Naviculla BSc 1st Year Botany Question Answer Notes
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प्रश्न 17 – नेविकुला की संरचना व जनन का वर्णन कीजिए।
उत्तर _
नेविकुला (Naviculla) Notes
यह अलवणीय जल में अथवा स्थिर अलवणीय जल में जैसे झील, तालाब गड्ढ आदि मिलता है। कभी-कभी शैवालों पर ऊपरिरोही (epiphyte) के रूप में भी मिलता हैं।
संरचना (Structure)—यह एककोशिकीय जीव है। इसकी कुछ प्रजातियाँ समूह (colony) में भी मिलती है। प्रत्येक कोशिका लम्बी.. दीपीकत होती है। लम्बाई चाड़ाई-से सात आठ गुना अधिक होती है। सामान्यतः इसका आमाप 140 x 20 u होता है। काशिका भित्ति सिलिका की बनी दो भाग में होती है। इन्हें वाल्व कहते हैं। दोनों वाल्व इस प्रकार के होते हैं किं ये एक-दूसरे में फिट हो जाएँ, एक बक्स की तरह। बाहरी वाल्व को एपीथीका (Epl तथा अन्दर की वाल्व को हाइपोथीका (hypotheca) कहते हैं। इसक कार. आवरण होता है। प्रत्येक वाल्व के दो भाग होते हैं। चपटा टॉप जिसे वाल्व फेस (Vary face) कहते है तथा किनारे जिन्हें मेन्टल (Mantle) अथवा गर्डल (Girdle) कहते हैं। दोनों वाल्व एक-दूसरे पर चढ़े होते हैं। इसे गर्डल बैन्ड (Girdle band) कहते हैं। यदि इसे ऊपर से देखें तो टॉप व्यू (Top view) अथवा वाल्व व्यू (Valve view) कहते हैं और इसे एक तरफ से देखें तो इसे गर्डल व्यू (Girdle view) कहते हैं। वाल्व व्यू में देखें तो इस पर कोस्टी (Costae) दिखाई देते हैं जो एक कतार में समान्तर अनुप्रस्थ रिब (parallel transverse ribs) के रूप में दिखते हैं। किनारे से केन्द्र की ओर देखने पर केन्द्र तक नहीं दिखाई पड़ते हैं। (चित्र)
ये कोस्टी छोटी-छोटी बहुत पतली नलियाँ (cavities) हैं। वाल्व के केन्द्र में एक लम्बी रेखा दिखाई देती है जिसे रेफे (Raphe) कहते हैं। यह भित्ति में उपस्थित होती है। यह सीधी नहीं अपितु सिग्मॉइड होती है और वाल्व को सममित (symmetrical) रूप में विभाजित करती है। रेफे के मध्य में एक केन्द्र नोड्यूल (central nodule) होता है। इस स्थान पर थोड़ा मोटा हातो है। इसी प्रकार रेफे के दोनों अन्त (end) पर ध्रुवीय नोड्यूल्स (polar nodules) होते है। इन छिद्रों के द्वारा प्रोटोप्लास्ट से निकलने वाला श्लेष्म बाहर आता है। रेफे को प्रचलन आवश्यक माना जाता है। नेवीकुला में सर्पिल प्रचलन (creeping movement)होता है। सिलिका की कोट के नीचे जीवित कोशिका पर पेक्टिन की भित्ति मिलती है जिसे प्रिमोर्डियल अर्टिकल (Primordial urticle) कहते हैं। एक बड़ी-सी रिक्तिका को घेरे हुए , दो बड़े प्लास्टिड अथवा लवक मिलते हैं जो पूरी कोशिका की लम्बाई में फैले रहते हैं। इनमें क्रैरोटीन के रूप में फेटी ऑयल (fatty oil) तथा ल्यूकोसिन (Leucocin) मिलता है। केन्द्र में १ जो गर्डल व्य में न ।
प्रजनन (Reproduction) Notes
- कोशिका विभाजन (Cell Division)-कोशिका विभाजन की क्रिया सामान्यतः रात में होती है। सर्वप्रथम गर्डल के समकोण की दिशा में कोशिका के आमाप में वृद्धि होती है। इसके पश्चात् केन्द्रक में सूत्री विभाजन होता है तथा दोनों वाल्व में विदलन (cleavage) होने से इसके दो भाग हो जाते हैं। प्रत्येक अर्द्ध भाग में एक वाल्व मातृ कोशिका से तथा दूसरा वाल्व नया होता है। इसी कारण बनने वाली पुत्री कोशिका में से एक छोटी होती है। ऐसा भी देखा गया .., है कि यदि पानी में सिलिका की कमी हो जाए तो कोशिका विभाजन नहीं होता है।
- ऑक्सोस्पोर (Auxospore)-ऑक्सोस्पोर उन कोशिकाओं में बनता है जिनका आमाप सबसे कम हो जाता है। ऑक्सोस्पोर निर्माण के समय कोशिका श्लेष्म का स्रावण करती है जिसके कारण दोनों वाल्व प्रोटोप्लास्ट से विलग होकर दूर हो जाते हैं। यह प्रोटोप्लास्ट सर्वाधिक आमाप को प्राप्त कर लेता है, उस पर पेक्टिन का आवरण बन जाता है जिसे पेरिजोनियम कहते हैं। इसमें कोई केन्द्रकीय विभाजन नहीं होता है। लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)- नेविकुला (पिन्युलेरिया) में लैंगिक जनन का अधिक अध्ययन नहीं हुआ है।
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