिकीय मूलरोम (root hair) निकलते हैं।
मूलीय त्वचा (epiblema) के नीचे पैरेन्काइमा की कोशिकाओं से बना बद्रस्तरीय कॉर्टेक्स मिलता है। कॉर्टेक्स की कुछ कोशिकाएं टेनिनयुक्त होती हैं। कॉर्टेक्स के नीचे एण्डोडर्मिस (endodermis) की पर्त मिलती है। पेरीसाइकिल एक या एक से अधिक पर्तों की होती है। संवहन पल अरीय व बहिःआदिदारुक (radial and exarch) होते हैं। साधारण जड़ डाइआर्क (diarch), ट्राइआर्क (triarch), टेट्रार्क (tetrach) या पॉलीआर्क (polyarch) हो सकती है। जड़ के केन्द्र में छोटा-सा पिथ मिलता है या कभी-कभी पिथ । अनुपस्थित भी होता है।
साइकस की जड़ में मिलने वाली द्वितीयक वृद्धि द्विबीजपत्री जड़ के समान होती है। पहले कैम्बियम बनता है, फिर द्वितीयक जाइलम, द्वितीयक फ्लोएम तथा मज्जा किरणें बनती हैं। जड़ में बाहर की तरफ कॉर्क कैम्बियम (phellogen) का निर्माण भी होता है | जिससे कॉर्क या फेलम (cork or phellem) तथा फेलोडर्म या द्वितीयक कॉर्टेक्स (phelloderm or secondary cortex) बनते हैं।
II कोरेलॉयड जड़ (Coralloid Root) Notes
इसकी आन्तरिक रचना निम्नलिखित लक्षणों को छोड़कर सामान्य जड़ के समान होती है
(a) इसमें द्वितीयक वृद्धि (secondary growth) बहुत कम या अनुपस्थित होती है।
(b) कॉटक्स सामान्य जड़ की अपेक्षा अधिक विकसित व बड़ा होता है। इसके तीन भाग होते हैं। बाह कॉटेक्स (outer cortex) जीवित, समान आकार की पतली भित्ति वाली कोशिकाओं से बना होती है। मध्य-कार्ट्रेक्स (middle cortex) का शेवाल क्षेत्र (algal zone) कहते हैं। इसकी कोशिकाएं अरीय रूप से दीर्धित (radially elongated) तथा पैरेन्काइमेटस होती हैं। इन कोशिकाओं के बीच मिलने वाले अन्तराकोशिकीय स्थानों में ऐनावीना साइकेडी (Anabaena .cycadae) व नॉस्टॉक पन्क्टीफोर्मी (Nostoc punetiforme) मिलते हैं। कभी-कभी कुछ जीवाणु, कवक व ऑसिलैटोरिया (Oscillatoria) सहजीवी (symbionts) के रूप में मिलते हैं।