Development Of Gemma BSc 1st Year Botany Notes
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प्रश्न 9 – मार्केन्शिया के जेमा रूप के विकास का वर्णन कीजिए। इसमें कूट–इलेटर की परिभाषा भी लिखिए।
उत्तर –
जेमा का विकास
(Development of Gemma) Notes
जेमा कैप्सूल के निचली सतह से उत्पन्न होते हैं। एक कोशिका में उभार (papilla) बनता है तथा यह कोशिका जेमा इनीशियल की तरह कार्य करती है। उस कोशिका में दो बार अनुप्रस्थ विभाजन से तीन कोशिकीय संरचना बनती हैं। निचली बेसल सेल, मध्य की स्टॉक सेल तथा ऊपरी प्राइमरी सेल। स्टॉक सेल में कोई विभाजन नहीं होता है। प्राइमरी सेल में आगे के विभाजन अनुप्रस्थ होने से एक 4-5 कोशिकीय तन्तु बन जाता है। इसके पश्चात् इसकी मध्य की कोशिकाओं में अभिनत (anticlinal) तथा परिनत (periclinal) विभाजन होते हैं। इसके बाद यह तन्तुमय संरचना एक अण्डाकार डिस्क के समान संरचना बन जाती है।
परिपक्व जेमा (Amature gemma)—यह डिस्काकार बहुकोशिकीय संरचना है जो जेमा कप में ऊर्ध्व अवस्था में एककोशिकीय स्टॉक सेल अथवा वृन्ती कोशिका के सहारे खडी रहती है। यह मध्य में बहुकोशिकीय होती है तथा ऊपर व नीचे से पतली रहती है। इसके पार्श्व – में दो खाँच किनारों पर मिलती हैं। ये दोनों वृद्धि बिन्दु हैं, जो विपरीत दिशा में वृद्धि करेंगे।
जेमा की कोशिकाओं में हरितलवक मिलता है। इसके किनारे की कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट अथवा हरितलवक नहीं मिलता है, परन्तु इनमें कुछ तेल गोलिकाएँ मिलती हैं। चपटी सतह की कुछ कोशिकाओं में दानेदार जीवद्रव्य मिलता है, इन्हें राइजोइडल कोशिका कहते हैं। ये राइजोइडल कोशिका अंकुरण के समय राइजोइड बनाती हैं, जेमा कप में कुछ रोमिल संरचनाएँ भी मिलती हैं जो श्लेष्मा (mucilage) का स्रावण (secretion) करती हैं। ये संरचनाएँ मुग्दराकार होती हैं। इनकी कोशिकाएँ पानी का अवशोषण करती हैं तथा जेमा कप से जेमा के अलग होने में सहायता करती हैं।
जेमा का अंकुरण (Germination of Gemma)-जेमा मृदा में गिरकर अनुकूल परिस्थितियों में अंकुरित होते हैं। राइजोइडल कोशिका सर्वप्रथम मृदा के सम्पर्क में आती है तथा राइजोइड बनता है। किनारे की खाँच पर उपस्थित वृद्धि कोशिका की वृद्धि से विपरीत दिशाओं में दो सूकाय बनते हैं। कुछ समय के पश्चात् जेमा का मध्य भाग मृत हो जाता है तथा दोनों सूकाय अलग हो जाते हैं। सामान्यत: नर सूकाय के जेमा नर सूकाय बनाते हैं तथा मादा सूकाय के जेमा मादा सूकाय बनाते हैं। ..
कूट–इलेटर
(Pseudo-elater) Notes
यह 3-4 कोशिकीय लम्बी शाखित अथवा अशाखित संरचना है। इस पर स्पाइरल स्थूलन (spiral thickening) नहीं मिलते हैं, परन्तु ये आर्द्रताग्राही. (hygroscopic) होती हैं। उदाहरण-एन्थोसिरोस का स्पोरोफाइट।
इलेटर (Elater) ___ Notes
यह लम्बी स्पिन्डल आकार (spindle shaped), बन्ध्य, आर्द्रताग्राही (hygroscopic) कोशिका है जो कुछ ब्रायोफाइटा के स्पोरेन्जियम में मिलती है; जैसे—मार्केन्शिया Marchantia)।