Sex Linked Inheritance BSc Zoology Question Answer Notes
Sex Linked Inheritance BSc Zoology Question Answer Notes :- In this post all the questions of the second part of zoology are fully answered. This post will provide immense help to all the students of BSc zoology. All Topic of zoology is discussed in detail in this post.
प्रश्न 9 – लिंग–सहलग्न वंशागति से आपका क्या अभिप्राय है? लाल की अन्धता की पीढ़ी–दर–पीढ़ी हस्तान्तरित होने की मनुष्यों में क्या–क्या सम्भावना होती हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
What do you understand by Sex-linked Inheritance ? What are probabilities of inheritance of re-green colour blindness generation after generation ? Explain with examples.
अथवा लिंग सहलग्न गुणों का उचित उदाहरणोंसहित वर्णन कीजिए।
Describe the sex linked characters with suitable example.
उत्तर –
लिंग–सहलग्न वंशागति
(लिंग–सहलग्न लक्षणों की वंशागति)
(Sex-linked Inheritance or Inheritance of Sex-Linked Characters)
मोर्गन (1910) ने ड्रोसोफिला मिलानोगेस्टर के ऊपर प्रयोग करके यह बताया कि इस कीट में कुछ ऐसे जीन होते हैं जो X-क्रोमोसोम पर लगे होते हैं। इन क्रोमोसोम को लिंग गुणसूत्र या सेक्स क्रोमोसोम कहते हैं। ड्रोसोफिला, मनुष्य तथा अन्य जीवों में लिंग गुणसूत्रों का एक युग्म पाया जाता है। नर प्राणियों में यह युग्म विषमरूपी (heteromorphic) होता है जिसका एक गुणसूत्र X तथा दूसरा Y कहलाता है। मादा में यह समरूपी अर्थात् Xx होता है। इन क्रोमोसोम द्वारा ये जीन लिंग-गुणों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाते हैं, अर्थात् वंशागत करते हैं। ये सभी जीन सहलग्न होते हैं। इसीलिए इन जीन्स को लिंग–सहलग्न जीन कहते हैं और वह घटना जिसमें ये लिंग गुणों को वंशागत करते हैं, लिंग–सहलग्न वंशागति या लिंग–सहलग्न लक्षणों की वंशागति कहलाती है।
मानव रंग विक्षेपण (colour blindness) तथा रुधिर निस्तरा या हीमोफीलिया रोग वंशागत हैं जो कि X-गुणसूत्र पर स्थित लिंग-सहलग्न जीन द्वारा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंच जाते हैं।
लिंग गुणसूत्रों पर उपस्थित लक्षणों की वंशागति
(Inheritance of Characters located on Sex-chromosomes)
इसको समझने के लिए नर में X-गुणसूत्रों के प्रेषण को ध्यान में रखना चाहिए। पुत्री को सदा नर का X-गुणसूत्र प्राप्त होगा, जबकि मादा का X-गुणसूत्र पुत्रियों एवं पुत्रों दोनो में वितरित होगा। अत: यदि मादा जनक में अप्रभावी लक्षण समयुग्मजी दशा में और नर जनक में प्रभावी युग्मविकल्पी है तो F सन्तति में प्राप्त होने वाले मादा जीव का लक्षणप्ररूप विषमयुग्मजी होगा और नर जीव में केवल अप्रभावी लक्षणप्ररूप होंगे। यदि सन्तति के जीवों में पारस्परिक संकरण होने दिया जाता है तो लिंग के अनुसार एक क्रिसक्राँस प्रकार की वंशागति प्राप्त होती है। इस प्रकार पिता का लक्षण F, सन्तति में पुत्री जाता है और फिर F2 सन्तति में यही लक्षण पुत्री से अगली सन्तति में जाता है।
लाल–हरे रंग की अन्धता की पीढ़ी–दर–पीढ़ी
हस्तान्तरण की सम्भावनाएँ –
(Probabilities of Inheritance of Colour blindness
generation after generation)
रंग विक्षेपण की वंशागति नर द्वारा अपनी साधारण पुत्रियों द्वारा अपने लगभग आधे पोतों में होती है। यह लिंग-सहलग्न जीन द्वारा वंशागत होती है। मनुष्य में बीस जीन लिंग-सहलग्न होते हैं जो कि X-गुणसूत्रों पर स्थित होते हैं।
