Stem Of Pinus BSc Botany Question Answer Notes
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प्रश्न 3 – पाइनस में तने की संरचना व द्वितीयक वृद्धि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर –
पाइनस का तना (Stem of Pinus) Notes
तना बेलनाकार व ऊर्ध्व होता है। यह काष्ठीय तथा शल्की छाल से ढका होता है। मुख्य अक्ष की अग्रस्थ कलिका (terminal bud) तीव्रता से वृद्धि करती हैं। शाखाएँ एक अक्षीय, एकलाक्षी (monopodial) होती हैं। मुख्य तने पर दो प्रकार की शाखाएँ होती हैं
(1) असीमित वृद्धि की शाखाएँ (Branches of unlimited growth)
(2) सीमित वृद्धि की शाखाएँ (Branches of limited growth)
असीमित वृद्धि की शाखाएँ लम्बी होती हैं तथा प्ररोह बनाती हैं। इन शाखाओं पर शल्क पत्र (scale leaves) मिलती हैं। सीमित वृद्धि की शाखाएँ बहुत छोटी होती हैं तथा इन्हें स्पर (spur) भी कहते हैं। इन शाखाओं पर शल्क पत्र के कक्ष में हरी सूजाकार (acicular) सामान्य पत्ती (foliage leaf) मिलती हैं। जाति के अनुसार पत्तियों की संख्या निश्चित होती है; जैसे-एक – (पा० मोनोफिल्ला), दो (पा० सिल्वेस्ट्रिस), तीन (पा० रॉक्सबरघाई), चार (पा० वालीचियाना) आदि।
तने की आन्तरिक संरचना
(Internal Structure of Stem) Notes
पाइनस का तना क्यूटिकिल (cuticle) से ढका रहता है। बाह्यत्वचा (epidermis) के नाचे हाइपोडर्मिस (hypodermis) मिलती है। इसमें कोशिकाएँ लिग्निनयुक्त होती हैं। अन्दर की ओर कोशिकाएँ मृदूतकीय होती हैं। इन कोशिकाओं में हरितलवक भी मिल सकते हैं। रेजिन कैनाल भी मिलती हैं।
अन्तस्त्वचा (endodermis), परिरम्भ (pericycle) आसानी से विभेदित नहीं किए जा सकते हैं। संवहन सिलिण्डर (vascular cylinder) में बहुत से संवहन पूल एक चक्र में व्यवस्थित रहते हैं। प्रत्येक संवहन पूल (vascular bundle) संयुक्त, कोलेटरल तथा खुला (conjoint, collateral and open) होता है। जाइलम तथा फ्लोएम के मध्य कैम्बियम मिलता है। प्रोटोजाइलम एण्डार्क (endarch) होता है, जाइलम में वाहिकाएँ (vessels) तथा फ्लोएम में सहचर कोशिकाएँ (companion cells) नहीं पायी जाती हैं। फ्लोएम में चालनी कोशिका, पैरेन्काइमा तथा ऐल्बुमिनस कोशिकाएँ (albuminous cells) मिलती हैं। ऐल्बुमिनस कोशिकाएँ आवृतबीजी फ्लोएम की सहचर कोशिकाओं के समान कार्य करती हैं। संवहन पूलों के मध्य पतली मज्जा रश्मियाँ (medullary rays) मिलती हैं, जो पिथ तथा कॉर्टेक्स का सम्बन्ध स्थापित करती हैं।
पाइनस के तने में द्वितीयक वृद्धि
(Secondary Growth in Pinus Stem) – Notes
तने की द्वितीयक वृद्धि द्विबीजपत्री तने के समान होती है। वृद्धि वलय (growth rings) मिलती हैं। द्वितीयक जाइलम (secondary xylem) वाहिनिकाओं (tracheids) में परिवेशित गर्त (bordered pits) मिलती हैं। गर्त के चारो ओर मिलने वाले स्थूलन को बार ऑफ सेनियो (bars of sanio) या क्रेसूला (crassulae) कहते हैं। मज्जा रश्मियाँ (medullary rays) एक पंक्तिक (uniseriate) तथा 8-10 कोशिकाओं तक ऊँची होती हैं। रेजिन कैनाल मिलने से यह बहुपंक्तिक (multiseriate) हो जाती हैं। इनकी स्पष्ट स्थिति देखने के लिए स्पर्श (tangential) तथा अरीय (radial) लम्ब काट (longitudinal section) का अध्ययन करना चाहिए।
रेजिन कैनाल कॉर्टेक्स, जाइलम, फ्लोएम तथा पिथ में एक संयुक्त तंत्र बनाता है। प्रत्येक कैनाल के चारों तरफ एक ग्रंथिल उपकला (glandular epithelial layer) होती है। यह तारपीन के तेल (terpentine oil) का निर्माण करती है। पाइनस के तने में बाह्यत्वचा के नीचे कॉर्क कैम्बियम या फैलोजन उत्पन्न होती है जिससे पेरीडर्म बनती है।