BSc 1st Year Botany Reproduction In Sargassum Notes
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प्रश्न 5 – सरगासम में प्रजनन व निषेचन का वर्णन कीजिए।
उत्तर –
सरगासम में प्रजनन (Reproduction in Sargassum) Notes
सरगासम में कायिक जनन विखण्डन (fragmentation) द्वारा होता है। इसमें किसी प्रकार अलैंगिक जनन नहीं पाया जाता है। लैंगिक जनन ऊगैमस (oogamous) प्रकार का होता है। विखण्डन स. नेटेन्स में जनन की सामान्य विधि है। कभी-कभी पादप के पुराने परिपक्व भागों में मृत होने पर शाखा अलग होकर नया पादप बना लेते हैं।
लैंगिक जनन (Sexual reproduction) Notes
सरगासम के जनन अंग रिसेप्टेकल पर मिलने वाले नर व मादा कन्सेपटेकल में मिलते हैं। नर कन्सेप्टेकल में एन्धीडिया तथा मादा कन्सेप्टेकल में ऊगोनिया मिलते हैं।
कन्सेप्टेकल का विकास – कन्सेप्टेकल इनीशियल से विकसित होता है। यह कोशिका बड़ी हो जाती है तथा फ्लास्क का आकार ले लेती है (चित्र A)। इसका केन्द्रक बड़ा होकर दो भागों में विभाजित होता है। इससे दो असमान कोशिका बनती हैं। आधारीय कोशिका (base cell) तथा ऊपर की जीभिका कोशिका (tongue gell)। आधारीय कोशिका के बार-बार लम्बवत् विभाजन से एक फर्टाइल परत (fertile layer) बनती है (चित्र B)। इसकी कोशिकाओं से ही जनन अंग विकसित होते हैं।
एन्थ्रीडियम – परिपक्व एन्थ्रीडियम की भित्ति दो स्तरीय होती है। बाहरी पर्त एक्सोचाइट (exocite) तथा अन्तः परत को एन्डोचाइट (endochite) कहते हैं। एक्सोचाइट कठोर तथा एन्डोचाट जिलेटिन युक्त होती है। परिपक्व एन्थ्रीडिया वृन्त के साथ ही अलग होकर कन्सेप्टेकल के ऑस्टिओल (Ostiole) से पानी में आ जाते हैं। भित्ति के गलने के कारण पुंमणु पानी में विभेदित होते हैं।
ऊगोनियम का विकास
(Development of oogonium) Notes
ऊगोनियम इनीशियल मादा कन्सेप्टेकल के फर्टाइल पर्त की एक कोशिका है। इसमें अनुप्रस्थ विभाजन से वृन्त कोशिका (निचली) तथा ऊगोनियल कोशिका (ऊपर) बनती है। ऊगोनियल कोशिका गोल तथा बड़ी हो जाती है। इसमें सघन कोशिकाद्रव्य तथा बड़ा केन्द्रक (2x) मिलता है। इसमें संचित पदार्थ अधिक मात्रा में तेल गुलिकाओं के रूप में मिलता है। द्विगुणित केन्द्रक अर्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप 4 अगुणित केन्द्रक (x) बनती है। इन चार केन्द्रकों में सूत्री विभाजन से 8 केन्द्रक बनते हैं। इनमें से 7 नष्ट हो जाते हैं केवल एक केन्द्रक ही अण्ड केन्द्रक बचता है जो ऊगोनियम के केन्द्र में आ जाता है। परिपक्व ऊगोनियम त्रिस्तरीय भित्ति का बना होता है। बाह्य भित्ति एक्सोचाइट, मध्य भित्ति मीसोचाइट तथा अन्तः भित्ति एन्डोचाइट कहलाती है। परिपक्व ऊगोनियम अण्ड के साथ ओस्टिओल के द्वारा पानी में धकेला जाता है, परन्तु वह जिलेटिन युक्त वृन्त के साथ कन्सेप्टेकल से जुड़ा रहता है। एक्सोचाइट फट जाता है तथा मीसोचाइट से जिलेटिन युक्त वृन्त बनता है। इस समय अण्ड केवल एन्डोचाइट से घिरा रहता है।
निषेचन (Fertilization) Notes
पुमंग जो पानी में स्वतन्त्र रूप से तैर रहे हैं अण्ड के चारों ओर एकत्र हो जाते है। पुंमणु अण्ड के साथ लम्बी कशाभिका से जुड़ता है। छोटी पश्च कशाभिका स्वतन्त्र होती पुंमणु का केन्द्रक अण्ड में प्रवेश करता है। कुछ समय तक नर व मादा केन्द्रक एक साथ रहते हैं और बाद में वे संगलित हो जाते हैं। यह क्रिया पानी में ही होती है। निषेचन के पश्चात ,अण्ड वापस ओस्टिओल से कन्सेप्टेकल में खींच लिया जाता है। यह कन्सेप्टेकल की भित्ति से जुड़ जाता है। कुछ समय पश्चात् यह जाइगोट बड़ा हो जाता है और फिर पानी में छोड़ दिया जाता है। ऊगोनिया की भित्ति जिलेटिन युक्त रहती है। जाइगोट में विभाजन होता है तथा दो कोशिकाएं बनती हैं। निचली कोशिका में विभाजन होने से राइजोइड़ तथा ऊपर की कोशिका में विभाजन होने से द्विगुणित पादप बनता है (चित्र)।
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