Sexual Reproduction In Polysiphonia BSc Botany Notes
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प्रश्न 10 – पॉलीसाइफोनिया में लैंगिक प्रजनन का वर्णन कीजिए।
उत्तर –
पॉलीसाइफोनिया में लैंगिक प्रजनन
(Sexual Reproduction in Polysiphonia) Notes
इस लाल शैवाल के जीवन-चक्र में निम्नलिखित तीन प्रकार के पौधे होते हैं
- 1. गैमिटोफिटिक पौधे (Gametophytic Plants)-ये पौधे haploid, स्वतन्त्र व दोनों प्रकार के होते हैं अर्थात् नर एवं मादा पौधे।
- कार्पोस्पोरोफिटिक पौधे (Carposporophytic Plants)-यह diploid अवस्था है और गैमिटोफाइट के ऊपर आश्रित होती है।
- 3. टेट्रास्पोरोफिटिक पौधे (Tetrasporophytic Plants)-यह diploid एवं पतन्त्र अवस्था होती है। इसमें haploid tetraspores बनते हैं।
नर जननांग (Male Sex organs) Notes
ये गैमिटोफिटिक spermatangia कहलाती हैं एवं haploid गैमिटोफिटिक पौधों पर विकसित होती हैं। नर जननांगों में बहुत-सी spermatangial mother cells होती हैं। इन
कोशिकाओं से spermatangia या antheridia विकसित होते हैं। , प्रत्येक spermatangium में एक अचल नर गैमीट या spermatium होता है।
मादा जननांग (Female Sex Organs) Notes
ये मादा गैमिटोफिटिक पौधों पर लगे रहते हैं। मादा जननांगों को कार्पोगोनिया (carpogonia) कहते हैं। प्रत्येक कार्पोगोनियम एक फ्लास्क के आकार की रचना होती है. जिसके नीचे का भाग फूला हुआ होता है एवं एक लम्बी गर्दन की तरह की trichogyne होती है। यह मादा trichoblast के ऊपर विकसित होती है।
विकास (Development)-कार्पोगोनियम एक carpogonial filament पर उपस्थित रहती है। पूरा कार्पोगोनियम filament एक supporting cell से विकसित होता है। इस supporting cell की lateral side से एक पार्श्वबन्ध्य तन्तु (lateral sterile . filament) एवं आधार की ओर से एक basal sterile filament निकलता है।
इस अवस्था में निषेचन होता है। पानी की सहायता से, न चलने वाले नर गैमीट trichogyne के पास तक पहुँचते हैं। एक नर गैमीट एवं trichogyne के बीच की भित्ति घुल जाती है। Plasmogamy एवं karyogamy की क्रियाएँ होती हैं तथा इस प्रकार से कार्पोगोनियम में एक diploid जाइगोटिक केन्द्रक (zygotic nucleus) का निर्माण होता है।
निषेचन के उपरान्त परिवर्तन (Post-fertilization Changes)-निषेचन के बाद supporting cell से एक auxiliary cell का निर्माण होता है। यह कार्पोगोनियम से जुड़ जाती है। इसके उपरान्त auxiliary cell, basal sterile filament एवं lateral sterile filament की कोशिकाएँ आपस में मिलकर एक संयुक्त कोशिका का निर्माण करती हैं जिसे placental cell कहते हैं।
इस placental cell से कुछ 3-4 कोशिकाओं वाले
carpogonial filaments का निर्माण होता है जिनके ऊपर की कोशिका एक कार्पोस्पोरेन्जियम की तरह कार्य करने लगती है। प्रत्येक कार्पोस्पोरेन्जियम में एक diploid कार्पोस्पोर (carpospore) होता है। इन सभी रचनाओं (e.g. placental cell, carposporangia and carpospores) के चारों ओर कुछ वर्धी शाखाएँ विकसित हो जाती है। वर्धी शाखाओं से घिरी हुई रचना को कार्पेस्पोरोफाइट (carposporophyte) कहते हैं।
प्रत्येक कार्पोस्पोर के उगने से एक अलग प्रकार के द्विगुणित (diploid) Polysiphonia पौधे का निर्माण होता है। यह पौधा tetrasporophytic पौधा कहलाता है।इसमें tetrasporangia का निर्माण होता है। प्रत्येक tetrasporangium में एक diploid केन्द्रक होता है जिसमें अर्द्धसूत्री विभाजन (meiosis) होने से चार haploid tetraspores का निर्माण होता है। प्रत्येक tetraspore बाहर निकलकर उगता है एवं एक haploid पौधे माण करता है। इस haploid पौधे पर बाद में नर या मादा जननांगों का विकास होता है।
इस प्रकार Polysiphonia का प्रमुख पौधा haploid होता है एवं इस पर नर अथवा मादा जननांग विकसित होते हैं। जीवन-चक्र में दो diploid अवस्थाएँ भी होती हैं; जैसे- . carposporophytic अवस्था एवं tetrasporophytic अवस्था। इस प्रकार से Plysiphonia का जीवन-चक्र triphasic type अथवा haplo-diplo-biontic प्रकार का होता है।
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