BSc 1st Year Proifera Sycon Short Question Answer Study Notes

BSc 1st Year Proifera Sycon Short Question Answer Study Notes

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BSc 1st Year Proifera Sycon


Unit II

प्रश्न 13 – साइकॉन में पाए जाने वाली कोएनोसाइट की रचना व कार्य का वर्णन कीजिए।

Describe the structure and function of choanocyte in Sycon.

अथवा साइकॉन में भोजन ग्रहण करने की विधि बताइए।

Describe feeding mechanism in Sycon.

उत्तर               –

साइकॉन की कोएनोसाइट  (Choanocyte of Sycon) 

कोएनोसाइट को कशाभित कॉलर कोशिका भी कहते हैं। ये कोशिकाएँ गोलीय या । शेष अण्डाकार होती हैं। प्रत्येक कोशिका के अन्दर एक केन्द्रक, एक या दो कुंचनशील धानियाँ, । इसी खाद्य धानियाँ, आरक्षित भोजन, ब्लीफैरोप्लास्ट, राइजोप्लास्ट और एक आधारी केन्द्रककाय

(kinetosome) जिससे कशाभ का उद्गम होता है, पाए जाते हैं। कशाभ के आधार से चारों है। इस ओर कोशिकाद्रव्यी झिल्ली का एक पतला कॉलर होता है। कोएनोसाइट में माइटोकॉण्ड्रिया, समें से | गॉल्जीकाय, अन्तःप्रद्रव्यी जालिका, राइबोसोम इत्यादि अंगक होते हैं। कॉलर की रचना में 20 श्चात् । से 30 सूक्ष्म विलाई या स्पर्शक होते हैं जो संकुचनशील होते हैं। ये प्राय: पार्श्व संयोजकों द्वारा परस्पर जुड़े रहते हैं।

BSc Proifera Sycon Study Notes
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भोजन ग्रहण की विधि अथवा कार्य (Feeding Mechanism or Function) – कॉलर कोशिकाओं (choanocytes) के कशाभों के स्पन्दन के द्वारा जल के साथ अन्दर आए . भोजन कण कॉलर से चिपक जाते हैं तथा कोऐनोसाइट के द्वारा निगल लिए जाते हैं। भोजन निगलने के कारण इनमें खाद्यधानियों का निर्माण होता है।

खाद्यधानी (food vacuole) में पहले अम्लीय माध्यम तत्पश्चात् क्षारीय माध्यम विकसित होते हैं, जिसके कारण भोजन का आंशिक पाचन हो जाता है। आंशिक रूप से पचा भोजन मीसेन्काइम में उपस्थित अमीबोसाइट (amoebocyte) में चला जाता है जहाँ इसका पूर्ण पाचन हो जाता है।

प्रश्न 14 – साइकॉन की रेडियल कैनाल का वर्णन कीजिए। 

Describe the Radial canal of Sycon.

उत्तर – रेडियल कैनाल (आराभी नाल)-ये लम्बे तथा अष्टभुजी स्थान हैं जो जठर गुहा में अनुप्रस्थ रूप में निकले रहते हैं। ये इनकरन्ट नालों के बीच स्थित होते हैं। इनके बाहरी|

सिरे बन्द होते हैं तथा भीतर के सिरे छोटे तथा चौड़े कक्षों में खुलते हैं जो अपवाही | (एक्सकरन्ट) नाल कहलाते हैं। रेडियल नाल को एक्सकरन्ट नाल से मिलाने वाले छिद्र | निगमन द्वार (एपोपाइल्स) कहलाते हैं। रेडियल नाल व एक्सकरन्ट नाल एक-दूसरे से | मीसेन्काइम द्वारा अलग रहते हैं, किन्तु कुछ स्थानों पर ये सूक्ष्म छिद्रों द्वारा एक-दूसरे में | कोशिका खुलते हैं।

ये छिद्र आगम द्वार या प्रोसोपाइल्स कहलाते हैं। प्रोसोपाइल छिद्र कोशिका कोशिका (porocyte) के भीतर स्थित लम्बी नाल है। रेडियल नाल का आन्तरिक स्तर कीप कोशिकाओं (flagellated cells or choanocytes) का बना होता है तथा कीप कोशिकाओं द्वारा आस्तरित होने के कारण कशाभीय होता है। कीप कोशिकाओं के कशाभ | स्रावण (flagella) बराबर गति करते रहते हैं तथा पानी की दिशा को नियन्त्रित करते हैं जिससे पानी

BSc Proifera Sycon Study Notes
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जठर गुहा की ओर बहता है। प्रोसोपाइल के.समीप की कीप कोशिकाओं के कशाभ निर्गम द्वार की ओर होते हैं जिससे पानी एपोपाइल द्वार की ओर जाता है। रेडियल कैनाल एपोपाइल के द्वारा हद स्पंज गुहा (Spongocoel) में खुलती है।

प्रश्न 15 – साइकॉन में कंटिकाओं के निर्माण का वर्णन कीजिए। 

Describe the development of spicules in Sycon.

उत्तर – कैल्शियमी कंटिकाओं का निर्माण (Formation of Calcious Spicules)-इन कंटिकाओं का स्रावण विशिष्ट प्रकार की कोशिकाओं, जिन्हें स्क्लीरोसाइट (sclerocytes) कहा जाता है, के द्वारा होता है।

ये कोशिकाएँ मध्य जननस्तरी स्क्लीरोब्लास्ट कोशिकाओं से निर्मित होती हैं। एकाक्षी कंटिका (monaxon) अथवा त्रिअरीय कंटिका (triradiate) की प्रत्येक अर का स्रावण दो स्क्लीरोसाइट करती हैं। एक कोशिका आधारी कोशिका की भाँति जबकि दूसरी निलम्बन कोशिका की भाँति कार्य करती है।

इन दोनों कोशिकाओं का निर्माण एक द्विकेन्द्रकीय स्क्लीरोब्लास्ट कोशिका के द्वारा होता है। कंटिका का निर्माण सर्वप्रथम दो केन्द्रकों के मध्य कैल्शियम कार्बोनेट के कणों के एकत्र होने से प्रारम्भ होता है। तत्पश्चात् निलम्बन कोशिका इन कणों के ऊपर कैल्शियम कार्बोनेट की परतों का . स्रावण करती है। जब इन कंटिकाओं का निमार्ण पूर्ण हो जाता है तब दोनों कोशिकाएँ मीसेन्काइम में प्रवेश कर जाती हैं। सिलिकाई कंटिका के निर्माण में प्रयुक्त स्क्लीरोब्लास्ट कोशिका को सिलिकोब्लास्ट (silicoblast) कहते हैं।

स्पांजिन कंटिकाओं का निर्माण (Formation of Spongin Spicules)स्पांजिन कंटिकाओं का निर्माण फ्लास्क के समान मीसेनकाइम कोशिकाओं से होता है जिन्हें स्पांजिओब्लास्ट कहते हैं। ये कोशिकाएँ एक रेखा में पंक्तिबद्ध हो जाती हैं तथा इनसे स्रावित स्पांजिन तन्तु आपस में एकदूसरे के साथ जुड़कर एक लम्बे तन्तु का निर्माण करते हैं। स्पांजिओब्लास्ट कोशिकाएँ तन्तु के निर्माण के पश्चात् विलुप्त हो जाती हैं।

 

 


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