Life Cycle Of Asterias Zoology Question Answer
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प्रश्न 5 – सितारा मछली के जीवन–चक्र का वर्णन कीजिए।
Describe life history of Asterias.
उत्तर –
सितारा मछली का जीवन–चक्र
(Life – cycle of Asterias) Notes
सितारा मछली का जीवन-चक्र व परिवर्द्धन (विकास) निम्नलिखित चरणों में पूर्ण होता है।
निषेचन (Fortilization) Notes
निषेचन प्राय: बसन्त ऋतु में होता है। परिपक्व शुक्राणु तथा अण्डाणु जल में निष्कासित होते हैं जहाँ बाह्य निषेचन सम्पन्न होता है। मादा एक घण्टे में लगभग 1.25 लाख अण्डे निष्कासित करती है। शुक्राणुओं का निष्कासन नरों के द्वारा कहीं अधिक संख्या में होता है| शुक्राणु और अण्डाणु के केन्द्रकों के समेकन से जाइगोट (zygote) का निर्माण होता है जो अपने चारों ओर एक निषेचन झिल्ली (fertilization membrane) का निर्माण कर लेता है।
परिवर्धन (Development)-परिवर्धन अप्रत्यक्ष होता है। निषेचित अण्डों में योक की मात्रा कम होती है, ऐसे अण्डों को माइक्रोलेसीथल अथवा लघुपीतकी कहा जाता है। विदलन (cleavage) तीव्र तथा पूर्ण होता है जिसके कारण बहुकोशिकीय ब्लास्टुला अथवा सीलोब्लास्टुला (blastula or coeloblastula) का निर्माण होता है। यह एकस्तरी, गोल तथा रोमाभयुक्त (ciliated) संरचना है जिसके मध्य में एक गुहा ब्लास्टोसील पायी जाती है जिसमें द्रव भरा रहता है।
ब्लास्टुला में अन्तर्वलन (invagination) के कारण दो स्तरों का निर्माण होता है तथा यह गैस्ट्रला (gastrula) में विकसित हो जाता है। गैस्टुला में बाहर की ओर बाह्य जनन स्तर (ectoderm) तथा अन्दर की ओर अन्त:जनन स्तर (endoderm) विकसित होते हैं। इन दोनों के अन्दर निर्मित गुहा को आरकैन्ट्रॉन (archenteron) कहा जाता है जो प्रारम्भिक आहारनाल होती है। यह बाहर की ओर ब्लास्टोपोर की सहायता से खुलती है।
अन्तः जनन स्तर अन्य कोशिकाओं का निर्माण करता है जो दोनों स्तरों के बीच मध्य जनन स्तर (mesoderm) का निर्माण करती है। आरकैन्ट्रॉन विकसित होकर दो देहगुहीय थैलियों (coelomic pouches) का निर्माण करती है। इस प्रावस्था में भ्रूण मुक्तप्लावी लारवा, में परिवर्धित हो जाता है।
लारवा का विकास (Larva development) Notes
स्टारफिश के विकास में तीन लारवा प्रावस्थाएँ पायी जाती हैं
- डाइप्लूरुला (Dipleurula)-सभी इकाइनोडर्म जन्तुओं में पायी जाने वाली यह प्रथम लारवा प्रावस्था है। इसे पूर्व बाइपिन्नेरिया (early bipinnaria) भी कहा जाता है। यह अण्डाकार तथा द्विपार्श्व सममित लारवा है जिसमें अन मध्य अन्तर्वलन के कारण स्टोमोडियम dgeum) का निर्माण होता है जो आरकैन्ट्रॉन के साथ मिलकर लारवा के मुख का निर्माण करता हैं।
ब्लास्टोपोर के द्वारा गुदा (anus) का निर्माण होता है। गैस्टुला में उपस्थित रोम दो स्तरों यवस्थित हो जाते हैं। बाह्य स्तर अधिमुखीय स्तर (preioral band) जबकि भीतरी स्तर
मुखीय स्तर (adoral band) कहलाता है। यह लार्वा डाएटम को भोजन के रूप में ग्रहण करता है तथा जल्द ही विकसित होकर दूसरा लार्वा प्रावस्था बाइपिन्नेरिया का निर्माण करता है।
(2) बाइपिन्नेरिया (Bipinnaria)-डाइप्ल्यूरा अपने अग्र सिरे पर एक बड़े अग्रमुखीय भाग (preoral lobe) का निर्माण करता है जिसके चारों ओर रोम उपस्थित होते है। प्रत्येक पार्श्व सिरे पर यह तीन पार्श्व भाग (lateral lobes) विकसित करता है जो पश्चमुखीय रोम से घिरे रहते हैं। अग्र तथा पश्चमुखीय रोम का निर्माण अधिमुखीय स्तर में विपाटन (splitting) के कारण होता है। इस लारवा प्रावस्था को बाइपिन्नेरिया कहा जाता है। यह मुक्तप्लावी प्रावस्था है जो कुछ सप्ताह पश्चात् तीसरी लारवा प्रावस्था में परिवर्धित हो जाती है।
(3) ब्रैकियोलेरिया (Brachiolaria)-अग्र तथा पार्श्व भाग विकसित होकर लारव की भुजाओं (larval arms) का निर्माण करता है। अग्रमुखीय भाग से तीन चूषके । (suckers) का निर्माण होता है। इस लारवा को ब्रैकियोलेरिया कहते हैं।
रूपान्तरण (Metamorphosis)-छ: से सात सप्ताह में ब्रैकियोलेरिया अपने वृन्त की सहायता से किसी आधार पर चिपक जाता है। अग्रमुखीय भाग (preoral lobe) इस वृत का निर्माण करता है जो बाद में विलुप्त हो जाता है। लारवा के पश्च भाग से स्टारफिश का रूपान्तरण होता है। लारवा में उपस्थित मुख, गुदा तथा रोम विलुप्त हो जाते हैं। नए मुख एव , गदा का निर्माण दायीं तथा बायीं सतह पर होता है। इसके साथ पाँच भुजाओं का निर्माण प्रारम्भ होता है जिनमें अरीय नालों (radial canals) एवं नाल पादों (tube feet) का निर्माण हे
जाता है।
नोट – इस प्रश्न-पत्र को पाँच खण्डों-अ, ब, स, द तथा इ में विभाजित किया गया है। खण्ड-अ (लघु उत्तरीय प्रश्न) में एक लघु उत्तरीय प्रश्न है, जिसके दस भाग हैं। ये सभी दस भाग अनिवार्य हैं। खण्डों-ब, स, द तथा इ (विस्तृत उत्तरीय प्रश्न) प्रत्येक में दो प्रश्न हैं। प्रत्येक खण्ड से एक प्रश्न करना है। विस्तृत उत्तर अपेक्षित है। अपने उत्तरों को उपयुक्त रेखाचित्रों से स्पष्ट कीजिए।
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