Nutrition In Paramecium BSc Zoology Notes
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प्रश्न 2 – पैरामीशियम में किस प्रकार का पोषण पाया जाता है? इसका वर्णन कीजिए।
Which type of nutrition is found in Paramecium ? Describe it.
अथवा होलोजोइक पोषण पर टिप्पणी कीजिए।
Write note on Holozoic nutrition.
उत्तर – पैरामीशियम में पोषण
(Nutrition in Paramecium)
पैरामीशियम में पोषण प्राणिसमभोजी (holozoic) प्रकार का होता है। इसका भोजन जीवाणु होते हैं। पैरामीशियम 24 घण्टे में 20 से 25 लाख ईश्चीरिकिया कोलाई खा लेता है।
पैरामीशियम छोटे-छोटे प्रोटोजोआ, एककोशिक पौधों (शैवाल, डायटम, यीस्ट) तथा जन्तुओं और पौधों के सूक्ष्म टुकड़ों को भी खाता है।
मुख गुहिका (buccal cavity) में मुख या साइटोस्टोम (cytostome) होता है। यह प्राणी के अधर तल पर स्थित होता है। भोजन इस भाग के द्वारा ग्रहण किया जाता है। मुख खाँच के पक्ष्माभों की लगातार स्पंदन गति भोजन कणों सहित जल की धारा को प्रघाण (vestibule) की ओर चलाती है। प्रघाण का पक्ष्माभी मार्ग भोजन कणों को मुख गुहिका में भेज देता है। केवल छोटे-छोटे कण ही मुख गुहिका के अन्दर पहुँचते हैं। इस प्रकार पैरामीशियम एक वरणात्मक भक्षक है। मुख गुहिका के पक्ष्माभों के स्पंदन चयन किए हुए भोजन कणों को कोशिका मुख से कोशिका ग्रसनी में भेजते हैं। अब भोजन धीरे-धीरे कोशिका ग्रसनी की तली पर एक आशय में इकट्ठा होने लगता है जो बाद में एक खाद्य धानी बनकर पृथक् हो जाता है। एक खाद्य धानी बनने के बाद एक से पाँच मिनट के अन्दर ही दूसरी खाद्य धानी का निर्माण होता है। अस्वीकृत भोज्य कणों को प्रघाण से बाहर निकाल दिया जाता है। भोज्य कण शरीर से एक निश्चित मार्ग के द्वारा बाहर निकाले । जाते हैं, जिसे अस्वीकरण मार्ग (rejection path) कहते हैं।
पाचन क्रिया (Digestion)- प्रत्येक खाद्य धानी के अन्दर भोजन कणों के चारों ओर जल की एक पतली पर्त होती है। पैरामीशियम में अन्तर्द्रव्य की मन्द एवं नियमित गति से खाद्य धानी लगभग एक मन्द एवं नियमित गति से एक निश्चित मार्ग से होकर शरीर में चारों ओर चक्कर लगाती है जिसे जीवद्रव्यभ्रमण अथवा साइक्लोसिस (cyclosis) कहते हैं। खाद्य धानियाँ चक्कर लगाती हुईं मुखीय भाग की ओर कोशिकागुद (cytopyge) तक जाती हैं। इनकी इसी यात्रा के अन्तर्गत भोजन का पाचन एवं स्वांगीकरण हो जाता है।
लाइसोसोम्स द्वारा प्रोटिएज, कार्बोहाइड्रेज तथा लाइपेज एन्जाइमों का स्रावण खाद्य धानियों में किया जाता है जिससे भोजन का पाचन होता है। खाद्य धानी के अन्दर सर्वप्रथम क्षारीय माध्यम विकसित होता है तत्पश्चात् अम्लीय एवं अन्त में पुनः क्षारीय माध्यम विकसित होते हैं। इन माध्यमों में विभिन्न एन्जाइम भोज्य कणों का पाचन करते हैं। भोजन के पचे हुए उत्पाद ग्लाइकोजन तथा वसा गोलिकाएँ कोशिकाद्रव्य में विसर्जित हो जाते हैं।
बहिःक्षेपण (Egestion)
भोजन के पाचन एवं अवशोषण के साथ खाद्य धानी का आकार छोटा होता जाता है। अन्त में बचा अपच भाग कोशिका मुख के पीछे अधर तल पर स्थित कोशिकागुद cytopyge) द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।
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