Internal Structure Of Stem Of Equisetum BSc Botany Notes
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प्रश्न 3 – इ क्वीसीटम के तने तथा मूल की आन्तरिक संरचना का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर –
इक्वीसीटम के तने की आन्तरिक रचना
(Internal Structure of Stem of Equisetum) Notes
तने की बाहरी सतह लहरदार होती है, इस पर उभार (ridges) तथा खाँचें (furrows)| होते हैं।
तने की इन्टरनोड (Internode of stem) Notes
अनुप्रस्थ काट में निम्न संरचनाएँ दिखाई देती है (चित्र)।
बाह्यत्वचा (Epidermis) Notes
यह बाहरी एकस्तरीय पर्त है जो मोटी क्यूटिकिल से ढकी रहती है। यह बाह्य त्वचा मिलिका मिलती है। इस कारण तना खुरदरा तथा एब्रसिव होता है। इस कारण तने के गुच्छों का बर्तन साफ करने हेतु प्रयोग किया जाता हैं तथा इन पौधों को स्कोरिंग रश (scouring rushes) कहते हैं। रन्ध्र वायवीय शाखाओं में मिलते हैं तथा धंसे (sunken) होते हैं। ___
कॉर्टेक्स (Cortex)—इसके दो भाग होते हैं-(i) बाहरी कॉर्टेक्स तथा (ii) भीतरी कॉर्टेक्स। बाहरी कॉर्टेक्स में प्रत्येक उभार के ठीक नीचे स्केलेरनकाइमा मिलता है। प्रायः स्केलेरनकाइमा किनारे वाले भाग में सीमित रहता है। इस ऊतक से प्ररोह को यान्त्रिक शक्ति मिलती है।
स्केलेरनकाइमा स्टैन्ड खाँचों (furrows) में भी मिलता है। यहाँ पर प्रत्येक स्ट्रेन्ड क्लोरेनकाइमा के वक्र स्ट्रैन्ड्स (strands) के मध्य स्थित रहता है। क्लोरेनकाइमा में भली प्रकार विकसित अन्तराकोशिकीय स्थान मिलते हैं। ये स्थान रन्ध्र के नीचे अत्यधिक-स्पष्ट होते हैं। क्लोरेनकाइमा के बैन्ड उभारों के नीचे स्थित स्केलेरनकाइमा स्ट्रड्स के नीचे मिलते हैं। क्लोरेनकाइमा बैन्ड के सिरे खाँचों में बाह्यत्वचा को छूते हैं। प्रकाश-संश्लेषण का कार्य तने द्वारा होता है। पत्तियाँ इसमें कोई योगदान नहीं करती हैं। बाह्य कॉर्टेक्स मरुद्भिद् लक्षण दिखाती हैं।
भीतरी कॉर्टेक्स पतली भित्ति वाली पेरेनकाइमा की कोशिकाओं से बनी होती है। इसमें सुविकसित अन्तराकोशिकीय स्थान में वायुस्थान मिलते हैं, यह वेलीकुलर कैनाल (Vallecular canal) कहलाती है। ये खाँच (furrows) के नीचे स्थित होते हैं। इनमें वायु भरी रहती है ये संवहनपूल के एकान्तर होते हैं। – एन्डोडर्मिस (Endodermis)-कॉर्टेक्स की अन्तिम पर्त एन्डोडर्मिस कहलाती है। कुछ जातियों में जैसे इक्वीसीटम अरवेन्स, इक्वीसीटम पालुस्टर; एन्डोडर्मिस पूरी स्टील को घेरे रहती है। परन्तु इक्वीसीटम जाइजेन्शियम, इक्वीसीटम लाइमीसम तथा अन्य जातियों में एन्डोडर्मिस प्रत्येक संवहन पूल को घेरती है।
