BSc Botany Seed Of Pinus Notes

BSc Botany Seed Of Pinus Notes

 

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प्रश्न 7 – पाइनस के बीज की संरचना का वर्णन कीजिए।

उत्तर – 

पाइनस का बीज 

(Seed of Pinus) Notes

संरचना (Structure) – बीजाण्ड के विभिन्न भागों में परिवर्तन के साथ बीज बनता है। बीज बनने में तीन वर्ष लगते हैं। बीजाण्ड आवरण की मध्य काष्ठीय परत से बीज चोल बनता है।

अन्त:मांसल पर्त पतली झिल्लीनुमा (membranous) पर्त बनती है। इसे अन्तःचोल (tegmen) कहते हैं तथा बाह्य पर्त विलुप्त हो जाती है। बीजाण्डद्वार के सिरे पर टोपीनुमा रचना बनती है जिसे परिभ्रूणपोष (perisperm) कहते हैं। बीजाण्डधर बाह्यचोल के साथ मिलकर झिल्लीनुमा पक्ष (membranous wing) का निर्माण करती है।

Seed Of Pinus
Seed Of Pinus

बीज में मिलने वाली संरचनाएँ निम्नलिखित हैं –

  1. भ्रूण (Embryo)—यह तरुण बीजाणुउद्भिद् है। इसमें मूलांकुर तथा प्रांकुर के अतिरिक्त बीजपत्र मिलते हैं जिनकी संख्या 8-14 तक होती है।
  2. भ्रूणपोष (Endosperm)-बीज भ्रूणपोषी होते हैं। भ्रूणपोष अगुणित होता है भ्रूण को पोषण देता है तथा सुरक्षित रखता है। यह तेल युक्त तथा सफेद होता है। ___
  3. परिभ्रूणपोष (Perisperm)—यह पतली झिल्लीनुमा संरचना है तथा द्विगणित होती है।

    Seed Of Pinus
    Seed Of Pinus
  4. बीज चोल (Seed coat)-कठोर, काष्ठीय बाह्य आवरण है। 5 पक्ष (Wmga—यह झिल्लीनुमा रचना है। इससे बीज का वायु द्वारा प्रकीर्णन होता है।

अंकुरण (Germination)-बीज अंकुरित होने से पहले विश्राम अवस्था में रहते हैं। अनुकूल वातावरण के मिलते ही बीज अंकुरित होते हैं, तब मूलांकुर मिट्टी में तथा प्रांकुर वायु मे वृद्धि करते हैं। वृद्धि के समय बीजपत्र भी बाहर आ जाते हैं। ये हरे रंग के हो जाते हैं। अंकुरण भूम्यूपरिक (epigeal) होता है। नवोद्भिद् समोद्भिद् (mesophyte) होता है। मूलांकुर । प्राथमिक मूल (primary root) बनती है। नवोद्भिद् पौधा परिपक्व होकर मरुदभिद् (xerophyte) प्रकृति का हो जाता है।

आर्थिक रूप से पाइनस (Pinus) बहुत महत्त्वपूर्ण है। इससे इमारती लकड़ी (timber) माचिस की तीलियाँ, पेंसिल, स्केल, रेजिन, तेल, कागज, ईंधन, औषधि तथा टेनिन आदि होते हैं। पाइनस जिरार्डियाना के बीज खाए जाते हैं, इसे चिलगोजा (chilgoza) कहते है।

 


 

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