Blood Circulatory System Of Starfish Zoology Question Answer
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प्रश्न 3 – स्टारफिश के रुधिर संवहन तन्त्र का वर्णन कीजिए।
Describe the blood circulatory system of Starfish.
अथवा सितारा मछली के परिसंचरण तन्त्र का वर्णन कीजिए।
Describe the circulatory system of Starfish.
उत्तर –
स्टारफिश में रुधिर संवहन तन्त्र
(Blood Circulatory System of Starfish) Notes
इकाइनोडर्म जन्तुओं में वास्तविक रुधिर संवहन तन्त्र का अभाव होता है। स्टारफिश में संवहन तन्त्र परिरुधिर तन्त्र (perihaemal system) के अन्दर बन्द एक रुधिर तन्त्र (haemal system) द्वारा निरूपित होता है।
रुधिर तन्त्र
(Haemal System) Notes
स्टारफिश में यह तन्त्र अत्यन्त समानीत होता है और प्रगुही तरल से भरी एवं परस्पर जुडि कोटरों या नालों का बना होता है। इस तरल में प्रगुही कोशिकाएँ पायी जाती हैं। मुख्य रुधिर कोटरें अग्रलिखित होती हैं
- मुख रुधिर वलय (Oral haemal ring)
- 2. अरीय रुधिर कोटर या रज्जुक (Radial haemal sinuses or strands)
- 3. अक्षीय ग्रन्थि (Axial gland)
- 4. अपमुख रुधिर वलय (Aboral haemal ring)
- मुख रुधिर वलय (Oral haemal ring)—यह वृत्ताकार रुधिर कोटर है जो मुख के चारों ओर जल-संवहन तन्त्र की वलय नाल के ठीक नीचे पाया जाता है।
- अरीय रुधिर कोटर या रज्जुक (Radial haemal sinuses or strands) यह मुख रुधिर वलय से अरीय रूप में निकलते हैं ओर प्रत्येक भुजा में एक कोटर जल संवहन तन्त्र की अरीय नाल के ठीक नीचे वीथि खाँच के फर्श के साथ-साथ फैले रहते हैं। इनसे नाल पादों में छोटी-छोटी शाखाएँ जाती हैं।
- अक्षीय ग्रन्थि (Axial gland)—यह रुधिर तन्त्र का प्रमख भाग होता है जिससे प्राय: हृदय या ब्राउन ग्रन्थि (brown gland) कहा जाता है। यह परिरुधिर तन्त्र की अक्षीय कोटर के अन्दर बन्द रहती है। यह ग्रन्थि परस्पर जुड़े हुए अनेक छोटे-छोटे अवकाशों की बनल है
होती है। इन अवकाशों में एक तरल भरा होता है जिसमें अमीबाभ प्रगुही कोशिकाएँ होती हैं। कोशिकाओं में भूरे रंग का वर्णक होता है। अक्षीय ग्रन्थि अपने मुख एवं अपमुख सिरों द्वारा क्रमशः मुख एवं अपमुख रुधिर कोटरों से जुड़ी रहती हैं। इसके अपमुख सिरे से एक छाटा अन्तस्थ सिर प्रवर्ध (head process) निकलता है जो अश्म नाल (stone canal) , साथ-साथ बढ़कर एक छोटे प्रगुही कोष या पृष्ठ कोष (dorsal sac) में बन्द हो जाता है
पृष्ठ कोष प्रबन्धक के नीचे पाया जाता है। जठरागमी आमाशय की भित्ति में स्थित रुधिर कोटरों से एक जोड़ी जठर गुच्छे (gastric tufts) भी निकलते हैं और अक्षीय ग्रन्थि में उसके अपमुख सिरे के निकट खुल जाते हैं। इन जठर गुच्छों से होकर ही आमाशय से पचा हुआ भोजन रुधिर में पहुँचता है।
- अपमुख रुधिर वलय (Aboral haemal ring)—यह एक पंचभुजाकार वलय चाल है जो केन्द्रीय बिम्ब की अपमुख सतह के नीचे पायी जाती है। इस नाल-वलय से पाँच जोडी जननिक रुधिर डोरियाँ (genital haemal strands) निकलकर जनन ग्रन्थियों में होती है
कार्य (Functions) Notes
रुधिर निरन्तर बनाए रखा जाता है। अक्षीय ग्रन्थि एक जननिक देहाकुर की भाँति कार्य करती हैं, जिससे लिंग कोशिकाएँ बनती है और अमुख रूधिर वयल एंव उसकी शाखाओं द्धारा जनन ग्रन्थियों में पहुँचती हैं।
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