Fertilization In Pinus BSc Botany Notes
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प्रश्न 6 – पाइनस में निषेचन व बीजाणुउद्भिद् के विकास का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर –
पाइनस में निषेचन
(Fertilization in Pinus) Notes
निषेचन की क्रिया परागण की क्रिया के एक वर्ष पश्चात् होती है। परागकण अंकरित होते हैं, तब परागकण की बाह्य भित्ति एक्साइन (exine) फट जाती है और परागनली (pollen tube) बाहर निकलती है। यह पराग नली बीजाण्डकाय को भेदकर स्त्रीधानी की ग्रीवा पर पहुँचती है और फट जाती है जिससे दोनों नर युग्मक मुक्त हो जाते हैं। पाइनस में परागनली शाखित होती है तथा चूषकीय प्रकृति (haustorial nature) की नहीं होती है। नर युग्मक ग्रीवा नाल से होकर अण्ड कोशिका में पहुँचते हैं, जहाँ अण्ड कोशिका से संगलित होकर अण्डाणु (oospore) बनता है।
बीजाणुउद्भिद् का विकास
(Development of Sporophyte) Notes
पाइनस में अण्डाणु द्विगुणित (diploid) होता है तथा यह बीजाणुउद्भिद् की प्रथम कोशिका है। अण्डाणु के केन्द्रक में मुक्त केन्द्रक विभाजन से 4 केन्द्रक बनते हैं। एक बार और विभाजन होने से 8 केन्द्रक बनते हैं। आठ केन्द्रक 4, 4 के दो सोपान (tier) में विभाजित होते हैं, फिर भित्ति निर्माण शुरू हो जाता है। इसके बाद दोनों सोपानों में एक विभाजन और होता है, परिणामस्वरूप प्राक्भ्रूण (proembryo) बनता है। प्राक्भ्रूण में चार कोशिकाओं के चार सोपान (tier) बन जाते हैं। ये चार सोपान निम्नलिखित हैं
- ऊपरी सोपान (Upper tier)—यह सबसे ऊपर होती है। इसे Keguee meesheeve (open tier) भी कहते हैं। यह अल्पजीवी (short lived) होती है तथा शेष सोपानों का पोषण करती है।
- पुंजी सोपान (Rossette tier)—ऊपरी सोपान के नीचे की पंक्ति है। यह अण्ड व निलम्बक को खाद्य वितरण करती है। कभी-कभी इससे पुंजी भ्रूण (rossette embryo) भी
बनता है, परन्तु यह अल्पजीवी होता है।
- निलम्बक सोपान (Suspensor tier)—ये कोशिकाएँ बहुत लम्बी होती हैं तथा निलम्बक (suspensor) बनाती हैं। लम्बा निलम्बक भ्रूण को भ्रूणपोष तक पहुँचाता है।
4.भ्रूणीय सोपान (Embryonal tier)—यह सबसे नीचे की पंक्ति है। इसकी कोशिकाए बीजाण्डद्वार से अत्यधिक दूरी पर होती हैं। इनके विभाजन से द्वितीयक निलम्बक (secondary suspensor) अथवा भ्रूणीय नलिकाएँ (embryonal tubes) व भ्रूण बनता है।
इस प्रकार एक अण्डाणु से चार सक्रिय भ्रूण बनते हैं। अत: यह विदलन बहुभ्रूणता (cleavage polyembryony) का अच्छा उदाहरण है। चार भ्रूण में से केवल एक भ्रूण ही परिपक्व हो पाता है।
भ्रूण विकसित होकर बीजाण्डद्वार की ओर मूलांकुर (radicle) तथा उसके विपरीत प्रांकुर (plumule) बनाता है।
पाइनस में भ्रूण का विकास अण्डाणु के केवल एक भाग से होता है। इस प्रकार के विकास को अंशमापी (meroblastic) विकास कहते हैं।
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