Development Of Embryo In Cycas BSc Botany Notes

Development Of Embryo In Cycas BSc Botany Notes

 

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प्रश्न 9 – साइकस में भ्रूण के विकास का सचित्र वर्णन कीजिए। 

उत्तर –

साइकस में भ्रूण का विकास 

(Development of Embryo in Cycas)

निषेचन के पश्चात् युग्मनज मुक्त केन्द्रीय विभाजन (free nuclear division) के फलस्वरूप प्राक्भ्रूण (proembryo) बनाता है। इसके तीन भाग होते हैं सबसे ऊपर का चूषकांग क्षेत्र (haustorial region), बीच का निलम्बक क्षेत्र (suspensor region) तथा नीचे का भ्रूणीय क्षेत्र (embryonal region)।

(1) चूषकांग क्षेत्र का मुख्य कार्य बीजाण्डकाय से बढ़ते हुए भ्रूण के लिए भोजन चसने का है।

(2) निलम्बक भाग लम्बाई में बढ़कर कुण्डलित (spiral) हो जाता है जिसके कारण भ्रूण को भ्रूणपोष (endosperm) में धकेल दिया जाता है। ___

(3) भ्रूण क्षेत्र से लगभग एक वर्ष में पूर्ण वृद्धि के बाद भ्रूण बनता है। परिपक्व भ्रूण में नीचे की तरफ दो बीजपत्र (cotyledons) होते हैं जिनके मध्य में एक हरी पत्ती, एक या अधिक शल्क पत्तियाँ (scale leaves) व स्तम्भ शीर्ष (stem apex) होता है स्तम्भ शीर्ष (stem apex) होता है। स्तम्भ शीर्ष से

कुछ ऊपर मूलांकुर (radicle) होता है, जो जड़ का निर्माण करता है। मूलांकुर तथा स्तम्भ शीर्ष के बीच के भाग को बीजपत्राधर (hypocotyl) कहते हैं। मूलांकुर के ऊपर एक अंश रूप में निलम्बक से बनी एक संरचना होती है जिसे मूलांकुर चोल (coleorhiza) कहते हैं।

Development Of Embryo In Cycas
Development Of Embryo In Cycas

साइकस सर्सिनेलिस में दो परिपक्व भ्रूण एक बीज में मिलते हैं, जो दो निषेचित स्त्रीधानियों से बने होते हैं। एक बीज में एक से अधिक भ्रूण पाए जाने को बहुभ्रूणता (polyembryony) कहते हैं।

निषेचन के पश्चात् बीजाण्ड में अनेक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं जिनका विवरण निम्नांकित तालिका में दिया गया है –

तालिका : निषेचन के बाद बीजाण्ड में होने वाले परिवर्तन

क्र० सं० 

(S. No.)

निषेचन से पूर्व (Before fertilization)

 

निषेचन के बाद (After fertilization)
1. बीजाण्ड (Ovule) बीज (Seed)
2. बीजाण्डद्धार (micropyle)..2n बीजाण्डद्धार (micropyle)..2n
3. अध्यावरण (integument)..2n

(a)            बाह्य देदार पर्त (outer fleshy layer)..2n

(b)            मध्य अष्ठिल पर्त (middle stony layer)..2n

(c)            भीतरी गूदेदार पर्त (inner fleshy layer)…2n

बीजचोल (sarcotesta)..2n

(a)          (sarootesta)..2n

(b)          (sclerotesta)..2n

(c)          (thin papery layer)..2n

4. बीजाण्डकाय (nucellus)..2n अण्डद्धार की तरफ एक शुष्क, पतली टोपीनुमा संरचना बनाता है। (papery caplike structure towards micropylar end)..2n
5. भ्रणपोष या मादा युग्मकोदभिद् (endosperm or female gametophyte)..n भ्रणपोष (endosperm)..2n
6. युग्मनज (zygote)..2n भ्रण (embryo)..2n

 

 

साइकस के बीज बिना विश्राम किए अंकुरित होने लगते हैं। अंकुरण हाइपोजियन (hypogeal) होता है। मूलांकुर (radicle) मूलांकुर चोल (coleorhiza) को भेदता हआ बाहर निकलकर प्राथमिक जड़ (primary root) बनाता है। प्रांकुर (plumule) एक पत्ती-धारक प्ररोह (shoot) की भाँति वृद्धि करता है। युवा पत्ती कुण्डलित (circinate) होती है।

 


 

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