BSc Zoology Structure Of Mitochondria Question Answer
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Unit II
प्रश्न 1- माइटोकॉन्ड्रिया की संरचना व कार्यों का वर्णन कीजिए।
Describe the structure and functions of Mitochondria.
अथवा कणांग की संरचना व कार्यों की व्याख्या कीजिए।
Describe the structure and functions of mitochondria.
उत्तर –
माइटोकॉन्ड्रिया (कणांग) की संरचना
(Structure of Mitochondria) Notes
माइटोकॉन्ड्रिया को सर्वप्रथम कोलिकर (Kollicker, 1880) ने कीटों की रेखिए पेशियों में देखा। अल्टमान (Altmann, 1890) ने इन्हें बायोप्लास्ट कहा। बेण्ड (C. Benda, 1897) ने इन्हें माइटोकॉन्ड्रिया कहा। माइटोकॉन्ड्रिया को कॉन्ड्रियोसोम chondriosomes) तथा कणांग भी कहते हैं। यह शलाका, गोल अथवा कणिकारूपी होते हैं। इनकी लम्बाई 404 तक तथा व्यास 3-51 तक होता है। इनका औसतन आकार 3-5um लम्बाई और व्यास 0.5-1:0um होता है। प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में इनका अभाव होता है।
परासंरचना (Ultrastructure)—यह दोहरी इकाई कला वाली संरचना है। बाह्य पर्त चिकनी तथा अन्दर की पर्त में अंगुलियों के समान अन्तर्वलन मिलते हैं जिन्हें क्रिस्टी (cristae) कहते हैं। दोनों पर्तों के मध्य के स्थान को पेरीमाइटोकॉन्ड्रियल स्थान (perimitochondrial space) कहते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया की गुहा में प्रोटीनयुक्त मैट्रिक्स मिलता है। क्रिस्टी की सतह पर छोटे-छोटे कण मिलते हैं जिन्हें F1 कण अथवा ऑक्सीसोम (oxysomes) कहते हैं। ऑक्सीसोम श्वसन क्रिया में ऑक्सीकरणीय फॉस्फेटीकरण (oxidative phosphorylation) क्रिया में ATP निर्माण में भाग लेते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया के क्रिस्टी पर इलेक्ट्रॉन अभिगमन (electron transport) होता है, जिसके फलस्वरूप ATP बनते हैं। इसके मैट्रिक्स में DNA, राइबोसोम, जल, लवण तथा क्रेब्स चक्र सम्बन्धी विकर आदि मिलते हैं
रासायनिक संघटन (Chemical composition) इनमें 65-70% प्रोटीन, 25% फॉस्फोलिपिड, कुछ मात्रा में DNA व RNA आदि मिलते हैं। अन्दर की कला में श्वसन तन्त्र श्रृंखला सम्बन्धी सभी साइटोक्रोम जैसे Cyt b, c, a, ag, क्वीनोन, NAD, FAD, FMN आदि मिलते हैं।
माइटोकॉन्ड्रिया के कार्य
(Functions of Mitochondria) Notes
माइटोकॉन्ड्रिया के मैट्रिक्स में क्रेब्स चक्र तथा ऑक्सीसोम (F,1 कण) पर श्वसन श्रृंखला का इलेक्ट्रॉन अभिगमन तन्त्र सम्पन्न होता है, इससे मुक्त ऊर्जा ATP में संचित होती है। ATP समस्त जैविक क्रियाओं के लिए गतिज ऊर्जा प्रदान करता है। माइटोकॉन्ड्रिया को ‘कोशिका का ऊर्जा गृह’ (Power House of the Cell) कहते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया में स्वद्विगुणन की क्षमता होती है।
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