Describe the Fundamental Postulates kinetic Theory ideal Gas
Describe the Fundamental Postulates kinetic Theory ideal Gas:-The Laws of Thermodynamics: The Zeroth law, various indicator diagrams, work done by and on the system, first law of thermodynamics. internal energy as a state function and other applications. Reversible and irreversible changes. Carnot cycle and its efficiency, Carnot theorem and the second law of thermodynamics. Different versions of the second law, practical cycles used in internal combustion engines. Entropy, principle of increase of entropy. The thermodynamic scale of temperature, its identity with the perfect gas scale. Impossibility of attaining the absolute zero, third law of thermodynamics.
खण्ड ‘ब‘
प्रश्न 1. आदर्श गैस के लिए अणुगति सिद्धान्त की मूल संकल्पनाओं का वर्णन कीजिए। किसी आदर्श गैस द्वारा उत्पन्न दाब के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए। .
Describe the fundamental postulates of the kinetic theory of an ideal gas. Find the expression for the pressure exerted by an ideal gas.
उत्तर : गैस द्वारा आरोपित दाब (Pressure exerted by a gas)-जब एक निश्चित द्रव्यमान की आदर्श गैस को एक बर्तन में भरा जाता है तो गैस के अणु बर्तन की दीवारों से टकराते हैं तथा टकराकर वापस लौटते रहते हैं। दीवार के साथ टक्कर के कारण, प्रत्येक अणु का संवेग परिवर्तित हो जाता है। न्यूटन के द्वितीय नियमानुसार संवेग-परिवर्तन की दर, आरोपित बल के बराबर होती है। इस प्रकार गैस दीवारों पर एक दाब (प्रति एकांक क्षेत्रफल पर संवेग-परिवर्तन की दर) आरोपित करती है।
मूल संकल्पनाएँ (Fundamental postulates)— गैस के दाब की गणना करने के लिए गैस के सम्बन्ध में निम्नलिखित संकल्पनाएँ दी गयी हैं जो एक आदर्श गैस के लिए – सत्य हैं
(1) गैस अत्यन्त छोटे–छोटे अदृश्य, पूर्णतः प्रत्यास्थ कणों से मिलकर बनी होती हैं जिन्हें अणु (molecule) कहते हैं। किसी गैस के अणु दृढ़ एवं समान होते हैं तथा इनका सूक्ष्म आकार गैस के आयतन की तुलना में उपेक्षणीय होता है।
(2) अणुओं का द्रव्यमान नगण्य तथा वेग अत्यधिक होता है, अतः अणुओं की गति पर गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव नहीं पड़ता।
(3) अणुओं के बीच संघट्ट तथा अणुओं एवं बर्तन की दीवारों के बीच संघट्ट पूर्णत: प्रत्यास्थ (elastic) होते हैं, फलस्वरूप संघट्ट में गतिज ऊर्जा की हानि नहीं होती है।
(4) दो अणुओं के बीच संघट्टों का समय, मुक्त पथ में लगे समय की तुलना में नगण्य होता है।
(5) गैस में अन्तर-आण्विक दूरी, ठोसों एवं द्रवों की तुलना में बहुत अधिक होती है और इसी कारण गैस के अणु पूरे खाली स्थानों में घूमने के लिए स्वतन्त्र होते हैं।।
(6) दो लगातार संघट्टों के बीच किसी अणु द्वारा चली औसत दूरी की अपेक्षा अणुओं का आकार अनन्त सूक्ष्म होता है। दो लगातार संघट्टों के बीच अणु द्वारा चली दूरी ‘मुक्त पथ’ (free path) तथा सभी अणुओं के मुक्त पथों का औसत, ‘औसत मुक्त पथ’ (mean free path) कहलाता है।
(7) किन्हीं दो संघट्टों (collisions) के बीच अणु सीधी रेखा में चलते हैं। संघट्ट के कारण आण्विक घनत्व (molecular density) परिवर्तित नहीं होता है क्योंकि बर्तन में गैस के अणु एक स्थान पर संचित नहीं होते हैं।
आदर्श गैस के दाब का व्यंजक (Expression for pressure of an ideal gas)-माना एक आदर्श गैस । भुजा तथा पूर्णतः प्रत्यास्थ दीवारों वाले एक घनाकार (cubical) बर्तन में भरी है। माना बर्तन में गैस के कुल अणुओं की संख्या n तथा प्रत्येक अणु का द्रव्यमान m है। माना घन की भुजाएँ Ox, OY व 0Z-अक्षों के समान्तर हैं
चूँकि अणु एवं दीवार पूर्णतः प्रत्यास्थ हैं, अत: संघट्ट में अणु की चाल नहीं बदलती केवल दिशा बदल जाती है। इसलिए संघट्ट के बाद अणु का वेग v1 से बदलकर V1x हो जाता है। अत: संघट्ट के बाद
X-अक्ष के अनुदिश संवेग
= m (-v1x) = – mv1x
यह परिणाम इस अणु की गति के दौरान संघट्टों से अप्रभावित रहता है क्योकि अणुओं के पूर्णतः प्रत्यास्थ होने के कारण संघट्ट में गतिज ऊर्जा की कोई हानि नहीं होती है। चूंकि गैस के सभी अणु समरूप (identical) होते हैं तथा संघट्ट में लगा समय नगण्य होता है, अत: हम मान सकते हैं कि अणु अपनी प्रारम्भिक चाल से लगातार चलता रहता है। यदि अणुओं की कुल संख्या n हो, तब तल DEFA पर टकराने के कारण संवेग में प्रति सेकण्ड परिवर्तन
गैस का दाब उसके एकांक आयतन में अणुओं की गतिज उर्जा का-तिहाई होता है