लाल-हरे रंग की विक्षेपणता वंशागत बीमारी है। इनके जीन लिंग-सहलग्न होते हैं और अपने सामान्य एलील के प्रति अप्रभावी (recessive) होते हैं।
(1) यदि साधारण दृष्टि की मादा को एक रंग-विक्षेपित नर से क्रॉस कराया जाए तो सभी पुत्र व पुत्रियाँ साधारण दृष्टि के पैदा होंगे। लेकिन जब इस क्रॉस से उत्पन्न मादा को साधारण दृष्टि के नर से क्रॉस कराया जाए तो कुछ रंग विक्षेपित पुत्र पैदा होंगे।
(2) यदि रंग-विक्षेपित स्त्री का पति साधारण दृष्टि का है तब उसके पुत्र रंग, विक्षेपित होते हैं तथा पुत्रियाँ साधारण दृष्टि की होती हैं। लेकिन जब इन पुत्रियों के पति रंग-विक्षेपित हों तब इनके पुत्र तथा पुत्रियाँ बराबर के अनुपात में रंग-विक्षेपित तथा साधारण दृष्टि के होते हैं।
(3) यदि किसी रंग-विक्षेपित स्त्री का पति भी रंग विक्षेपण की बीमारी लिए हुए हो तब उनमें उत्पन्न होने वाली पुत्रियों में भी यह रंग विक्षेपण की बीमारी आ जाती है।
(4) रंग-विक्षेपित मादा का पिता सदैव रंग-विक्षेपित होता है।
(5) रंग-विक्षेपण नर में अधिक व मादा में बहुत ही कम पाया जाता है।
उदाहरण –
रंग – विक्षेपित स्त्री साधारण दृष्टि वाला पुरुष
Parent cx cx CC
Gametes cx cx CC
Fi ccx
पुत्र रंग–विक्षेपित पुत्री साधारण दृष्टि वाली
मादा के X – गुणसूत्र में रंग प्रभावी जीन पिता से आया है।
विक्षेपण जीन विद्यमान है .
क्योंकि यह जीन अकेला है
इसलिए अपना प्रभाव
दिखाता है।
(ii) साधारण दृष्टि वाली स्त्री
रंग विक्षेपण ले जाने साधारण दृष्टि वाला
वाली पुत्री
यदि रंग विक्षेपण ले जाने वाली पुत्री का विवाह साधारण दृष्टि वाले पुरुष से होता है, तब एक पुत्री तथा एक पुत्र साधारण दृष्टि वाले होते हैं और एक पुत्री रंग विक्षेपण रखने वाली होती है तथा एक पुत्र रंग-विक्षेपित होता है।
CC : Cc CY cY
साधारण वाहक साधारण रंग-विक्षेपित
पुत्री पुत्री पुत्र पुत्र
(iii) यदि साधारण दृष्टि वाले पुरुष का विवाह साधारण दृष्टि वाली स्त्री से होता है, तब भी सन्तान साधारण दृष्टि वाली होती है।
साधारण दृष्टि वाली स्त्री , x साधारण दृष्टि वाला पुरुष
CC CC CC CY CY CY
साधारण दृष्टि वाली साधारण दृष्टि वाले पुत्र
पुत्रियाँ
- पुरुष में रंग विक्षेपण मादा की अपेक्षा कहीं अधिक दिखाई देता है।
- स्त्री के रंग-विक्षेपित होने के लिए दो अप्रभावी रंग-विक्षेपित जीन होने आवश्यक हैं. जो बहुत कठिनाई से होता है, जबकि नर में एक ही रंग-विक्षेपित जीन अपना प्रभाव दिखाने के लिए काफी होता है।
- पुरुष कभी भी रंग विक्षेपण वाहक नहीं होता।
- रंग-विक्षेपित स्त्री का पिता सदैव रंग-विक्षेपित होता है।
- रंग-विक्षेपित स्त्री तभी रंग-विक्षेपित पुत्री को जन्म देगी, जब उसका पति भी रंग विक्षेपित हो।
- साधारण दृष्टि वाली स्त्री जिसका पति रंग-विक्षेपित हो, सदैव पत्र व पत्रियाँ रग विक्षेपित व साधारण दृष्टि की बराबर अनुपात में जन्म देती हैं।
लिंग–सहलग्न वंशागति के नियम
(Laws of Sex-Linked Inheritance) Notes
(1) जब समयुग्मजी (homozygous) लिंग एक प्रभावी जीन को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुँचाते हैं तब F1 पीढ़ी के सभी offsprings में प्रभावी लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं, जबकि F2 पीढ़ी में तीन प्रभावी व पीढ़ी एक अप्रभावी लक्षणयुक्त offspring प्राप्त होते हैं।
(2) जब समयुग्मजी (homozygous) लिंग किसी अप्रभावी जीन को एक पीढ़ी से दसरी पीढ़ी में पहुँचाते हैं तब F पीढ़ी में प्रभावी तथा अप्रभावी दोनों ही उत्पन्न होते हैं।
इनमें नर व मादा दोनों बराबर-बराबर संख्या में लिंग सहलग्न लक्षण दिखाते हैं।
|
||||||