External Features Of Starfish Zoology Question Answer

External Features Of Starfish Zoology Question Answer

 

External Features Of Starfish Zoology Question Answer :- In this post all the questions of the second part of zoology are fully answered. This post will provide immense help to all the students of BSc zoology. All Topic of zoology is discussed in detail in this post.

 


 

Unit IV

प्रश्न 1 स्टारफिश (सितारा मछली) के बाह्य लक्षणों का वर्णन कीजिए।

Describe the external features of Starfish.

अथवा सितारा मछली के स्वभाव, वासस्थल तथा बाह्य लक्षणों का उल्लेख कीजिए।

Describe Habits, Habitats and External features of Starfish.

अथवा सितारा मछली के स्वभाव, आवास एवं संरचना का वर्णन कीजिए।

Describe habits, habitat and structure of Starfish.

उत्तर

स्टारफिश (सितारा मछली के बाह्य लक्षण)

(External Features of Starfish) Notes

स्वभाव एवं आवास (Habit and Habitat) — ये समुद्रवासी स्वतन्त्र प्राणी हैं। ये रेतीले या मिट्टीदार तली में या चट्टानों या कवचों के ऊपर चलते पाए जाते हैं। ये सभी सागरों में ज्वार चिह्नों से गहरे जल तक मिलते हैं। ये मांसाहारी होते हैं। इनका भोजन क्रस्टेशियन, पॉलिकीट एवं मोलस्क जन्तु होते हैं। ये autotomy (स्वांगोच्छेदन) तथा regeneration (पुनरुद्भवन) भी प्रदर्शित करते हैं।

बाह्य संरचना (External Structure) Notes

ये अधिकतर पंचभागी, अरीय सममित होते हैं। ऐस्टेरिऐस के शरीर में एक अस्पष्ट केन्द्रीय डिस्क होती है जिससे पाँच लम्बी एवं शुंडीय रश्मियाँ (भुजाएँ) निकलती हैं। कुछ वंशों में भुजाओं की संख्या पाँच से अधिक होती हैं जैसे Solaster में 7 से 14 भुजाएँ होती हैं।

इनका औसत व्यास 10 सेमी से 20 सेमी होता है। ये विभिन्न रंगों के होते हैं। इनका शरीर अत्यन्त चपटा होता है जिसमें मुख सतह (oral surface) और अपमुख र स्पष्ट रूप से अलग-अलग होते हैं।

मुख सतह (Oral surface) — यह सतह अधर तल की ओर होती है। इस सतह की केन्द्रीय डिस्क के मध्य में एक छिद्र ऐक्टिनोस्टोम या मुख होता है। यह पंचभुजीय होता है। मुख के चारों ओर एक कोमल झिल्ली परिमुख कला (perioral membrane) या पेरिस्टोम होता है। मुख, मुख पैपिली के पाँच समूहों द्वारा सुरक्षित रहता है। मुख के प्रत्येक कोण से एक अरीय संकरी ऐम्बुलैक्रल खाँच आरम्भ होती है जो अपने सामने की भुजा की निचली सतह की मध्यरेखा में भुजा के सिरे तक फैली रहती है। प्रत्येक खाँच दोनों ओर से ऐम्बुलैक्रल शूलों की दो या तीन पंक्तियों द्वारा सुरक्षित रहती है। ये शूल खाँच को ऊपर से बन्द कर लेते हैं। इन शूलों से बाहर की ओर दृढ़ एवं अचल शूलों की तीन पंक्तियाँ होती हैं जिनके बाहर की ओर सीमान्त शूलों की एक श्रेणी और होती है जो मुख एवं अपमुख सतहों को अलग करती है। प्रत्येक ऐम्बुलैक्रल खाँच में छोटे-छोटे नली आकार आकुंचनशील उभारों की दो दुहरी पंक्तियाँ होती है। इन उभारों को podia या tube-feet कहते हैं। नाल पाद के सिरों पर चूषक होते हैं। ये प्रचलन, भोजन पकड़ने तथा श्वसन करने में सहायक होते हैं।

