BSc 1st Year Botany Polyporous Question Answer Notes

BSc 1st Year Botany Polyporous Question Answer Notes

 

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प्रश्न 14 – पोलीपोरस की बाह्य संरचना वर्गीकरण लिखिए।

उत्तर

पोलीपोरस [Polyporous] Notes

विभाग – यूमाइकोटा

उपविभाग – “बेसिडियोमाइसीट्स

वर्ग – हाइमीनोमाइसीट्स

गण – एफिल्लोफोरेल्स

कुल- पोलीपोरेसी

वंश – पोलीपोरस

प्राप्ति स्थान (Occurrence)- पोलीपोरस मृतोपजीवी की तरह सड़े-गले लकड़ी के लट्ठों पर या भूमि पर उगती है। कुछ जातियाँ वन वृक्षों (जैसे-ओक, सेब, अखरोट आदि) या छायारागी वृक्षों (जैसे—डलबर्जिया आदि) पर मिल सकती है। इनमें यह कवक भूरा काण्ठ गलन (Rador brown woodrot) रोग उत्पन्न करता है। अतः इन्हें वुड रोटर्स (wood rotters) भी कहते हैं।

विश्व में पोलीपोरस की अनेकों जातियाँ मिलती हैं। इनमें से लगभग 150 जातियाँ भारतवर्ष में मिलती हैं। इस कवक की जातियाँ छिद्रिल कवक (pore fungi) या ब्रेकेट कवक (bracket fungi) के नाम से भी जानी जाती हैं। सामान्य रूप से मिलने वाली कवक जातियाँ। P. befulinus, P. sulphuerus. P. squamosus, P. versicolor, P. abietinus आदि हैं।

संरचना (Structure)-पोलीपोरस में दो प्रकार का कवकजाल (mycelium) ( मिलता है

(a) प्राथमिक माइसीलियम (Primary mycelium)-यह कवकजाल बेसीडियोस्पोर के अंकुरण से बनता है। अत: एक केन्द्रकी होता है। यह माइसीलियम पटयुक्त तथा अल्पकालिक होता है। प्राय: यह परपोषी की जड़ के समीप मृदा में बनता है तथा फिर जड़ पर आक्रमण करता है।

(b) द्वितीयक माइसीलियम (Secondary mycelium)-यह माइसीलियम प्राथमिक माइसीलियम के संलयन से बनता है।

BSc Polyporous Notes
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संलयन कोशिका द्विकेन्द्रकी होती है तथा विभाजित होकर द्वितीयक या डाइकैरियोटिक माइसीलियम (Secondary er Diakaryotic mycelium) का निर्माण करती है।

माइसीलियम लम्बे समय तक रहता है। यह कवकजाल हार्ट वुड में कवक तन्तुओं की एक

एत का निर्माण करता है। कवक जाल विकर स्रावित करता है जो जाइलम की तीफाइड भित्तियों का पाचन करता है। फलनकायड भित्तियों का पाचन करता है। पलनकाय  इसी कवकजाल पर बनते हैं।

 


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