Alternation Of Generation In Cycas BSc Botany Notes
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प्रश्न 10 – साइकस में पीढ़ी एकान्तरण का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर –
साइकस में पीढ़ी एकान्तरण
(Alternation of Generation in Cycas) Notes
साइकस का पौधा स्पोरोफाइट होता है जिसमें नर तथा मादा जनन अंग अलग-अलग पौधों पर मिलते हैं।
नर पौधे पर नर शंकु (male cone) मिलते हैं। नर शंकु में अनेक लघुबीजाणुपर्ण होते हैं। प्रत्येक लघुबीजाणुपर्ण में लघुबीजाणुधानियाँ मिलती हैं जिनमें अनेक लघुबीजाणु मातृ कोशिकाएँ मिलती हैं। इनमें अर्द्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप अगुणित लघुबीजाणु या परागकण बनते हैं।
मादा पौधे में मेगास्पोरोफिल मिलती है, जिन पर बीजाण्ड लगे होते हैं। बीजाण्ड में गरुबीजाणु मातृ कोशिका के अर्द्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप चार अगुणित गुरुबीजाणु बनते हैं जिनमें से तीन नष्ट हो जाते हैं तथा केवल एक ही सक्रिय होता है।
नर युग्मकोद्भिद् दो नर युग्मकों (male gametes) को बनाता है। मादा युग्मकोद्भिद् एक या अनेक स्त्रीधानी बनाते हैं जिनमें मादा युग्मक या अण्ड मिलता है। भ्रूणपोष अगुणित (n) होता है। वायु द्वारा परागण के पश्चात् नर युग्मकोद्भिद् बीजाण्ड तक पहुँचता है, जहाँ से वह परागकोश में प्रवेश करता है। यहाँ पर पराग नली विकसित होती है जिसमें दो नर युग्मक या स्पर्मेटोजोइड बनते हैं। नर तथा मादा युग्मकों के संलयन (fusion) से द्विगुणित युग्मनज बनता है, जो वृद्धि करके प्राक्भ्रूण बनाता है। इससे भ्रूण बनता है। भ्रूण बीज में रहता है तथा अंकुरित होकर नया बीजाणुउद्भिद् बनाता है।
इस प्रकार बीजाणुउद्भिद् व युग्मकोद्भिद् पीढ़ियाँ एक-दूसरे से एकान्तरण करती हैं। जीवन चक्र में बीजाणुउद्भिद् (स्पोरोफिटिक) पीढ़ी प्रभावी होती है।