BSc 1st Year Botany Pteridium Notes

BSc 1st Year Botany Pteridium Notes

 

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प्रश्न 11 – टेरीडियम के आवास, स्वभाव बाह्य आकारिकी का वर्णन कीजिए तथा वर्गीकरण लिखिए। 

उत्तर –

टेरीडियम 

(Pteridium)

आवास (Habitat) Notes

टेरीडियम का सामान्य नाम ब्रेकन फर्न (Braken Fern) है। यह विश्वव्यापी (cosmopoliton) फर्न है। द० अमेरिका और आर्कटिक क्षेत्र के अतिरिक्त संसार के समस्त. शीतोष्ण (temperate) क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी जातियों के सम्बन्ध में दो मत हैं एक मतानुसार टेरीडियम की एक ही जाति टे० एक्वीलाइनम (T. aquilinum) है और इसी की अनेक भागोलिक उपजातियाँ हैं। दूसरे मतानुसार इनको उपजातियाँ न मानकर जातियाँ मानते हैं। टेरीडियम प्राय: चट्टानों की दरारों में, शुष्क खुली ढलानों पर या जंगलों में शुष्कोद्भिद् के रूप में मिलते हैं. जंगलों को साफ कर देने के पश्चात् टेरीडियम सबसे पहले उगने वाले पादपों में से हैं। इनमें कायिक जनन तीव्र गति से होने के कारण पौधे समूह प्रवृत्ति (gregarious habit) में उगे हए मिलते हैं।

स्वभाव (Habit) Notes

टेरीडियम एक बीजाणुउद्भिद्  (sporophytic) पादप है जो जड़, स्तम्भ व पर्ण में स्पष्ट रूप से विभेदित रहता है। इनमें से जड़ व स्तम्भ भूमिगत होते हैं तथा केवल पर्ण का . विस्तृत भाग वायवीय अवस्था में होता है। अतः ऐसे पादपों को गुरुपर्णी (megaphyllous) पादप कहते हैं।

BSc Botany Pteridium Notes
BSc Botany Pteridium Notes

बाह्य आकारिकी

(External morphology) Notes

  1. 1. जड़ (Root)-प्राथमिक मूल अल्पजीवी होती है तथा शीघ्र ही नष्ट हो जाती है। इसके स्थान पर सम्पूर्ण स्तम्भ से अनेक अपस्थानिक मूलें निकलती हैं। जड़ें, कोमल, अधिक संख्या में तथा अशाखित होती हैं।
  2. स्तम्भ (Stem)-स्तम्भ सदैव भूमिगत प्रकन्द (rhizome) के रूप में रहता है। इसमें प्रकन्द लम्बा, विचरणित (straggling) होता है। स्तम्भ में द्विभाजी शाखाएँ (dichotomous branching) पायी जाती हैं जो संधिताक्षी (sympodial) होती हैं। तात्पर्ययह है कि एक शाखा दूसरी शाखा की अपेक्षा अधिक वृद्धि कर मजबूत व लम्बी हो जाती है ‘ संधिताक्षी तन्त्र के अनेक भागों से पार्श्व शाखाएँ निकलती हैं। शाखाएँ दो प्रकार की | होती हैं—लम्बी शाखाएँ व छोटी शाखाएँ। पत्तियाँ केवल छोटी शाखाओं पर ही लगती है। प्रकन्द गोल व काले रंग का होता है और तरुण अवस्था में सघन, साधारण भूरे रोमों से ढका रहता है, इन रोमों को रेमेन्टा कहते हैं।
  3. पत्ती (Leaf)-पत्तियाँ पिच्छाकार संयुक्त (Pinnately compound) होता है। नवजात पत्तियों में कुण्डलित किसलय वलय (circinate ptyxis) व अग्रभाजित शिराविन्यास | (furcate venation) मिलता है। इनकी एक पत्ती को प्रपर्ण (frond) कहते हैं। पत्तिया | प्रकन्द के ऊपरी भाग पर एक-दूसरे से कुछ दूरी पर एकान्तर (alternate) क्रम में परिवद्धित होती हैं। पत्तियाँ लम्बाई में 2 से 12 फुट की होती हैं तथा प्रत्येक पत्ती का पर्णवन्त (petiole) | व पर्णफलक (lamina) लगभग बराबर लम्बाई का होता हैं। पर्णफलक, द्विपिच्छाकार (bipinnate) होता है। पिच्छाक्ष (rachis) भी रोमों अर्थात् रेमेन्टा (rementa) से ढक रहते हैं। रेमेन्टा तरुण भागों को शुष्क होने से बचाता है।

टेरीडियम का वर्गीकरण 

(Classification of Pteridium) Notes

जगत (Kingdom) पादप (Plantae)

उपजगत (Subkingdom) एम्ब्रिायोफाइटा (Embryophyta)

विभाग (Division) ट्रेकियोफाइटा (Tracheophyta)

उप-विभाग (Sub-division) टेरिडोफाइटा (Pteridophyta)

वर्ग (Class)  लेप्टोस्पोरेन्जियटी (Leptosporangiptae)

गण (Order) फिलीकेल्स (Filicales)

‘कुल (Family) पोलीपोडियेसी (Polypodiacea

वंश (Genus) टेरीडियम (Pteridium)

 


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