इक्वीसीटम हाइमेल आदि में संवहन पूलों की वलय के अन्दर कॉमन एन्डोडर्मिस (inner endodermis) मिलती है, जो पिथ तथा बाहरी बण्डलों की वलय के बाहर की कमान एन्डोडर्मिस को अलग सीमित करती है। पेरीसाइकिल एकस्तरीय पर्त है जो एन्डोडर्मिस के ठीक नीचे मिलती है।
स्टील (Stele)-इक्वीसीटम में साइफोनोस्टील मिलती है। इसके यूस्टील पोलीफेसीकुलर साइफोनोस्टील भी कहते हैं। संवहन पूल वलय रूप में विन्यसित होते है। संवहन पूल उभारों के नीचे तथा वेलीकुलर कैनाल के एकान्तर होते हैं। पत्तियों की संख्या के बराबर संवहन पूल इन्टरनोड में मिलते हैं। संवहन पूल कन्ज्वाइन्ट, कोलेटरल (conjoint, collateral) तथा जाइलम एन्डार्क होता है। दो इन्टरनोड के संवहन पूल एक-दूसरे से एकान्तर करते हैं। कैम्बियम के अभाव में संवहन पूल बन्द तथा द्वितीयक वृद्धि नहीं मिलती है।
संवहन पूल के मध्य पेरेनकाइमेटस अन्तराल मिलते हैं। प्रत्येक संवहन पूल में प्रोटो तथा मेटा जाइलम व फ्लोएम होते हैं। मेटा जाइलम के दो समूह मिलते हैं एक-एक दोनों पार्वीय भाग पर। परिपक्व पूल में प्रोटोजाइलम के कुछ तत्त्व (elements of protoxylem) विघटित होकर एक गुहा बनाते हैं, जिसे केरीनल कैनाल (carinal canal) कहते हैं। केरीनल कैनाल के ऊपर या पार्श्व में एक या दो प्रोटोजाइलम की कोशिकाएँ मिलती हैं। गुहा में जल भरा रहता है। यह कॉर्टेक्स की वेलीकुलर कैनाल से एकान्तर होती है। मेटाजाइलम में स्केलरीफोर्म ट्रैकीड (scalariform tracheid) मिलती है। फ्लोएम दो मेटाजाइलम समूहों के मध्य मिलता है। फ्लोएम में सीव कोशिकाएँ व पेरेनकाइमा मिलती हैं। तने का मध्य भाग में खोखला पिथ (hollow pith) मिलता है।
मूल (Root) Notes
इसकी संरचना निम्न प्रकार की होती है। सबसे बाहरी पर्त पिलीफेरस पर्त कहलाती है। इस पर एककोशिकीय मूलरोम निकलते हैं। इस पर्त के नीचे कॉर्टेक्स का बहुस्तरीय स्तर होता है। छोटी जड़ों का कॉर्टेक्स दो भागों में बँटा होता है। बाहरी भाग 3-4 स्तरीय मोटा होता है जो लिग्नीफाइड कोशिकाओं का बना होता है तथा एक्जोडर्मिस (exodermis) का निर्माण करता है। अन्दर वाला कॉर्टेक्स का भाग पतली भित्ति वाली पेरेनकाइमा की कोशिकाओं का बना होता है। इनमें सुविकसित अन्तराकोशिकीय अवकाश होते हैं।
एन्डोडर्मिस, पेरीसाइकिल सुविकसित होते हैं तथा एकस्तरीय होते हैं। स्मिथ के अनुसार एन्डोडर्मिस दो स्तरीय होती है। पार्श्व जड़ें पेरीसाइकिल से निकलती हैं इनका उद्गम एन्डोजीनियस होता है।
स्टील ट्रायार्क के हेक्जार्क तक हो सकती है। केन्द्र में एक मेटाजाइलम होता है जो तीन से छ: प्रोटोजाइलम बिन्दुओं से घिरा रहता है। प्रोटोजाइलम में एक ट्रेकीड होती है। जाइलम एक्सार्क (exarch) होता है। फ्लोएम प्रोटोजाइलम से एकान्तरी होती है तथा सीव मोशिकाओं (sieve cells) व पेरेनकाइमा की बनी होती है।
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