External Features Of Starfish
External Features Of Starfish

प्रत्येक भुजा के सिरे पर एक छोटा, मध्यवर्ती आकुंचनशील एवं खोखला अन्तस्थ स्पर्शक होता है। इसके आधार पर एक लाल रंग का प्रकाश संवेदी नेत्र चिह्न होता है जिसमें कई ocelli होते हैं।

अपमुख सतह (Aboral surface) — यह शरीर की ऊपरी सतह होती है। इस सतह पर असंख्य छोटे-छोटे अचल कैलकेरियाई शूल या गुलिकाएँ (tubercles) होती हैं जो भुजाओं की लम्बी अक्षों के समान्तर अनियमित पंक्तियों में व्यवस्थित रहती हैं। इन शूलों के चारों ओर तथा बीच-बीच में छोटी-छोटी चिमटी के समान रचनाएँ पेडिसिलेरिआई पायी जाती हैं। ये पकड़ करने वाले अंग हैं। मुख एवं अपमुख दोनों सतहों पर अति छोटे अंगुली के समान, खोखले एवं आकुंचनशील प्रवर्ध भी पाए जाते हैं जिन्हें चर्मीय क्लोम (dermal branchiae) या गिल या पैप्यूली (papulae) कहते हैं। ये प्रवर्ध अध्यावरण के छोटे-छोट त्वक रन्ध्रों (dermal pores) द्वारा ऊपर उभरे रहते हैं और श्वसन तथा उत्सर्जन का कार्य करते हैं। केन्द्रीय डिस्क की अपमुख सतह पर केन्द्र के निकट एक छोटा छिद्र गुदा (anus) होता है। किन्ही दो भुजाओं के बीच एक अन्तःअरीय (interradius) स्थान में चपटा, वृत्ताकार क्षेत्र होता है जिसे मैड्रीपोराइट (madreporite) कहते हैं। यह एक छलनी के समान प्लेट होती है जिसमें छिद्रदार असंख्य सँकरी और अरीय खाँच होती हैं। इनके छिद्र शरीर के अन्दर जल संवहनी तन्त्र में खुलते हैं।

External Features Of Starfish
External Features Of Starfish

पेडिसिलेरिआई (Pedicellariae) – ये अति छोटी, श्वेताभ जबड़े के समान होती हैं। ये शरीर की दोनों सतहों पर शूलों के साथ पायी जाती हैं। ये सवृन्त व अवृन्त कैसी भी हो सकती हैं, परन्तु ऐस्टेरिऐस में केवल सवृन्त होती हैं। प्रत्येक में एक छोटा मांसल एवं चलायमान वृन्त होता है जिसके ऊपर परस्पर जुड़े दो कैलकेरिआई ब्लेड या वाल्व होते हैं जो एक तीसरी कैलकेरिआई आधारी या बेसीलर प्लेट (basilar plate) के साथ जुड़ी रहती हैं। इस प्रकार के तीन कैलकेरिआई प्लेट वाले पेडिसिलेरिया forcipulate कहलाते हैं। दोनों वाल्वों के सम्मुख तल दाँतेदार होते हैं। दोनों वाल्व एक जोड़ी abductor और दो जोड़ी adductor पेशियों द्वारा क्रमश: खुलते और बन्द होते हैं। ऐस्टेरिऐस में पेडिसिलेरिआई दो प्रकार की होती हैं

Straight type – वाल्व सीधे होते हैं और परस्पर मिलते समय अपनी सम्पूर्ण लम्बाई में मिल जाते हैं।

Crossed type – दोनों वाल्व एक कैंची की भुजाओं की भाँति एक-दूसरे को क्रॉस करते हैं। ये शूलों के आधार पर पाए जाते हैं।

 


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