Law Of Segregation BSc Zoology Question Answer

Law Of Segregation BSc Zoology Question Answer

 

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प्रश्न 2 – मेण्डल द्वारा दिया गया पृथक्करण का नियम स्पष्ट कीजिए।

Explain Law of Segregation given by Mendel. 

उत्तर– ‘विसंयोजन का नियम (Law of Segregation)-इसे पृथक्करण का नियम अथवा युग्मकों की शुद्धता का नियम (Law of Purity of Gametes) भी कहते हैं। इस नियम के अनुसार प्रत्येक जीन जोड़ी के कारक (जीन) युग्मकों के निर्माण के समय एक-दूसरे से पृथक् होकर अलग-अलग युग्मकों में चले जाते हैं। युग्मनज निर्माण में ये कारक पुनः एक-दूसरे के साथ आ जाते हैं तथा अपना अस्तित्व बनाए रखते हैं।

मेण्डल द्वारा किए गए प्रयोग में लम्बे तने को प्रदर्शित करने के लिए ‘T’ जीन तथा बौने तने को प्रदर्शित करने के लिए ‘t’ जीन को संकेतों के रूप में प्रयुक्त किया गया था। संकरण के पश्चात् प्राप्त F पीढ़ी के विषमयुग्मजी लम्बे (hybrid tall) पौधे की कायिक कोशिकाओं में दोनों वैकल्पिक जीन (Tt) होंगे तथा युग्मकजनन (gametogenesis) की क्रिया में ये दोनों जीन विकल्प एक-दूसरे से पृथक् होकर अलग-अलग युग्मकों में चले जाते हैं। प्रत्येक युग्मक में ‘T’ अथवा ‘t’ प्रकार का जीन विकल्प होता है।

Law Of Segregation BSc
Law Of Segregation BSc

मेण्डल के प्रभाविता के नियम में एकसंकर संकरण में प्राप्त F, पीढ़ी में संकर लम्बे (Tt) पौधों में दोनों के जीन विद्यमान होते हैं। युग्मकजनन की प्रक्रिया में ये जीन एक-दसरे पृथक् हो जाते हैं तथा अलग-अलग युग्मकों में चले जाते हैं। जब F1 पीढ़ी के संकर पौधों के मध्य स्वःनिषेचन कराया जाता है और F2 पीढ़ी के पौधे प्राप्त होते हैं। तव लक्षण प्रारूपों (phenotypes) में प्रभावी एवं अप्रभावी 3:1 के अनुपात में, जबकि जीन प्रारूपों (genotypes) में लम्बे तने वाले समयुग्मजी पौधे, लम्बे तने वाले विषमयुग्मजी पौधे तथा बौने तने वाले समयुग्मजी पौधे (TT, Tt तथा tt) 1 : 2 : 1 का अनपात दर्शाते है, जिससे विसंयोजन की वैधता प्रमाणित होती है।

इसा प्रकार लाल और सफेद फलों वाले मटर के पौधों के मध्य संकरण कराने पर F पीढ़ी में सभी पौधे लाल रंग के फलों वाले प्राप्त होते हैं, जिससे पता चलता है कि लाल रंग एक प्रभावी लक्षण, जबकि सफेद रंग मटर के पौधे का एक अप्रभावी लक्षण हा मेण्डल ने लाल रंग को R से, जबकि सफेद रंग को r’ से प्रदर्शित किया। F पीढ़ी के संकरों (hybrids) के मध्य स्व:निषेचन कराने पर 75% पौधे लाल रंग के फूलों वाले, जबकि 25% पौधे सफेद रंग के फूलों वाले प्राप्त हुए। जब इनके जीन प्रारूपों का अध्ययन किया गया तो पता चला कि लाल रंग के फूलों वाले समयुग्मकी पौधे, लाल रंग के फूलों वाले विषमयुग्मकी पौधे तथा सफेद रंग के फूलों वाले समयुग्मकी पौधे क्रमश: 1:2:1 का अनुपात दर्शाते हैं।

 


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